नोएडा: बंजर भूमि से स्मार्ट सिटी तक की विकास गाथा | पार्ट- 1

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (12 अप्रैल 2025): नोएडा (NOIDA) इस वर्ष अपनी स्थापना के 50 वर्षों का अर्थात् स्वर्ण जयंती का गौरवशाली उत्सव मना रहा है। 17 अप्रैल 1976 को जब इसकी नींव रखी गई थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह क्षेत्र एक दिन उत्तर भारत ही नहीं बल्कि देश के तकनीकी विकास, शिक्षा, उद्योग और सेवा क्षेत्र का चमकता हुआ केंद्र बन जाएगा। आज, नोएडा अपनी योजनाबद्ध संरचना, उन्नत बुनियादी ढांचे, औद्योगिक प्रगति और हरित पहल के चलते पूरे देश में एक “आदर्श और उत्कृष्ट क्षेत्र” के रूप में उभरा है।

विकास की 50 वर्षों की यात्रा: बंजर भूमि से वैश्विक पहचान तक

नोएडा की शुरुआत एक औद्योगिक टाउनशिप के रूप में हुई थी, जिसे दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या और उद्योगों के दबाव को कम करने के उद्देश्य से बसाया गया। प्रारंभिक वर्षों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था, लेकिन समय के साथ योजनाबद्ध ढंग से इसके विकास ने इसे NCR का सबसे प्रमुख और सुसज्जित क्षेत्र बना दिया। अब यह केवल एक औद्योगिक शहर नहीं, बल्कि एक समृद्ध आवासीय, शिक्षण संस्थानों, चिकित्सा और मीडिया का हब बन चुका है।

मुख्य उपलब्धियां:

औद्योगिक क्रांति का केंद्र:

नोएडा में इस समय 10,000 से अधिक सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े उद्योग सक्रिय रूप से कार्यरत हैं, जो देश और विदेशों में व्यापक स्तर पर उत्पादों का निर्यात करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो पार्ट्स, रेडीमेड गारमेंट्स और हार्डवेयर उद्योग यहां के आर्थिक स्तंभ बन चुके हैं।

आईटी और स्टार्टअप्स का गढ़:

नोएडा सेक्टर 62, 63, 125 जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बहुराष्ट्रीय कंपनियां, बीपीओ, स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी फर्म्स कार्यरत हैं, जिससे नोएडा देश के अग्रणी आईटी हब में शुमार हो चुका है।

आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की मिसाल:

चौड़ी सड़कें, समृद्ध मेट्रो कनेक्टिविटी, एक्सप्रेसवे, फ्लाईओवर और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसी परियोजनाएं इस शहर की अधुनातन सोच को दर्शाती हैं। आने वाले वर्षों में नोएडा की वैश्विक पहचान और भी मजबूत होगी।

शिक्षा और स्वास्थ्य का उत्कृष्ट केंद्र:

एमिटी, शिव नादर, जेपी, गलगोटिया जैसे उच्च शिक्षण संस्थान और फोर्टिस, यथार्थ, जेपी और कैलाश हॉस्पिटल्स जैसे विश्वस्तरीय मेडिकल संस्थानों ने नोएडा को ज्ञान और चिकित्सा का केंद्र बना दिया है।

मीडिया और फिल्म नगरी:

नोएडा की फिल्म सिटी देश की प्रमुख मीडिया हब बन चुकी है, जहां तमाम राष्ट्रीय समाचार चैनल और प्रोडक्शन हाउस संचालित होते हैं।

हरियाली और जनजीवन:

नोएडा को “ग्रीन सिटी” के रूप में जाना जाता है। शहर के हर सेक्टर में पार्क, हरित पट्टियां, साइकिल ट्रैक और खुला वातावरण इस बात की मिसाल हैं कि शहरीकरण और पर्यावरण के बीच संतुलन कैसे कायम किया जा सकता है।

विचारों की झलक: नोएडा के निवासी और प्रतिनिधियों की प्रतिक्रियाएं

इस विशेष अवसर पर टेन न्यूज़ की टीम नोएडा वासियों से टेलिफोनिक बातचीत कर नोएडा की अब तक की यात्रा और भविष्य की अपेक्षाओं के बारे में इस खास रिपोर्ट को पेश कर रही है।

नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन (NEA) के अध्यक्ष विपिन मल्हन ने कहा कि यदि एनसीआर क्षेत्र में किसी शहर ने सबसे अधिक विकास किया है, तो वह नोएडा है। उन्होंने नोएडा प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना करते हुए कहा कि यहां बहुमुखी विकास हुआ है। उन्होंने बताया कि नोएडा आज एजुकेशनल, रेजिडेंशियल और मेडिकल हब बन चुका है। छात्रों के लिए बेहतरीन शैक्षिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करती हैं।

उन्होंने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से क्षेत्र में रोजगार और व्यापार के नए अवसर खुलेंगे। इससे न केवल स्थानीय लोगों को फायदा होगा, बल्कि देशभर से लोग नोएडा में बसने और व्यापार शुरू करने के लिए आकर्षित होंगे। भविष्य को लेकर उन्होंने कहा कि नोएडा एयरपोर्ट अपने आप में एक बड़ा प्रोजेक्ट है, जो इस क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को और गति देगा। नोएडा के प्रति लोगों की रुचि और उत्साह आने वाले वर्षों में और बढ़ेगा।

