ग्रामीण भारत की धड़कन को समझने निकली BIMTECH की टीम, ग्रामीणों से संवाद
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (5 मार्च 2025): ग्रामीण भारत की वास्तविकता को समझने और देश के विकास में योगदान देने के उद्देश्य से बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (BIMTECH) ने अपने ग्रामीण इमर्शन प्रोग्राम 2024-25 के तहत छात्रों को तीन दिवसीय यात्रा पर भेजा। इस अध्ययन कार्यक्रम के तहत छात्रों ने गौतम बुद्ध नगर जिले के 16 गांवों का दौरा किया और ग्रामीण जीवन, वहां की सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को नज़दीक से देखा।
इस कार्यक्रम ने छात्रों को ग्रामीण भारत की चुनौतियों से परिचित कराने, उनके समाधान खोजने और सामाजिक परिवर्तन में योगदान देने की प्रेरणा दी। ग्रामीण क्षेत्रों के प्रशासनिक ढांचे, स्थानीय व्यापार, स्व-सहायता समूहों और उद्यमशीलता को करीब से देखने का यह अवसर, छात्रों के लिए एक शिक्षाप्रद अनुभव साबित हुआ।
ग्रामीण भारत की गहरी समझ क्यों जरूरी?
भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित है। भविष्य के प्रबंधकों, उद्यमियों और कॉर्पोरेट नेताओं के लिए यह आवश्यक है कि वे ग्रामीण बाज़ार, आपूर्ति श्रृंखला और सामाजिक-आर्थिक विकास को गहराई से समझें। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को न केवल गांवों की जीवनशैली से परिचित कराना था, बल्कि उन्हें यह सिखाना भी था कि किस प्रकार वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग कर इन समुदायों के विकास में योगदान कर सकते हैं।
छात्रों ने गांव के मुखिया, पंचायत सदस्यों, स्व-सहायता समूहों और स्थानीय उद्यमियों से मुलाकात की और उनके कार्य करने के तरीकों तथा निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को समझा।
पांच प्रमुख विषयों पर अध्ययन
छात्रों ने ग्रामीण क्षेत्रों के इन विषयों पर शोध किया:
स्वास्थ्य सेवाएं – गांवों में अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता और उनकी गुणवत्ता का अध्ययन किया।
कृषि और पशुपालन – ग्रामीण आजीविका के लिए मुख्य आधार, इन दोनों क्षेत्रों में मौजूद चुनौतियों और संभावित समाधानों को समझा।
आजीविका के साधन – ग्रामीण रोजगार और आत्मनिर्भरता के मौजूदा अवसरों का विश्लेषण किया।
शिक्षा प्रणाली – सरकारी और निजी स्कूलों की स्थिति, शिक्षकों की भूमिका और डिजिटल शिक्षा की संभावनाओं को जाना।
जल, स्वच्छता और स्वच्छता (WASH) – गांवों में स्वच्छता की स्थिति और सरकार की योजनाओं के प्रभाव का अध्ययन किया।
गौतम बुद्ध नगर के गांवों में छात्रों का फील्ड अध्ययन
नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरी केंद्रों के बीच स्थित गौतम बुद्ध नगर जिले के 16 गांवों में अभी भी बुनियादी सुविधाओं की कमी और सामाजिक-आर्थिक असमानताएं बनी हुई हैं। इन गांवों में जाकर छात्रों ने सामाजिक-आर्थिक आकलन किया और विकास की संभावनाओं की पहचान की।
छात्रों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह कार्यक्रम?
ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर छात्रों को यह समझने में मदद मिली कि बेरोजगारी, बुनियादी ढांचे की कमी और शिक्षा जैसी समस्याएं आपस में किस प्रकार जुड़ी हुई हैं। उन्होंने यह भी देखा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा किस प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं।
BIMTECH की प्रोफेसर डॉ. वनिता दत्ता रॉय ने इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, हमारा संस्थान हमेशा से समाज से जुड़े रहने और सामाजिक समस्याओं के समाधान में योगदान देने का प्रयास करता रहा है। ग्रामीण इमर्शन प्रोग्राम के तहत छात्रों को गांवों की वास्तविकताओं से अवगत कराया जाता है। इससे छात्रों को समाज से जुड़ने और प्रबंधन की शिक्षा को व्यवहारिक रूप देने में मदद मिलती है। यह अनुभव उनके भविष्य के करियर में भी सहायक होगा।
छात्रों के अनुभव: सीखने और बदलाव लाने की यात्रा
BIMTECH के छात्रों ने गांवों में अपने अनुभव साझा किए और बताया कि यह यात्रा उनके लिए आंखें खोलने वाली रही।
शिक्षा और सामाजिक जागरूकता
ग्रामीण यात्रा के दौरान छात्रों ने गांवों में रहकर वहां की समस्याओं और अवसरों को समझा। टेन न्यूज की टीम से बातचीत में छात्रों यशिता गुप्ता, विदुला रानी, समीक्षा और स्नेहा गुप्ता ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम ने उन्हें ग्रामीण भारत की कठिनाइयों को देखने और समझने का अवसर दिया। शहरों में पले-बढ़े होने के कारण वे इन समस्याओं से पहले अनजान थे, लेकिन अब वे महसूस कर रहे हैं कि गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की कितनी कमी है।
छात्रों को यह देखकर आश्चर्य हुआ कि सरकारी स्कूलों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का सपना देखते हैं। इससे प्रेरित होकर उन्होंने कहा कि वे आगे चलकर इन बच्चों की शिक्षा के लिए कुछ सार्थक प्रयास करेंगे। ग्रामीण महिलाओं के अनुशासन और परिश्रम ने भी छात्रों को प्रभावित किया। उन्होंने बताया कि गांवों की महिलाएं सुबह 4 बजे उठकर अपने घरेलू और व्यावसायिक कार्यों में जुट जाती हैं, जिससे उन्होंने टाइम मैनेजमेंट का महत्वपूर्ण सबक सीखा।
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर चिंता
छात्रों करन गुप्ता और मोहित कुमार ने बताया कि इस दौरे ने उन्हें गांवों की असलियत से परिचित कराया। मोहित ने बताया कि वह पहले NSS (National Service Scheme) के तहत गांवों में काम कर चुके हैं, लेकिन इस यात्रा से उन्हें और गहरी समझ मिली। उन्होंने शिक्षा प्रणाली की खामियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पहले बच्चों के लिए किताबें और बैग जैसी आवश्यक वस्तुएं सरकार द्वारा सीधे स्कूलों को दी जाती थीं, लेकिन अब यह राशि माता-पिता के खातों में भेजी जाती है, जिससे कुछ माता-पिता बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने के बजाय अन्य जरूरतों में धन खर्च कर देते हैं। इसके अलावा, छात्रों ने यह भी देखा कि गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर कमी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यहां के लोगों के लिए अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाने चाहिए, ताकि वे बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहें।
BIMTECH के छात्रों ने इस यात्रा के दौरान केवल सीखने तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वे आगे चलकर ग्रामीण विकास में योगदान देंगे। उन्होंने महसूस किया कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में काम करने की बहुत ज़रूरत है।
महिला सशक्तिकरण और रोजगार के अवसर
गांव की महिलाओं ने BIMTECH की टीम के साथ “U-Turn 4 Nature” नामक संस्था के बारे में चर्चा की। इस संगठन की संस्थापक मंजू ने बताया कि सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे वे घर बैठे रोजगार कर सकती हैं। उन्होंने कहा, हमारी संस्था के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और प्राकृतिक उत्पाद बना रही हैं। सरकार से हमें लोन मिलता है, जिससे हम अपने छोटे व्यवसाय चला सकते हैं। छात्रों को ग्रामीण महिलाओं का यह संघर्ष और आत्मनिर्भरता बहुत प्रेरणादायक लगी।
समस्याएं और समाधान की संभावनाएं
छात्रों ने इस दौरे के दौरान कई समस्याओं को चिन्हित किया और उनके संभावित समाधान भी सुझाए:
स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव: ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों की कमी एक बड़ी समस्या है। छात्र सरकार से अनुरोध कर सकते हैं कि इस दिशा में सुधार किया जाए।
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा: महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने पर बल दिया जाना चाहिए।
एनिमल हसबेंडरी में सहयोग: सरकार यदि पशुपालन के क्षेत्र में वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करे, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।
BIMTECH का सामाजिक योगदान: भविष्य की योजनाएं
BIMTECH भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा ताकि छात्र समाज से जुड़ सकें और व्यावहारिक शिक्षा प्राप्त कर सकें। संस्थान का उद्देश्य है कि छात्र ग्रामीण विकास के लिए अपने ज्ञान और अनुभव का उपयोग करें और सामाजिक बदलाव में सक्रिय भूमिका निभाएं। ग्रामीण इमर्शन प्रोग्राम 2024-25 केवल एक अध्ययन यात्रा नहीं, बल्कि एक परिवर्तनकारी अनुभव था। इस कार्यक्रम से छात्रों को ग्रामीण भारत की वास्तविकता को समझने और उसके विकास में योगदान देने की प्रेरणा मिली। यह अनुभव न केवल उनके प्रबंधकीय करियर के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी मजबूत करेगा।।
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