ग्रेटर नोएडा के देवला गांव में हत्याकांड के बाद तनाव, पुलिस का सख्त पहरा

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (7 दिसंबर 2024): देवला गांव इन दिनों गंभीर तनाव के माहौल से गुजर रहा है। 1 दिसंबर को हुए एक हत्याकांड के बाद से स्थिति बेहद संवेदनशील बनी हुई है। प्रशासन और पुलिस लगातार इलाके में शांति बनाए रखने का दावा कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि गांव में भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी तैनात है।

देवला गांव के निवासी 50 वर्षीय ब्रह्मजीत का शव 1 दिसंबर को खोदना खुर्द गांव के जंगल में मिला था। जांच में पता चला कि ब्रह्मजीत की गला दबाकर हत्या की गई थी। परिवार का कहना है कि ब्रह्मजीत हाल ही में कुछ लोगों के साथ पैसों को लेकर विवाद में थे। हत्या से तीन दिन पहले वह अचानक घर से लापता हो गए थे।परिजनों ने स्थानीय सीसीटीवी फुटेज खंगाली, जिसमें वह दो युवकों के साथ बाइक पर जाते दिखाई दिए। रविवार को उनका शव झाड़ियों में पड़ा मिला। पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

रविवार रात सूरजपुर पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान एक बाइक पर दो संदिग्धों को देखा। पुलिस को देख वे भागने लगे। पीछा करने पर एक बदमाश हारून को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उसका साथी फरार हो गया। हारून ने पुलिस पूछताछ में हत्या की बात स्वीकार की। उसने बताया कि उसने अपने साथी गुलशन के साथ मिलकर ब्रह्मजीत की हत्या की थी।

हारून ने बताया कि उसने ब्रह्मजीत से 85,000 रुपये उधार लिए थे, जिन्हें वह चुका नहीं पाया। बार-बार पैसे मांगने से तंग आकर, दोनों ने मिलकर उसे जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर दी।ब्रह्मजीत की हत्या के बाद देवला गांव में हिंसा भड़क उठी। कुछ ग्रामीणों ने मुस्लिम समुदाय के घरों में तोड़फोड़ की और झुग्गियों में आग लगा दी। हालात काबू करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

हिंसा के बाद गांव में एक पंचायत आयोजित की गई, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों को गांव छोड़ने का फरमान सुनाया गया। पंचायत में यह फैसला लिया गया कि अब देवला गांव में मुस्लिम समाज के लिए कोई स्थान नहीं है। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और अपनी झुग्गियां खाली करना शुरू कर दिया।

पलायन की खबरों पर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसी कोई सूचना उनके पास नहीं है। हालांकि, उनका दावा है कि गांव में किसी भी समुदाय को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी को सुरक्षा प्रदान की जाएगी और यदि कोई मामला सामने आता है, तो उसकी जांच की जाएगी।

गांव में अब भी तनाव व्याप्त है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हालात ऊपर से शांत दिख रहे हैं, लेकिन गांव “बारूद के ढेर” पर बैठा है। किसी भी छोटी सी घटना से बड़ा बवाल हो सकता है। देवला गांव के हालात ने प्रशासन की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वर्तमान स्थिति में पुलिस और प्रशासन को सतर्क रहकर हालात को काबू में रखना एक बड़ी चुनौती होगी।


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