गौतमबुद्ध नगर (07 दिसंबर 2024): नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में गरीब किसानों की आवाज को दबाने के लिए पुलिस द्वारा की गई तानाशाही कार्रवाई के खिलाफ कानूनी विकास मंच ने कड़ा विरोध जताया है। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट और कानूनी विकास मंच के अध्यक्ष रणपाल अवाना ने अपनी टीम के साथ मिलकर किसानों के पक्ष में लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है।
एडवोकेट अवाना ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा किसानों के पक्ष में फैसले दिए जाने के बावजूद, स्थानीय प्राधिकरण ने पुलिस बल का दुरुपयोग करते हुए किसानों को हिरासत में लेकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की है। यह न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का भी हनन है।
रणपाल अवाना ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा नहीं किया गया, तो कानूनी विकास मंच उच्च न्यायालय में प्राधिकरण के खिलाफ विधिक कार्यवाही करेगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सभी बंद किसानों की निशुल्क जमानत कराने का वादा किया।
किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए मंच का समर्थन
इस अवसर पर कानूनी विकास मंच के सदस्यों ने किसानों के अधिकारों की रक्षा और उनके साथ हर कदम पर खड़े रहने का संकल्प लिया। मंच ने यह भी स्पष्ट किया कि किसानों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय सहन नहीं किया जाएगा और उनकी हर संभव कानूनी सहायता की जाएगी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख रूप से शामिल रहे:
रीना राव (एडवोकेट), आदित्य (एडवोकेट), पंकज शर्मा (एडवोकेट), विक्रम सेठी, जे.एस. बेदी, संदीप कालिया (एडवोकेट), गौरव यादव, कैलाश शाह, अजय शर्मा, मनीष गुप्ता सहित कई अन्य सदस्य शामिल रहे।
कानूनी विकास मंच ने किसानों के अधिकारों की सुरक्षा और उन्हें न्याय दिलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। इस पहल ने किसानों के बीच नई उम्मीद जगाई है।।
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