AAP नेता दुर्गेश पाठक के घर CBI का छापा, FCRA मामले में जांच जारी

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (17 अप्रैल 2025): दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक दुर्गेश पाठक के आवास पर गुरुवार सुबह केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी की। यह कार्रवाई फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) से जुड़े एक कथित मामले में की गई। CBI अधिकारियों ने बताया कि वे कुछ दस्तावेज़ों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की तलाश में हैं। सूत्रों के अनुसार, छापेमारी सुबह करीब 7 बजे शुरू हुई और कई घंटे तक चली। इस कार्रवाई को लेकर अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि यह छापा राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। पार्टी का कहना है कि यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

CBI की इस कार्रवाई पर आम आदमी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी नेताओं का आरोप है कि जैसे ही दुर्गेश पाठक को 2027 गुजरात विधानसभा चुनावों की ज़िम्मेदारी दी गई, वैसे ही यह छापा डलवाया गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया पर कहा कि यह महज़ इत्तेफाक नहीं बल्कि राजनीतिक साजिश है। उन्होंने लिखा कि बीजेपी जानती है कि गुजरात में उनकी असली चुनौती अब AAP ही है। इसी वजह से विपक्ष को डराने के लिए CBI जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी के मुताबिक, यह लोकतंत्र का दमन है। उन्होंने इस छापेमारी को “गुजरात से डर” बताया।

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी CBI की इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बीजेपी का ‘गंदा खेल’ फिर शुरू हो गया है और यह लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है। संजय सिंह ने कहा कि जैसे ही दुर्गेश पाठक को गुजरात का प्रभारी नियुक्त किया गया, उसी दिन उनके घर पर CBI भेज दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी लोकतांत्रिक लड़ाई नहीं लड़ सकती, इसलिए जांच एजेंसियों को मोहरा बना रही है। उनका कहना था कि केंद्र सरकार AAP को हर कीमत पर रोकना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि AAP को खत्म करने की हर साजिश नाकाम रहेगी। पार्टी कार्यकर्ताओं में इस कार्रवाई को लेकर काफी गुस्सा है।

CBI की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह छापेमारी पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है। एजेंसी ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें FCRA के उल्लंघन से जुड़े कुछ सबूत मिले हैं, जिसकी जांच जरूरी थी। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और जांच प्रारंभिक चरण में है। CBI ने यह भी कहा कि कार्रवाई में बरामद दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी। एजेंसी का कहना है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो दुर्गेश पाठक को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। CBI का जोर है कि इस कार्रवाई का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। वे केवल कानून के अनुसार अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

दुर्गेश पाठक आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों में गिने जाते हैं और कई राज्यों में चुनावी जीत दिलाने में उनकी भूमिका अहम रही है। पार्टी सूत्रों का मानना है कि इसी वजह से केंद्र सरकार उन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। पाठक ने अब तक इस छापे को लेकर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन पार्टी प्रवक्ताओं ने उनके समर्थन में मोर्चा खोल दिया है। सोशल मीडिया पर AAP कार्यकर्ता लगातार “#StandWithDurgesh” ट्रेंड करा रहे हैं। यह मामला अब सियासी तूल पकड़ता जा रहा है। सभी की नजरें अब केंद्र और AAP के अगले कदम पर टिकी हैं।।


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