भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ा बदलाव: मारुति-हुंडई का गिरा मार्केट शेयर

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (23 फरवरी 2025): पिछले पांच वर्षों में भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनियों के मार्केट शेयर में भारी गिरावट आई है, जबकि कुछ घरेलू कंपनियों ने जबरदस्त उछाल दर्ज किया है। एक हालिए रिपोर्ट के अनुसार, Maruti Suzuki और Hyndai जैसी दिग्गज कंपनियों का बाजार में वर्चस्व कम हुआ है, वहीं टाटा मोटर्स और महिंद्रा ने उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है।

Maruti का दबदबा घटा, 10% की गिरावट

भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki का बाजार पर अब भी दबदबा कायम है, लेकिन पिछले पांच वर्षों में इसके मार्केट शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पांच साल पहले 50% बाजार हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी अब 40% पर आ गई है, यानी इसमें 10% की कमी आई है।

Hyundai को भी लगा झटका, 5% की गिरावट

दूसरे नंबर की सबसे बड़ी कार निर्माता Hyundai Motor Company को भी पिछले पांच वर्षों में नुकसान उठाना पड़ा है। पांच साल पहले 19% मार्केट शेयर रखने वाली यह कंपनी अब 14% पर आ गई है, यानी इसमें 5% की गिरावट आई है।

Tata Motors ने किया जबरदस्त प्रदर्शन, हिस्सेदारी लगभग दोगुनी

टाटा मोटर्स ने भारतीय कार बाजार में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। पांच साल पहले महज 6% बाजार हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी अब 13.75% पर पहुंच गई है, यानी इसकी हिस्सेदारी लगभग दोगुनी हो गई है। नई गाड़ियों की मजबूत लाइनअप और इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता ने टाटा को इस वृद्धि में मदद की है।

Mahindra की भी शानदार छलांग, 8% से 12% पर पहुंचा मार्केट शेयर

महिंद्रा ने भी जबरदस्त ग्रोथ दिखाई है। पांच साल पहले इसका मार्केट शेयर 8% था, जो अब बढ़कर 12% हो गया है, यानी डेढ़ गुना की वृद्धि। एसयूवी सेगमेंट में इसकी मजबूत पकड़ और नए मॉडलों की सफलता ने इसे मजबूती दी है।

Toyoto और Kia ने भी बढ़ाई पकड़

टोयोटा ने भी अपनी स्थिति मजबूत की है। पांच साल पहले इसका 4.3% मार्केट शेयर था, जो अब 6.3% पर पहुंच गया है।

किया मोटर्स ने भारतीय बाजार में दमदार एंट्री ली। पांच साल पहले मौजूद न रहने वाली इस कंपनी ने 6% बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है।

सबसे बड़ा नुकसान Honda को, 5% से गिरकर 1.5% पर पहुंचा मार्केट शेयर

जापानी ऑटोमोबाइल कंपनी होंडा को भारतीय बाजार में सबसे बड़ा झटका लगा है। एक समय पर 5% बाजार हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी अब केवल 1.5% पर सिमट गई है। इसका मुख्य कारण कम नए मॉडल लॉन्च करना और प्रतिस्पर्धा में पिछड़ना माना जा रहा है।

अन्य कंपनियों की स्थिति

Skoda का मार्केट शेयर 2% है।

MG Motors की हिस्सेदारी भी 1.5% है।

अन्य कंपनियां मिलाकर 3.3% बाजार हिस्सेदारी रखती हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बाजार में SUV और इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ रही है। टाटा और महिंद्रा जैसी घरेलू कंपनियों ने इस ट्रेंड को समझते हुए अपनी रणनीति बनाई, जिससे उन्हें फायदा हुआ। वहीं, मारुति और हुंडई जैसी कंपनियां अब धीरे-धीरे इस बदलाव की ओर बढ़ रही हैं। भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में यह बदलाव आगामी वर्षों में और दिलचस्प होने वाला है। उपभोक्ताओं की पसंद में बदलाव और नई तकनीकों के आगमन से बाजार में प्रतिस्पर्धा और तेज होगी।।


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