केजरीवाल की नौटंकी का जनता पर अब कोई असर नहीं: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (01 दिसंबर 2024): दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पानी फेंके जाने की घटना पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने इसे अरविंद केजरीवाल की “झूठी सहानुभूति बटोरने की पुरानी चाल” बताते हुए कहा कि अब दिल्ली की जनता इस तरह की नौटंकी से गुमराह नहीं होगी।

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह घटना अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार और निकम्मेपन का सीधा परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी जब चुनावों में जनता के बीच जाती है, तो उसके पास विकास कार्यों को लेकर कुछ भी ठोस नहीं होता। ऐसे में सहानुभूति पाने के लिए ये नए-नए पैंतरे अपनाते हैं।

भाजपा अध्यक्ष ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पानी फेंकने वाला व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि उन्हीं 10,000 बस मार्शलों में से एक है, जिन्हें अरविंद केजरीवाल की एक हस्ताक्षर से बेरोजगार कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को नैतिकता दिखाते हुए इस घटना के आरोपी बस मार्शल समेत सभी 10,000 बस मार्शलों से माफी मांगनी चाहिए, जिन्हें उनकी नीतियों ने सड़क पर ला दिया।

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पिछले 10 वर्षों से अपनी “नौटंकी” के जरिए जनता की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करते रहे हैं। लेकिन अब दिल्ली की जनता उनकी चालों को भली-भांति समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में ऐसा कोई चुनाव नहीं हुआ, जिसमें अरविंद केजरीवाल से जुड़ी कोई “अटपटी घटना” ना घटी हो।

सचदेवा ने कहा कि भाजपा हर प्रकार की हिंसात्मक घटनाओं की निंदा करती है, लेकिन अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी द्वारा समय-समय पर सहानुभूति बटोरने के लिए किए गए “प्रयोगों” की सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार ऐसी घटनाएं आम आदमी पार्टी खुद करवाती है, तो कई बार यह उनके भ्रष्टाचार का परिणाम होती हैं।

सचदेवा ने चेतावनी दी कि अरविंद केजरीवाल को अपना रवैया बदलना होगा और जनता के सामने वास्तविक मुद्दों और विकास कार्यों पर बात करनी होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के साथ खड़ी है और हर प्रकार के झूठ और पैंतरेबाजी का पर्दाफाश करती रहेगी।

यह घटना दिल्ली की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर गई है, जहां आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। जनता इस पूरे घटनाक्रम को किस नजरिए से देखती है, यह आगामी चुनावों में स्पष्ट होगा।

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