नोएडा (27 मार्च 2025): नोएडा में एक महिला ने साइबर ठगों के धोखाधड़ी के जाल में फंसकर 91 लाख रुपये गंवा दिए। महिला को एक फर्जी निवेश ग्रुप के माध्यम से करोड़ों का मुनाफा दिखा कर ठगी का शिकार बनाया गया। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और ठगों के खाते की जांच शुरू कर दी है।
यह घटना उस समय सामने आई जब एक महिला, जिनकी पहचान शिवालिका शर्मा के रूप में हुई है, ने ऑनलाइन निवेश के माध्यम से मुनाफा कमाने की कोशिश की। महिला ने जनवरी महीने में बार्कलेज बैंक के वेल्थ मैनेजमेंट के बारे में जानकारी प्राप्त करने के दौरान एक अज्ञात महिला से संपर्क किया, जिसने खुद को बार्कलेज बैंक से जोड़ने का दावा किया। महिला ने शिवालिका को बताया कि वह एक समूह के साथ काम करती है, जो निवेशकों को भारी मुनाफा दिलाने का वादा करता है।
फर्जी ऐप और निवेश का जाल
शिवालिका शर्मा ने महिला के कहने पर एक फर्जी ऐप डाउनलोड किया और फिर उसे निवेश की प्रक्रिया में शामिल किया गया। इस ऐप के माध्यम से निवेश शुरू होने के बाद, उसने देखा कि उसके पैसे बढ़ रहे हैं और वह धीरे-धीरे बडे़ मुनाफे की ओर बढ़ रही थी। ग्रुप में भारत भूषण नाम के एक व्यक्ति ने भी निवेश के बारे में जानकारी दी और ग्रुप को विश्वास में लेने की कोशिश की।
इस दौरान शिवालिका को यह बताया गया कि यदि वह ज्यादा निवेश करती है, तो उसे अधिक मुनाफा मिलेगा। धोखाधड़ी के दौरान ठगों ने उसे बताया कि बार्कलेज के साथ मिलकर काम करने वाला यह समूह पीडब्ल्यूएमए (PWM) निवेश करता है, जिससे निवेशकों को दोगुना मुनाफा मिलेगा। इस प्रक्रिया में उसने कुल 91 लाख रुपये निवेश किए, जिसमें 70 लाख रुपये ठगों के खाते में ट्रांसफर किए और 20 लाख रुपये उसके द्वारा किए गए अन्य ट्रेडिंग के कारण चले गए।
मुनाफा दिखाकर और फिर टैक्स का दबाव:
जब शिवालिका ने 91 लाख रुपये का निवेश किया, तो उसे ऐप पर दिखाया गया कि उसका मुनाफा 2.28 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। मुनाफे को देखकर, उसने अपनी रकम निकालने का प्रयास किया, लेकिन तब उसे एक और झटका लगा। ठगों ने उसे बताया कि रकम निकालने से पहले 25 लाख रुपये का टैक्स और 16 लाख रुपये का हैंडलिंग शुल्क देना होगा। इसके बाद उसे और भी पैसे जमा करने के लिए दबाव डाला गया। जब उसने इन राशि का भुगतान करने से मना किया, तो उसे बताया गया कि उसका खाता फ्रीज हो जाएगा और उसे अपना मूलधन वापस नहीं मिलेगा।
साइबर ठगी का अहसास और पुलिस में शिकायत:
शिवालिका को अब तक यह सब एक सच्चा निवेश समझ में आता रहा, लेकिन जब उसने टैक्स की रकम देने से मना किया और अपनी रकम निकालने की कोशिश की, तब उसे ठगी का अहसास हुआ। उसने मामले की शिकायत नोएडा साइबर थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने ठगों के खातों के माध्यम से जांच शुरू कर दी है और ठगों की पहचान करने की कोशिश कर रही है।
पुलिस का कहना है कि यह एक हाई-स्पीड साइबर ठगी का मामला है, जिसमें तकनीकी रूप से काफी उन्नत तरीके से धोखाधड़ी की गई। वे अब ठगों के नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इस मामले में आरोपी पकड़े जा सकें और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया जा सके।
साइबर सुरक्षा के लिए सावधानी बरतें:
यह घटना साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को उजागर करती है, जिसमें ठग लोगों को मुनाफे के झांसे में फंसा कर बड़ी रकम उड़ा लेते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऑनलाइन निवेश करने से पहले पूरी जानकारी हासिल करें और किसी भी अजनबी लिंक या ऐप पर निवेश करने से पहले सावधानी बरतें।
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