नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच नए एक्सप्रेसवे का निर्माण प्रस्तावित | नोएडा प्राधिकरण
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (1 अप्रैल 2025): नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच एक और एक्सप्रेसवे बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। नोएडा अथॉरिटी ने हाल ही में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी, और इसके निर्माण के लिए विस्तृत चर्चा की गई। इस योजना के तहत, आठ लेन का एक नया एक्सप्रेसवे जमीन पर बनाए जाने का प्रस्ताव है, जबकि एक और विकल्प के रूप में छह लेन का एलिवेटेड रोड यमुना नदी के किनारे तैयार किया जाएगा। यह एलिवेटेड मार्ग ओखला बैराज से यमुना एक्सप्रेसवे तक विस्तारित होगा।
यह प्रस्ताव विशेष रूप से नोएडा एक्सप्रेसवे पर बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए दिया गया है। वर्तमान में, नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव बहुत अधिक बढ़ चुका है। यह समस्या अधिकतर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच रिहायशी और व्यावसायिक क्षेत्रों के तेजी से बढ़ते विकास के कारण उत्पन्न हुई है। इसके अलावा, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन भी इस साल होने वाला है, जिससे और अधिक ट्रैफिक की उम्मीद है।
NHAI या नोएडा अथॉरिटी द्वारा निर्माण?
सूत्रों के अनुसार, नोएडा प्रशासन इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण का कार्य नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से करवाना चाहता है। अगर NHAI इस परियोजना को हाथ में लेता है, तो इसे राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में मान्यता मिल जाएगी। हालांकि, अगर NHAI निर्माण के लिए सहमति नहीं देता है, तो नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी मिलकर इस मार्ग का निर्माण करेंगे। इस संबंध में, 28 मार्च को हुई बोर्ड मीटिंग में उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी, मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यदि NHAI इस परियोजना को लागू करने में असमर्थ रहता है, तो अन्य संबंधित प्राधिकरणों को इसे पूरी तरह से संभालने की आवश्यकता होगी।
आवश्यकता क्यों बढ़ी?
नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक की समस्या पहले से ही गंभीर हो चुकी है। इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर रिहायशी, औद्योगिक, शैक्षिक और व्यावसायिक क्षेत्रों का तेजी से विस्तार हो रहा है। कोविड-19 महामारी के बाद ग्रेटर नोएडा की जनसंख्या में भी वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप एक्सप्रेसवे पर जाम की स्थिति बनी रहती है। अगर स्थिति ऐसे ही बनी रही, तो इसे दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जहां सुबह और शाम के समय अत्यधिक ट्रैफिक होता है।
इसलिए, एक बाईपास मार्ग की आवश्यकता महसूस हो रही है, जिससे नोएडा एक्सप्रेसवे के ट्रैफिक दबाव को कम किया जा सके। प्रस्तावित एक्सप्रेसवे ओखला बैराज से शुरू होकर यमुना एक्सप्रेसवे तक जाएगा। इस मार्ग का निर्माण यमुना नदी के किनारे होने वाले विभिन्न रास्तों के माध्यम से किया जाएगा, जो मुख्य रूप से सिंचाई विभाग के क्षेत्राधिकार में आते हैं।
नया मार्ग, नए इंटरचेंज
नए एक्सप्रेसवे में कई प्रमुख बदलावों की योजना है, जिनमें एक इंटरचेंज सेक्टर 168 में फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (FNG) एक्सप्रेसवे के साथ जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, सेक्टर 150 में नए एक्सप्रेसवे को सेक्टर 149A और सेक्टर 150 के बीच की मुख्य सड़क से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, सड़क पर विभिन्न एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स, लूप्स और अंडरपास बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि ट्रैफिक के संचालन में कोई रुकावट न आए।
फीजिबिलिटी स्टडी और डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR)
इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से पहले, नोएडा अथॉरिटी को एक विस्तृत ट्रैफिक सर्वे और फीजिबिलिटी स्टडी करवानी होगी। इसके बाद एक डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि एक्सप्रेसवे को जमीन पर बनाएंगे या एलिवेटेड रोड के रूप में। यह रिपोर्ट निर्माण कार्य की दिशा और योजना को सुनिश्चित करेगी।
कब शुरू होगा काम?
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना पहली बार नवंबर 2023 में प्रस्तावित की गई थी। हालांकि, तब NHAI ने निर्माण में असमर्थता जताई थी। अब एक बार फिर से यह परियोजना आकार ले रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो सकता है, ताकि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच यातायात की स्थिति में सुधार किया जा सके।
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