दिल्ली सरकार कृत्रिम वर्षा के परीक्षण की बना रही है योजना, जानें पूरी डिटेल्स
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (20 मार्च 2025): दिल्ली सरकार राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कृत्रिम वर्षा का परीक्षण करने की योजना बना रही है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि सरकार इस दिशा में गहन अध्ययन कर रही है और जल नमूना परीक्षणों की सफलता के आधार पर इस योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण वाले क्षेत्रों को लक्षित करने और वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदूषण रोकथाम परियोजनाओं की श्रृंखला तैयार की जा रही है। सरकार ने पहले भी विभिन्न स्तरों पर वायु गुणवत्ता सुधारने के प्रयास किए हैं, और कृत्रिम वर्षा इस दिशा में एक नया कदम साबित हो सकता है।
वायु प्रदूषण रोकने के लिए सरकार सक्रिय रूप से कर रही काम
दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई सक्रिय कदम उठा रही है, जिससे शहर में पहले की तुलना में वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है। मंत्री सिरसा ने कहा कि सरकार कृत्रिम वर्षा के वैज्ञानिक प्रभावों को समझने के लिए पहले व्यापक अध्ययन कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले रसायनों का मानव स्वास्थ्य और त्वचा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े, इसके लिए विशेषज्ञों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। यदि रिपोर्ट में यह साबित होता है कि कृत्रिम वर्षा मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए सुरक्षित है, तो सरकार इसे छोटे पैमाने पर परीक्षण के रूप में लागू करेगी।
दिल्ली के बाहरी क्षेत्रों में छोटे पैमाने पर होगा परीक्षण
सरकार ने योजना बनाई है कि पहले बाहरी दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में कृत्रिम वर्षा का एक छोटा परीक्षण किया जाएगा। इस परीक्षण के दौरान जल के नमूनों का विश्लेषण किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें कोई हानिकारक तत्व न हों। सिरसा ने बताया कि सरकार इस बात की भी जांच कर रही है कि कृत्रिम वर्षा प्रदूषण नियंत्रण के लिए कितनी प्रभावी हो सकती है। यदि प्रारंभिक परीक्षण सफल रहता है, तो इसे बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना तैयार की जाएगी। इस परीक्षण के परिणामों के आधार पर ही आगे की रणनीति तय होगी।
सफल परीक्षण के बाद बड़े पैमाने पर लागू होगी योजना
यदि कृत्रिम वर्षा का परीक्षण सकारात्मक परिणाम दिखाता है और जल नमूनों में किसी भी प्रकार की अशुद्धि नहीं पाई जाती, तो दिल्ली सरकार इसे शहर भर में लागू करने पर विचार करेगी। विशेषज्ञों और पर्यावरण वैज्ञानिकों की राय के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सरकार का मानना है कि यदि कृत्रिम वर्षा प्रभावी साबित होती है, तो यह दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए एक क्रांतिकारी कदम होगा। इससे न केवल हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि नागरिकों को भी राहत मिलेगी। सरकार जल्द ही इस दिशा में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेगी और विशेषज्ञों की सलाह के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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