ग्रेटर नोएडा (28 फरवरी 2025): नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के सेंट्रल वर्ज की सिंचाई अब इजरायल की अत्याधुनिक ड्रिप तकनीक से की जाएगी। इस प्रणाली के तहत पाइपलाइन के जरिए पेड़-पौधों को बूंद-बूंद करके पानी पहुंचाया जाएगा, जिससे पानी की बचत होगी और हरियाली को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलेगी।
इस परियोजना के तहत एक्सप्रेसवे के सेंट्रल वर्ज में लगभग 17 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इस पाइपलाइन में स्प्रिंकलर सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे पौधों को आवश्यकतानुसार पानी मिलेगा। यह पाइपलाइन यमुना किनारे बने या निर्माणाधीन रैनी वेल और ट्यूबवेल से जोड़ी जाएगी।
सिंचाई के लिए पहले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के पानी को उपयोग में लाने की योजना थी, लेकिन ट्रीटेड पानी में मौजूद अशुद्धियों के कारण इसे स्प्रिंकलिंग के लिए उपयुक्त नहीं माना गया। वर्तमान में एसटीपी का पानी बरसाती ड्रेनों में छोड़ा जा रहा है, जिससे एक्सप्रेसवे के किनारों पर नमी बनी रहती है। इसी पानी को पाइपलाइन के माध्यम से सेंट्रल वर्ज तक पहुंचाने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है। नोएडा अथॉरिटी की एसीईओ वंदना त्रिपाठी के अनुसार, इस परियोजना की फाइल टेक्निकल ऑडिट सेल को भेजी जा चुकी है। वहां से एस्टीमेट वेरिफिकेशन के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
फिलहाल, एक्सप्रेसवे पर टैंकरों के माध्यम से सिंचाई की जा रही है, लेकिन यह तरीका सुरक्षित नहीं है। हाई-स्पीड वाहनों के बीच टैंकर से सिंचाई करना दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे सकता है और पौधों को भी नुकसान पहुंच सकता है। इसी कारण ड्रिप सिंचाई प्रणाली को अपनाने का निर्णय लिया गया है। ड्रिप सिंचाई एक आधुनिक तकनीक है, जिसमें पानी को पाइपलाइन के माध्यम से सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है। इसे ‘टपक सिंचाई’ भी कहा जाता है। इस प्रणाली में छोटे-छोटे एमिटर (छिद्र) होते हैं, जो नियंत्रित मात्रा में पानी छोड़ते हैं।
ड्रिप सिंचाई की विशेषताएं
पानी का रिसाव और वाष्पीकरण कम होता है, जिससे पानी की बचत होती है।
पौधों को पर्याप्त नमी और पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे उनकी वृद्धि में सुधार होता है।
सिंचाई का पूरा सिस्टम ऑटोमैटिक होगा, जिसे सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा।
पानी की मात्रा और दबाव को जरूरत के अनुसार नियंत्रित किया जा सकता है।
यह नई तकनीक एक्सप्रेसवे की हरियाली बनाए रखने के साथ-साथ जल संरक्षण में भी मदद करेगी। इस परियोजना के पूरा होने से न केवल पौधों को उचित मात्रा में पानी मिलेगा, बल्कि एक्सप्रेसवे की सौंदर्यता भी बनी रहेगी। नोएडा अथॉरिटी इस परियोजना को जल्द से जल्द लागू करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया जाएगा, जिससे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे अधिक हरित और सुंदर दिखाई देगा।।
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