यमुना प्राधिकरण द्वारा जमीन अधिग्रहण पर रोक, अब 6 जिलों में एनओसी नहीं होगी जारी

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (9 अप्रैल 2025): यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने एक अहम कदम उठाते हुए गौतमबुद्ध नगर समेत छह जिलों में जमीन अधिग्रहण के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी करने पर रोक लगा दी है। यह निर्णय भूमि उपयोग में बदलाव को लेकर हो रही अनियमितताओं को देखते हुए लिया गया है। अब इन जिलों में जारी पहले के एनओसी का कार्य संबंधित जिलों द्वारा किया जाएगा।

एनओसी की प्रक्रिया में बदलाव

YEIDA के अधिकारियों ने सभी छह जिलों को एक पत्र भेजकर इस बदलाव की जानकारी दी है। इस पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अब यीडा क्षेत्र में भूमि के उपयोग से संबंधित सभी एनओसी संबंधित जिलों के अधिकारियों द्वारा ही जारी की जाएंगी, और इस मामले में यीडा की कोई भूमिका नहीं होगी। यीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (ACEO) कपिल सिंह ने बताया कि यह निर्णय भूमि उपयोग में बदलाव और नियमों के उल्लंघन को देखते हुए लिया गया है।

प्रमुख परियोजनाओं की जानकारी

अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में यीडा द्वारा कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिसमें एक लॉजिस्टिक पार्क जैसे बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसके अलावा गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हाथरस, मथुरा और आगरा जिलों में भी यीडा के विकासात्मक कार्यों को लेकर कई योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इन योजनाओं के तहत भूमि अधिग्रहण और उसके उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

भूमि उपयोग में अनियमितता की रिपोर्ट

हाल ही में यह रिपोर्ट सामने आई थी कि यीडा क्षेत्र में भूमि के उपयोग में अनियमितताएं पाई जा रही थीं। कई मामलों में देखा गया कि एसडीएम स्तर पर भूमि को कृषि योग्य न होने का प्रमाण पत्र दिया जा रहा था, जबकि यह प्रमाण पत्र केवल उन भूमि पर ही जारी किया जा सकता था जो यीडा की योजना में शामिल नहीं थी। कपिल सिंह ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि यीडा क्षेत्र में निर्माण की अनुमति बिना नियमों के दी जा रही थी, जो अब बंद की जाएगी।

नियमों का पालन करना अनिवार्य

कपिल सिंह ने स्पष्ट किया कि अब से यीडा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की एनओसी जारी नहीं की जाएगी, क्योंकि यीडा से एनओसी जारी करने का कोई मान्य नियम नहीं है। उन्होंने बताया कि अब ऐसी एनओसी संबंधित कार्यालय या अदालत से रद्द की जाएंगी। इसका मतलब यह है कि अब भूमि के उपयोग से संबंधित सभी काम सरकार द्वारा तय किए गए नियमों के तहत ही किए जाएंगे, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की अनियमितता और भ्रष्टाचार की स्थिति न उत्पन्न हो।

मुख्य उद्देश्य – बेहतर विकास

यीडा का मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों का समग्र और सुदृढ़ विकास करना है। इसके लिए भूमि का अधिग्रहण किया जाता है, फिर उसका उचित तरीके से उपयोग करने के बाद लोगों को जमीन दी जाती है और निर्माण कार्यों के लिए अनुमति दी जाती है। सरकार की ओर से तय किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार ही ये सभी कार्य किए जाएंगे, जिससे एक व्यवस्थित और पारदर्शी विकास सुनिश्चित हो सके।।


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