मुस्तफाबाद में कहर: जर्जर इमारत ढही, 4 की मौत, रेस्क्यू जारी

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (19 अप्रैल 2025): दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शुक्रवार की देर रात दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब शक्ति विहार में एक चार मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई। हादसे में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 14 को मलबे से निकाल लिया गया है। राहत-बचाव दल को अब भी 8-10 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। एनडीआरएफ, दमकल विभाग, डॉग स्क्वॉड और स्थानीय पुलिस मौके पर मौजूद हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी पहचान चांदनी, दानिश, रेशमा और नावेद के रूप में हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इमारत में तीन परिवार रहते थे, जिनमें छोटे बच्चों सहित करीब 15 लोग शामिल थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि “दोनों बहुएं और उनके बच्चे कहीं दिखाई नहीं दे रहे, हम बहुत डरे हुए हैं।” इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर एक दुकान थी और ऊपर के दो मंजिलों पर परिवार रहते थे। सुबह तीन बजे जैसे ही इमारत गिरी, इलाके में चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोगों ने तत्काल पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी और खुद भी बचाव कार्य में जुट गए।

पूर्वोत्तर दिल्ली के एडिशनल डीसीपी संदीप लांबा ने मीडिया को बताया, “14 लोगों को अब तक सुरक्षित निकाला गया, जिनमें से दुर्भाग्यवश चार की मौत हो गई। ऑपरेशन अभी भी जारी है क्योंकि मलबे के नीचे और लोगों के होने की आशंका बनी हुई है।” फिलहाल इमारत गिरने के कारणों का स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इमारत पुरानी और कमजोर हो चुकी थी। साथ ही, शुक्रवार को दिल्ली में आई तेज आंधी और बारिश को भी इस हादसे की एक वजह माना जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले शुक्रवार को ही मधु विहार इलाके में आंधी के चलते एक निर्माणाधीन इमारत की दीवार गिर गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो घायल हुए थे। फिलहाल मुस्तफाबाद में बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीमें मलबा हटाने के लिए हाईटेक उपकरणों का इस्तेमाल कर रही हैं, वहीं डॉग स्क्वॉड की मदद से मलबे में फंसे लोगों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

स्थानीय विधायक और नगर निगम अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। सरकार की ओर से पीड़ितों को मुआवजा देने और हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने भी घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। यह हादसा एक बार फिर दिल्ली में जर्जर और अवैध इमारतों की हालत पर सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह है कि प्रशासन ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है।


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