दिल्ली में सुधरेंगे आंगनवाड़ी केंद्र, 500 नए पालना केंद्र खोलने का ऐलान

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (27 अप्रैल 2025): दिल्ली सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों के पुनर्विकास और विस्तार को लेकर बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश जारी किए। बैठक में तय हुआ कि औद्योगिक क्षेत्र, मंडी और कंस्ट्रक्शन साइट्स के आस-पास 500 नए पालना केंद्र खोले जाएंगे। इन केंद्रों का मकसद कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल को बेहतर बनाना है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सुविधाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जल्द से जल्द योजना को अमल में लाया जाए। बच्चों के पोषण, शिक्षा और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बैठक में कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों की गुणवत्ता में व्यापक सुधार की जरूरत है। उन्होंने साफ किया कि केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं जैसे साफ पानी, स्वच्छता और पर्याप्त स्थान की उपलब्धता अनिवार्य होगी। जिन आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति खराब है, उन्हें प्राथमिकता से मरम्मत किया जाएगा। साथ ही जहां आवश्यकता होगी, वहां नए भवन भी बनाए जाएंगे। सरकार का फोकस यह सुनिश्चित करने पर है कि बच्चों को सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक माहौल मिले। विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को लाभ पहुंचाने पर जोर रहेगा।

बैठक में तय किया गया कि उत्तर पश्चिमी जिला और शाहदरा में दो नए सखी निवास भी स्थापित किए जाएंगे। सखी निवास केंद्र कामकाजी महिलाओं को अस्थायी निवास की सुविधा देंगे। रेखा गुप्ता ने निर्देश दिया कि इन केंद्रों का निर्माण तेजी से शुरू किया जाए और गुणवत्ता के किसी भी स्तर पर समझौता न हो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भविष्य में दिल्ली के अन्य जिलों में भी ऐसे सखी निवास बनाए जाएंगे। इस योजना के तहत महिलाएं काम पर जाने से पहले अपने बच्चों को पालना केंद्र में सुरक्षित छोड़ सकेंगी। इस कदम से महिला सशक्तिकरण को नई दिशा मिलेगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को आंगनवाड़ी केंद्रों के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। प्रत्येक केंद्र का नियमित निरीक्षण किया जाएगा और सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, सभी केंद्रों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा ताकि निगरानी व्यवस्था मजबूत हो सके। फिलहाल दिल्ली में 187 स्टोरी सेंटर संचालित हो रहे हैं, जहां बच्चों को बेहतर पोषण और शिक्षा दी जाती है। सरकार का इरादा है कि इन केंद्रों के अनुभवों के आधार पर भविष्य के आंगनवाड़ी केंद्र और भी उन्नत बनाए जाएं।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बैठक के अंत में स्पष्ट कहा कि योजना के प्रत्येक चरण की निगरानी स्वयं उच्च स्तर पर की जाएगी। विभाग को निर्देश दिया गया कि हर तीन महीने में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बच्चों और माताओं के हितों को प्राथमिकता दी जाए। दिल्ली सरकार चाहती है कि आंगनवाड़ी केंद्र सिर्फ कागजी योजना बनकर न रह जाएं, बल्कि जमीनी हकीकत में बदलाव लाएं। नए पालना केंद्रों और सखी निवासों के निर्माण से लाखों परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार की इस पहल से दिल्ली में महिला एवं बाल कल्याण के क्षेत्र में बड़ा सुधार आने की उम्मीद है।


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