बिमटेक ने जमीनी स्तर पर विकास और अनुभवात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए रूरल इमर्शन कार्यक्रम शुरू किया
ग्रेटर नोएडा, 10 मार्च 2025: बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक), जो भारत के प्रमुख बिजनेस स्कूलों में से एक है, ने “रूरल इमर्शन कार्यक्रम 2025 – रिफ्लेक्शन डे” का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों, उद्योग के नेताओं, सरकारी अधिकारियों और ग्रामीण महिलाओं को एक मंच पर लाया गया।
मुख्य अतिथि मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी, गौतम बुद्ध नगर और सीता श्रीवास्तव, आयकर आयुक्त के साथ-साथ एचआर और सीएसआर क्षेत्रों के दिग्गज ल्प्गोन की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। इस अवसर पर विभिन्न गांवों से 40 ग्रामीण महिलाएं भी यू-टर्न4नेचर टीम के साथ उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम के तहत बिमटेक ने हाल ही में यू-टर्न4नेचर नामक एनजीओ के सहयोग से 16 गांवों का दौरा आयोजित किया। यह एनजीओ सतत ग्रामीण विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण और पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इस परिवर्तनकारी पहल ने 534 छात्रों के समूह को ग्रामीण जीवन और उसकी बहुआयामी चुनौतियों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय छात्र भी शामिल थे।
कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण तीन उत्कृष्ट टीमों को सम्मानित करना था, जिन्होंने ग्रामीण विकास के लिए सामुदायिक-संचालित समाधानों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पहला पुरस्कार समाउद्दीनपुर ग्रुप 9 को दिया गया, दूसरा पुरस्कार कालोंडा ग्रुप 1 को और तीसरा पुरस्कार बील अकबरपुर ग्रुप 13 को प्रदान किया गया।
बिमटेक की निदेशक डॉ. प्रवीना राजीव ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “पिछले संस्करणों की सफलता को ध्यान में रखते हुए, हम अपने वर्तमान बैच को इस अनोखे अवसर से परिचित कराकर बेहद उत्साहित हैं। वर्षों से हमारे कार्यक्रम ने क्रियान्वयन योग्य सिफारिशों को बढ़ावा दिया है, ग्रामीण विकास संगठनों के साथ सहयोग को मजबूत किया है और सकारात्मक सामुदायिक जुड़ाव को प्रोत्साहित किया है। यह कार्यक्रम अकादमिक शिक्षा और वास्तविक दुनिया के प्रयोगों के समन्वय को बढ़ावा देने के लिए हमारे संस्थान की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।”
इमर्शन कार्यक्रम ने शिक्षा जगत, जमीनी हकीकतों और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों के बीच की खाई को पाटने के साथ-साथ छात्रों को सामाजिक रूप से जिम्मेदार नेता बनने के लिए सशक्त बनाया।
ग्रामीण जीवन के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, छात्रों ने “स्वास्थ्य और पोषण”, “शिक्षा”, “पानी, स्वच्छता और आरोग्य (वॉश)”, “कृषि और पशुपालन” और “आजीविका और उद्यमिता” जैसे विषयों पर काम किया। इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आने वाली बाधाओं की पहचान करते हुए, संभावित हस्तक्षेपों का पता लगाने का प्रयास किया गया, जो दीर्घकालिक ग्रामीण विकास में योगदान कर सकें।
कार्यक्रम के समापन के बाद, प्रत्येक प्रतिभागी के निष्कर्ष और सिफारिशें एनजीओ और नीति विशेषज्ञों के साथ साझा की जाएंगी, साथ ही उन्हें शैक्षणिक और औद्योगिक मंचों पर प्रस्तुत किया जाएगा ताकि उन्हें क्रियान्वयन के लिए विचार किया जा सके। इस दौरान जो अनुभव हासिल किया गया, उसका उपयोग भविष्य के अनुसंधान और पाठ्यक्रम विकास के लिए भी किया जाएगा। एक चिंतन सत्र भी गांव के नेताओं, सरपंच, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों, महिला प्रतिनिधियों और अन्य के साथ निर्धारित किया गया है।
अपने संस्थापकों, स्व. बसंत कुमार बिरला और सरला बिरला की प्रेरणा से बिमटेक ने पीजीडीएम, पीजीडीएम–इंटरनेशनल बिजनेस (आईबी), पीजीडीएम–रिटेल मैनेजमेंट (आरएम), और पीजीडीएम–इंश्योरेंस बिजनेस मैनेजमेंट (आईबीएम) जैसे अभिनव प्रोग्राम शुरू किए, जो लोगों को वैश्विक नेता बनने के लिए पोषित करते हैं। इसके अतिरिक्त, बिमटेक अब एएसीएसबी द्वारा मान्यता प्राप्त है, जो इसे दुनिया के शीर्ष वैश्विक मान्यता प्राप्त बी–स्कूलों के आईवी लीग में शामिल करता है। साथ मिलकर संस्थान प्रबंधन शिक्षा में उत्कृष्टता हासिल कर रहा है, जो इसके मजबूत पूर्व छात्रों के वैश्विक नेटवर्क द्वारा समर्थित है, जिसमें 8000 से अधिक लोग शामिल हैं।
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