NEA के वरिष्ठ सदस्य वी.के. सेठ ने कहा, 1978 में जब हमने यहां काम शुरू किया था, तब सुविधाओं की भारी कमी थी। बैंक, सड़कें, बिजली जैसी बुनियादी सेवाएं तक मौजूद नहीं थीं। लेकिन आज नोएडा इंडस्ट्रियल, एजुकेशनल और मेडिकल हब के रूप में खड़ा है। अब लोग यहां रहना और व्यवसाय करना चाहते हैं, जो पहले असंभव लगता था।

भविष्य की ओर संकेत करते हुए वे कहते हैं, अब हमें इंफ्रास्ट्रक्चर पर और अधिक ध्यान देना होगा। जैसे-जैसे ऑक्युपेंसी बढ़ेगी, पानी, ट्रैफिक और ड्रेनेज जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए उत्तरप्रदेश सरकार ओर नोएडा प्राधिकरण को पहले से बेहतर योजना बनानी चाहिए, जिससे नोएडा वासियों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।

FONRWA से के.के. जैन ने बताया, 49 वर्षों में नोएडा उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर पहचान बना चुका है। रेजिडेंशियल और इंडस्ट्रियल दोनों पहलुओं में शहर आगे बढ़ रहा है, लेकिन रिहायशी फ्लैट्स की कीमतें इतनी अधिक हैं कि मध्यमवर्गीय लोगों के लिए घर लेना कठिन हो गया है। सरकार और प्राधिकरण से यही निवेदन है कि उनको अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम लानी चाहिए जिससे मध्यमवर्गीय लोगों का भी अपने घर का सपना पूरा हो सके ।

एनपी सिंह ने नोएडा की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज नोएडा का नाम सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जाना जाने लगा है। उन्होंने कहा कि नोएडा ने बहुत ही सुनियोजित ढंग से विकास की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और यह देश के सबसे विकसित तथा तेजी से आगे बढ़ने वाले शहरों में से एक बन चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि आज बड़े-बड़े शहरों के बीच भी नोएडा की गिनती की जा रही है, जो कि गर्व की बात है।

भविष्य को लेकर उन्होंने कहा कि यदि सरकार और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ईमानदारी और निष्ठा से काम करें, तो यह शहर दुनिया के नंबर वन शहरों की सूची में शामिल हो सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि नोएडा में अभी भी कई कमियां मौजूद हैं। साफ-सफाई की व्यवस्था संतोषजनक नहीं है और इस दिशा में गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि शहर में पानी की सुविधा तो उपलब्ध है, लेकिन उसकी गुणवत्ता और वितरण प्रणाली को बेहतर करने की जरूरत है। साथ ही, उन्होंने नोएडा की जनता को जागरूक और जिम्मेदार बताया जो लगातार अपना हक अदा कर रही है। यदि प्रशासन और नागरिक मिलकर काम करें, तो नोएडा को एक आदर्श शहर बनाया जा सकता है।

CONRWA अध्यक्ष पी एस जैन ने भी नोएडा की अब तक की विकास यात्रा की सराहना की, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कई क्षेत्रों में अभी भी सुधार की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि नोएडा आज उत्तर प्रदेश का एक विशेष और महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, लेकिन कुछ बुनियादी सुविधाएं अब भी उपेक्षित हैं।

उनका कहना है कि पीने योग्य साफ पानी की सुविधा अभी तक पूरी तरह सुलभ नहीं हो पाई है। इसके अलावा शहर में प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है, और इस पर कोई प्रभावी नियंत्रण नजर नहीं आ रहा है। हाल ही में शहर में हुई आगजनी की घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन और सरकार के पास दीर्घकालिक योजना का अभाव है, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने में कठिनाई हो रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैफिक जाम, पार्किंग की कमी और खराब इंजीनियरिंग प्लानिंग नोएडा की बड़ी समस्याएं हैं। शहर की सड़कें इस तरह डिजाइन नहीं की गईं कि यातायात सुचारू रूप से चल सके।

भविष्य के संदर्भ में एसपी जैन ने कहा कि नोएडा को यदि एक आदर्श शहर बनाना है, तो बेहतर प्लानिंग और स्थानीय लोगों की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि शहर के विकास कार्यों में स्थानीय नागरिकों, अनुभवी सामाजिक संगठनों और वर्षों से नोएडा में कार्य कर रहे लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए एक प्रभावी कमेटी का गठन होना चाहिए जिसमें नोएडा के जागरूक नागरिकों को स्थान मिले। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छी पानी की सुविधा, स्वच्छ वातावरण और अन्य मूलभूत सेवाएं तभी उपलब्ध हो सकेंगी, जब स्थानीय अनुभव और सुझावों को प्राथमिकता दी जाएगी।

आने वाला कल: भविष्य की राह

नोएडा अथॉरिटी आने वाले वर्षों में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत AI आधारित समाधान, डिजिटल गवर्नेंस और हरित ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरी तरह से चालू होने के बाद यह शहर वैश्विक निवेश और कनेक्टिविटी के लिए नया केंद्र बनेगा। प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित योजनाएं भविष्य में शहर को एक वैश्विक मेट्रोपोलिटन के रूप में स्थापित करेंगी।

नोएडा की यह 50 वर्ष की यात्रा केवल एक शहर की भौतिक प्रगति नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण, एक योजना और एक विजन की सफलता है। अगर प्रशासन, नागरिक और उद्योग साथ मिलकर कार्य करें, तो आने वाले 50 वर्षों में नोएडा न केवल भारत का, बल्कि एशिया का सबसे उन्नत शहर बन सकता है।।


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