गूगल मैप बना मौत का कारण, 30 फीट गहरे नाले में गिरी कार | कार चालक स्टेशन मास्टर की मौत
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (5 मार्च 2025): ग्रेटर नोएडा में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां गूगल मैप के गलत निर्देश और प्रशासन की लापरवाही के कारण एक कार 30 फीट गहरे नाले में गिर गई। इस हादसे में कार सवार स्टेशन मास्टर की जान चली गई। घटना ग्रेटर नोएडा के P4 सेक्टर स्थित केंद्रीय विहार 2 सोसाइटी के पास घटी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के समय पीड़ित गूगल मैप के अनुसार रास्ता खोज रहे थे, लेकिन नक्शे में दिखाए गए सीधे मार्ग के कारण उनकी कार अनजाने में नाले में गिर गई।
मृतक की पहचान दिल्ली के मंडावली निवासी भारत भाटी (30) के रूप में हुई है, जो मानेसर स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के पद पर कार्यरत थे। उनके भाई दिलीप भाटी ने बताया कि भारत शादी समारोह में शामिल होने के लिए ग्रेटर नोएडा के गिरधरपुर जा रहे थे। रास्ता समझ न आने के कारण उन्होंने गूगल मैप का उपयोग किया। फोन पर उन्होंने भाई से बात करते हुए कहा था, मैं लोकेशन गूगल मैप पर डाल रहा हूं, उसी के अनुसार चल रहा हूं।
घटनास्थल के पास मौजूद डिलीवरी बॉय सौरभ ने हादसे को अपनी आंखों से देखा। उन्होंने बताया, करीब ढाई बजे मैं वहीं खड़ा था कि अचानक एक कार तेज रफ्तार में आई और सीधे नाले में जा गिरी। कार चालक शायद गूगल मैप पर निर्भर थे और सामने का रास्ता नहीं देख सके।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गूगल मैप इस मार्ग को सीधा दिखाता है, जबकि असल में वहां से आने वाली गाड़ियों को यू-टर्न लेना होता है। यह मोड़ बेहद खतरनाक है, क्योंकि सामने से आने वाले वाहन चालकों को स्पष्ट रूप से कुछ नजर नहीं आता। इससे पहले भी यहां कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें एक बाइक सवार भी नाले में गिर चुका है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। चौकी इंचार्ज और सिपाहियों ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और भारत भाटी को नाले से बाहर निकाला। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने क्रेन की मदद से उनकी कार को नाले से बाहर निकाला।
मृतक के भाई दिलीप भाटी ने इस हादसे के लिए नोएडा प्राधिकरण को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, इस जगह पर कोई संकेत बोर्ड नहीं था, न ही किसी प्रकार की बैरिकेडिंग की गई थी। अगर यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होते, तो यह हादसा रोका जा सकता था। अभी हम गम में हैं, लेकिन बाद में प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे।
इस दर्दनाक हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने तेजी दिखाई और पुलिस ने घटनास्थल पर बैरिकेडिंग कराई। इलाके के निवासियों ने बताया कि यह जगह पहले से ही खतरनाक थी और कई हादसे हो चुके थे, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे।
इस घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में गुस्सा और डर दोनों देखने को मिल रहा है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह के खतरनाक मोड़ों पर स्पष्ट संकेत बोर्ड लगाए जाएं, बैरिकेडिंग मजबूत की जाए और गूगल मैप को सही जानकारी देने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि आधुनिक तकनीक पर निर्भरता कितनी सुरक्षित है, और प्रशासन की लापरवाही कितनी खतरनाक साबित हो सकती है।
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