सरोजनी नगर मार्केट में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, व्यापारियों में गुस्सा!
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (27 मई 2025): दिल्ली की मशहूर सरोजिनी नगर मार्केट इन दिनों सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह उसकी सस्ती शॉपिंग या ट्रेंडी कपड़े नहीं, बल्कि एनडीएमसी की अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई है। जहां एक ओर साफ-सुथरी गलियों और चौड़ी सड़कों ने लोगों को राहत दी है, वहीं दूसरी ओर आधी रात को की गई इस कार्रवाई ने दुकानदारों में गुस्सा भर दिया है। बिना नोटिस और तैयारी के तोड़ी गई दुकानों ने मार्केट की छवि और व्यापार दोनों पर असर डाला है। एनडीएमसी के मुताबिक, मार्केट में 64 फीट चौड़ी सड़कें अतिक्रमण के कारण सिर्फ 4 फीट तक सिमट गई थीं। कार्रवाई के बाद अब रास्ते खुल गए हैं, पैदल चलना आसान हो गया है और अव्यवस्था में कमी आई है। लेकिन यह बदलाव सबके लिए अच्छा नहीं रहा। दुकानदारों का कहना है कि इस अभियान में वैध दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया गया और बिना किसी चेतावनी के छतें तक तोड़ दी गईं।
मीडिया से बातचीत के दौरान सरोजिनी नगर मार्केट से दुकानदारों और ग्राहकों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई। सरोजिनी नगर मिनी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई मनमानी और एकतरफा रही। उन्होंने आरोप लगाया कि वैध लाइसेंस वाले दुकानदारों को टारगेट किया गया जबकि अवैध फेरीवाले अब भी पुलिस चौकी के पास बैठकर धड़ल्ले से सामान बेच रहे हैं। उन्होंने निष्पक्ष जांच और उचित मुआवज़े की मांग की है। ग्राहक भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। टीनशेड और तिरपाल हटाए जाने से अब तेज धूप में उन्हें खुले में शॉपिंग करनी पड़ रही है। आर.के. पुरम से आई रिया ने कहा, “सड़कें तो साफ हैं, पर बिना शेड के बहुत परेशानी होती है।” महरौली की जौली कश्यप ने बताया कि “गर्मी के कारण जल्दी शॉपिंग खत्म करनी पड़ी, पहले जैसी रौनक नहीं रही।”
मार्केट के अंदरूनी हिस्सों में जहां दुकानदारों ने अपना सामान अंदर कर लिया है, वहीं बाहरी हिस्सों और पुलिस चौकी के पास अवैध दुकानें अब भी जमी हुई हैं। यह विरोधाभास प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। क्या कार्रवाई का उद्देश्य सिर्फ दिखावा था या फिर कुछ खास दुकानदारों को निशाना बनाना? इस तरह की कार्रवाई यदि पूर्व सूचना और संवाद के साथ की जाए, तो वह ज्यादा प्रभावी और न्यायसंगत होती है। खासकर जब बात रोज़ी-रोटी की हो, तो सरकार की जवाबदेही और बढ़ जाती है। असली सुधार वही होता है, जो सबकी भागीदारी से हो, न कि जबरन और एकतरफा फैसलों से।
सरोजिनी नगर मार्केट में फिलहाल बिक्री में गिरावट और भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कई दुकानदारों को डर है कि अगर जल्द ही हालात नहीं सुधरे, तो व्यापार में स्थायी नुकसान हो सकता है। ग्राहक भी चाहते हैं कि गर्मी से राहत देने के लिए अस्थायी शेड या छायादार व्यवस्थाएं की जाएं। अब जरूरत है कि प्रशासन अधिकृत दुकानदारों, बाजार संघों और स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर समाधान खोजे। किसी की रोज़ी-रोटी छीनकर सुधार नहीं किया जा सकता। अगर दिल्ली की यह प्रतिष्ठित मार्केट अपनी पहचान बनाए रखना चाहती है, तो उसे सबकी भागीदारी से फिर से संवारना होगा।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।