गौतमबुद्ध नगर में फर्जी दस्तावेज के आधार पर अवैध वसूली का पर्दाफाश, पत्रकार की संलिप्तता

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (5 मार्च 2025): गौतमबुद्धनगर पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे प्लॉट पर कब्जा करने और पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि यह गिरोह लोगों को धमकाकर, फर्जी खबरें चलाकर और अन्य तरीकों से अवैध उगाही करता था। मामले में मुख्य अभियुक्त राजेंद्र और उसकी पत्नी पूनम को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि पत्रकार पंकज पाराशर के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है।

मामला थाना सूरजपुर क्षेत्र का है, जहां वादी वीरेंद्र ने शिकायत दर्ज कराई कि अभियुक्त राजेंद्र ने मृतक सुकेश जौहरी के प्लॉट (प्लॉट संख्या D-256, सेक्टर ओमीक्रोन-3, ग्रेटर नोएडा) पर फर्जी और कूट रचित जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (GPA) तैयार कर अपनी पत्नी पूनम के नाम करा लिया। जब वादी ने इसका विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई और रंगदारी मांगी गई। इतना ही नहीं, चैनल पर वादी के खिलाफ झूठी खबरें चलाकर बदनाम करने और शूटर भेजकर हत्या की धमकी देने जैसी घटनाएं भी सामने आईं।

थाना सूरजपुर पुलिस ने इस मामले में राजेंद्र के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। आगे की जांच में पूनम और पत्रकार पंकज पाराशर की संलिप्तता भी उजागर हुई, जिसके बाद उनके खिलाफ धारा 120बी और 386 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। पूनम को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि यह एक संगठित गिरोह है, जो पत्रकारिता की आड़ में लोगों को धमकाकर अवैध उगाही करता था। गिरोह का मुख्य सरगना रवि काना उर्फ रविंद्र नागर है, जो अपने आपराधिक वर्चस्व का डर दिखाकर लोगों से जबरन पैसा वसूलता था।

पुलिस के अनुसार, गिरोह झूठी खबरें चलाकर, धमकी देकर और अन्य गैरकानूनी तरीकों से लोगों को डराता था और उनकी संपत्ति या पैसे पर कब्जा कर लेता था। यही नहीं, वसूली गई रकम को कानूनी रूप देने के लिए अलग-अलग कंपनियों और निजी बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता था। जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने करोड़ों रुपये का संदिग्ध लेन-देन किया है, जिसकी अलग से जांच की जा रही है।

इस गिरोह के खिलाफ पहले से कई थानों में मामले दर्ज हैं। जांच में यह भी पता चला कि गिरोह ने संतरपाल सिंह नाम के एक अन्य व्यक्ति से भी इसी तरह धमकी देकर अवैध वसूली की थी। संतपाल सिंह ने थाना बादलपुर में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है। इसके अलावा, पंकज पाराशर और उसके साथियों द्वारा 13 लिंक तैयार किए गए थे, जिनका इस्तेमाल अवैध वसूली के लिए किया जा रहा था।

गौतमबुद्धनगर पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि इस संगठित गिरोह ने कई अन्य पीड़ितों को भी निशाना बनाया है, जिनकी पहचान की जा रही है। साथ ही, गिरोह द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्ति और पैसों के लेन-देन की भी जांच की जा रही है। पुलिस का दावा है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि, यह गिरोह पत्रकारिता की आड़ में लोगों को ब्लैकमेल कर अवैध वसूली करता था। कई लोगों ने इनके खिलाफ शिकायत की है, और सभी मामलों की गहनता से जांच जारी है। गौतमबुद्धनगर पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति इस गिरोह की अवैध गतिविधियों का शिकार हुआ है, तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करे। मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।


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