अमेरिका-चीन में बनी बड़ी सहमति, 90 दिनों के लिए 115% टैरिफ में कटौती

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (12 मई 2025): अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे व्यापार युद्ध को लेकर आखिरकार एक बड़ी सहमति बन गई है। दोनों देशों ने जिनेवा में उच्च-स्तरीय वार्ता के बाद एक साझा समझौते की घोषणा की, जिसके तहत अगले 90 दिनों तक दोनों देश एक-दूसरे पर लगाए गए भारी टैरिफ को 115 प्रतिशत तक कम करेंगे। इस कदम से न केवल वैश्विक बाजारों में स्थिरता की उम्मीद जगी है, बल्कि यह भी संकेत मिला है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अब टकराव के बजाय संवाद की राह पर आगे बढ़ना चाहती हैं।

समझौते के तहत अमेरिका चीन से आयातित वस्तुओं पर अब 145% के बजाय केवल 30% टैरिफ लगाएगा, वहीं चीन अमेरिकी वस्तुओं पर अपने 125% के मौजूदा टैरिफ को घटाकर केवल 10% कर देगा। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध ने न केवल वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को प्रभावित किया था, बल्कि दुनियाभर के निवेशकों और कंपनियों की चिंता भी बढ़ा दी थी। जिनेवा में वार्ता के बाद अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने इसे ‘सकारात्मक प्रगति’ करार दिया और कहा कि अमेरिका चाहता है कि चीन अपना बाजार अमेरिकी सामानों के लिए और अधिक खोलने की दिशा में ठोस कदम उठाए।

इस समझौते की घोषणा के साथ ही चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने इसे वैश्विक हित में उठाया गया कदम बताया। मंत्रालय ने भरोसा जताया कि अमेरिका भविष्य में भी चीन के साथ व्यापारिक सहयोग को प्राथमिकता देगा। चीन की तरफ से यह भी कहा गया कि टैरिफ में यह अस्थायी कटौती विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए एक अनिवार्य निर्णय है और इससे बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

इस ऐतिहासिक सहमति के बाद जारी संयुक्त बयान में बताया गया कि टैरिफ कटौती की यह व्यवस्था 14 मई से प्रभावी होगी और यह 90 दिनों तक लागू रहेगी। इस अवधि के दौरान दोनों देश व्यापारिक विवादों को सुलझाने और भविष्य के लिए एक दीर्घकालिक ढांचा तैयार करने के मकसद से लगातार संवाद करेंगे। इस सिलसिले में अमेरिका की तरफ से स्कॉट बेसेंट और चीन की ओर से उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग वार्ता की अगुवाई करेंगे। आगे की बातचीत अमेरिका, चीन या किसी सहमति-निर्धारित तटस्थ देश में हो सकती है।

इस समझौते का असर वैश्विक वित्तीय बाजारों पर भी साफ नजर आया। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स इस घोषणा के बाद 3% की छलांग लगाकर बंद हुआ, जबकि शंघाई कंपोजिट इंडेक्स पहले ही 0.8% की बढ़त दर्ज कर चुका था। यूरोपीय शेयर बाजार भी तेजी के साथ खुले और अमेरिकी बाजारों में 2 से 3% की उछाल के संकेत मिले। यह तेजी इस बात का संकेत है कि निवेशक इस पहल को स्थिरता और भरोसे की दिशा में बड़ा कदम मान रहे हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग की एक नई शुरुआत हो सकती है। अगर यह पहल सफल रहती है तो यह न केवल अमेरिका और चीन के लिए, बल्कि समूची वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी राहत और प्रगति का संदेश साबित हो सकती है।


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