वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बढ़ सकती है मुश्किलें!, मानहानि मामले में कोर्ट ने मांगा जवाब

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (23 मई 2025): दिल्ली की राजनीति उस वक्त गरमा गई जब आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सोमनाथ भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कर दी। इस शिकायत पर दिल्ली की एक अदालत ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए वित्त मंत्री को नोटिस जारी किया है और उनसे 12 जून तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पारस दलाल ने स्पष्ट किया कि यह मामला संज्ञान के स्तर पर है और भारतीय न्याय प्रणाली के प्रावधानों के अनुसार आरोपी को अपनी बात रखने का अवसर दिया जाना आवश्यक है।

मजिस्ट्रेट ने यह भी बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत मामला हाल ही में मीडिया में आई रिपोर्टों के माध्यम से अदालत तक पहुंचा है, जिनमें कथित रूप से आपत्तिजनक और मानहानिकारक टिप्पणियां प्रकाशित की गई थीं। उन्होंने कहा कि इन आरोपों की विधिवत जांच होनी चाहिए और मामले को विधिक रूप से दर्ज किया जाना चाहिए। यह कदम न्यायिक पारदर्शिता और निष्पक्ष सुनवाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।

शिकायत के अनुसार, 17 मई 2024 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिपिका मित्रा और उनके पति सोमनाथ भारती के वैवाहिक संबंधों पर टिप्पणी की। आरोप लगाया गया है कि सीतारमण ने अपने बयानों में जानबूझकर ऐसे तथ्य सामने रखे जो न केवल अपमानजनक थे बल्कि भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण भी थे। शिकायत में कहा गया कि यह बयान सोमनाथ भारती की राजनीतिक छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से दिए गए थे ताकि आगामी आम चुनाव में उनके जीतने की संभावना को कम किया जा सके।

लिपिका मित्रा की ओर से दाखिल शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि सीतारमण ने जानबूझकर उनके और उनके पति के बीच पहले रहे मतभेदों का जिक्र किया लेकिन यह तथ्य छुपा लिया कि वे दोनों अब सुलह कर चुके हैं और एक साथ खुशी-खुशी रह रहे हैं। इस तरह की अधूरी जानकारी सार्वजनिक करने से न केवल उनकी निजता का उल्लंघन हुआ बल्कि उनके वैवाहिक जीवन को भी सार्वजनिक आलोचना का विषय बना दिया गया।

इस पूरे घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया है। एक ओर जहां आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोल रही है, वहीं भाजपा ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी मौसम में इस प्रकार की शिकायतें न केवल व्यक्तिगत मान-सम्मान से जुड़ी होती हैं, बल्कि वे राजनीतिक रणनीतियों का हिस्सा भी बनती हैं।

अब इस मामले में अगली सुनवाई 12 जून को निर्धारित की गई है, जिसमें सीतारमण का पक्ष अदालत के सामने आएगा। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या अदालत इस आपराधिक मानहानि के मामले को आगे बढ़ाने की अनुमति देगी या इसे प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज कर देगी। वहीं आम जनता इस मामले को राजनीति से जुड़ी मर्यादाओं और व्यक्तिगत जीवन की सीमाओं के बीच एक अहम उदाहरण के रूप में देख रही है।


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