नोएडा (08 दिसंबर 2024): बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदुओं (Hindus) के खिलाफ हो रहे अत्याचारों (Persecution) और इस्कॉन (ISKCON) संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ़्तारी (Arrest) के विरोध में रविवार को नोएडा (Noida) के सेक्टर 33ए पार्क में एक आक्रोश सभा (Protest Gathering) आयोजित की गई। इस सभा का आयोजन श्री सनातन धर्म रक्षा समिति (Sanatan Dharma Raksha Samiti) ने किया, जिसमें हजारों की संख्या में ग्रामीण, शहरी और सामाजिक संगठनों (Social Organizations) के लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉक्टर महेश शर्मा एवं भाजपा नेता नवाब सिंह नागर भी मौजूद रहे।
सभा में ब्रिगेडियर संजय अग्रवाल (Brigadier Sanjay Agarwal) ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के धार्मिक प्रतीकों (Religious Symbols) को तोड़ा जा रहा है और इस्लामीकरण (Islamization) का प्रयास हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि धर्म (Religion) की रक्षा के लिए शस्त्र उठाना न केवल उचित है बल्कि धर्मसंगत भी है। उन्होंने समाज को जागरूक (Awareness) और संगठित (Unity) रहने का आह्वान किया।
नोएडा इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता बुद्धिमत्ता दास (Buddhimatta Das) ने कहा कि यह आंदोलन (Movement) सिर्फ इस्कॉन संस्था (ISKCON Organization) के लिए नहीं बल्कि समस्त जीवों (Living Beings) की रक्षा के लिए है। उन्होंने कहा कि भारत चाहे तो बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को रोका जा सकता है।
ब्रह्मकुमारी (Brahma Kumari) से बहन संध्या ने आध्यात्मिक जागरूकता (Spiritual Awareness) को विश्व शांति (Global Peace) का आधार बताया। वहीं, आरएसएस (RSS) के कृपाशंकर ने भारत की महिलाओं (Indian Women) की शक्ति (Empowerment) का उल्लेख करते हुए कहा कि अब यह जनाक्रोश (Public Anger) खाली नहीं जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया (Social Media) और अन्य माध्यमों से अंतरराष्ट्रीय (International) स्तर पर इस मुद्दे को उठाने का सुझाव दिया।
बालक नाथ शक्ति पीठ (Balaknath Shakti Peeth) के धीरज राणा ने हिंदू समाज को एकजुट (Unity of Hindu Community) होकर बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए आवाज़ उठाने की अपील की। श्री सनातन धर्म रक्षा समिति के अध्यक्ष आदित्यकृष्ण गिरी (Adityakrishna Giri) ने कहा कि भारत (India) के सहयोग से स्वतंत्रता (Independence) प्राप्त करने वाले बांग्लादेश में आज हिंदुओं के साथ अन्याय (Injustice) हो रहा है, जो बेहद निंदनीय (Condemnable) है।
सभा के दौरान वक्ताओं ने मानवाधिकार संगठनों (Human Rights Organizations) की चुप्पी (Silence) पर सवाल उठाए और भारत सरकार (Indian Government) से बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा (Protection) सुनिश्चित करने का आग्रह किया। सभा में उपस्थित प्रमुख धर्मगुरुओं (Religious Leaders) और हिंदू संगठनों ने सरकार को ज्ञापन (Memorandum) सौंपते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच (Global Platform) पर इस मुद्दे को उठाने की अपील की।
जनसभा में संत समाज (Saint Community) और हिंदू संगठनों (Hindu Organizations) के कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे और बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकारों (Rights of Hindus) के लिए सामूहिक आवाज़ उठाने का संकल्प लिया।
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