नई दिल्ली (11 फरवरी 2025): दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन सादगी, ईमानदारी और राष्ट्रसेवा का प्रतीक था। उन्होंने बताया कि भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता उनके विचारों को आत्मसात कर समाज और देश की सेवा करने का संकल्प लेता है। इस कार्यक्रम में कई अन्य भाजपा नेता और समर्थक भी शामिल हुए, जिन्होंने उपाध्याय जी के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा ली।
कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेताओं ने ‘एकात्म मानववाद’ और ‘अंत्योदय’ की विचारधारा पर चर्चा की, जिसे पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने प्रतिपादित किया था। वक्ताओं ने बताया कि उपाध्याय जी का सपना था कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे और भारत आत्मनिर्भर बने। उनके विचारों को अपनाते हुए भाजपा सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं, जिनका उद्देश्य गरीबों, किसानों और वंचित वर्गों को सशक्त बनाना है। इस मौके पर उनके जीवन और कार्यों पर आधारित एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें उनके योगदान को दर्शाने वाले चित्र और दस्तावेज प्रदर्शित किए गए।
इस श्रद्धांजलि सभा में कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि उपाध्याय जी का जीवन सादगी और समाजसेवा का अनुपम उदाहरण है, जिसे अपनाकर देश को आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जो राष्ट्र निर्माण और सामाजिक उत्थान के लिए समर्पित है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने उनके बताए मार्ग पर चलने की प्रतिज्ञा ली।
समारोह के अंत में उपाध्याय जी को श्रद्धांजलि देते हुए सभी ने राष्ट्रहित में कार्य करने का दृढ़ निश्चय किया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं, जिनमें उपाध्याय जी के जीवन पर आधारित नाटक और गीत प्रस्तुत किए गए। भाजपा नेताओं ने आश्वासन दिया कि वे उनके आदर्शों को अपनाकर देश को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे।
कौन थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय
पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक प्रख्यात भारतीय विचारक, समाज सुधारक, अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने भारतीय जनसंघ (जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बनी) की नींव को मजबूत किया। उनका जन्म 25 सितंबर 1916 को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान और उत्तर प्रदेश में प्राप्त की और स्नातक की पढ़ाई कानपुर के सनातन धर्म कॉलेज से की। प्रारंभ से ही वे राष्ट्रवाद और सामाजिक उत्थान की भावना से प्रेरित थे। 11 फरवरी 1968 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन (अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन) पर संदिग्ध परिस्थितियों में उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु आज भी एक रहस्य बनी हुई है, लेकिन उनके विचार और सिद्धांत भारतीय राजनीति और समाज में गहरे प्रभाव छोड़ चुके हैं। उनकी विचारधारा ‘अंत्योदय’ – समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने की अवधारणा आज भी प्रासंगिक है और कई सरकारी योजनाओं का आधार बनी हुई है।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।