अलका लांबा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों पर जताया विश्वास, कहा- “लोगों के मुद्दों पर लड़ा चुनाव”
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (8 फरवरी 2025): दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी 2025 को घोषित होने वाले हैं। इस पर कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। लांबा ने कहा कि इस चुनाव में उन्होंने और कांग्रेस ने लोगों के मुद्दों को प्राथमिकता दी है और यही उनकी सबसे बड़ी जीत है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कभी भी चुनावी मुद्दों से भटकने की अनुमति नहीं दी, जबकि अन्य पार्टियां अंत तक अपने-अपने तरीके से लड़ाई करती रही।
लांबा ने कालकाजी सीट पर अपनी कड़ी लड़ाई को लेकर कहा, कांग्रेस और मैं इस सीट से मजबूती से लड़े हैं, और पूरी दिल्ली इस पल का इंतजार कर रही है जब चुनाव परिणाम सामने आएंगे। हम उम्मीद करते हैं कि एग्जिट पोल के नतीजे वास्तविक परिणामों से मेल खाएंगे।
कालकाजी जैसी महत्वपूर्ण सीट पर अपने मुकाबले को लेकर लांबा ने कहा, 2003 और 2013 में मैंने मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के खिलाफ चुनाव लड़ा था। 20 साल बाद यह अवसर मिला है कि मैं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रही हूं, जिनकी स्थिति केवल अस्थायी मुख्यमंत्री की है, जैसा कि वे खुद कहते हैं। यह मेरे लिए एक मजबूती से लड़ी गई लड़ाई है।
रमेश बिधूड़ी पर निशाना
लांबा ने गुर्जर समाज के नेता रमेश बिधूड़ी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कालकाजी के लोग बिधूड़ी को पसंद नहीं करते हैं और उनकी भाषा के प्रति गुस्सा और रोष था। बिधूड़ी ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन मुझे लगता है कि लोग उनकी असली पहचान समझ चुके हैं।
केजरीवाल पर कटाक्ष
लांबा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, केजरीवाल झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करने की आदत में हैं, लेकिन इस बार वह भाग नहीं सकते। उन्हें दिल्ली से हार का सामना करना पड़ेगा, और मैं पूरी तरह से इस बात पर विश्वास करती हूं।
आतिशी को लेकर टिप्पणी
लांबा ने अपने प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आतिशी के खिलाफ उन्होंने भारी एंटी-इनकम्बेंसी देखी है। मुख्यमंत्री रहते हुए आतिशी ने अपनी कांस्टीटुएंसी में कोई काम नहीं किया और अब वह केजरीवाल के नाम पर वोट मांग रही हैं, लांबा ने कहा।
कांग्रेस की अस्तित्व की लड़ाई
कांग्रेस की अस्तित्व की लड़ाई पर लांबा ने कहा, “बीजेपी में आंतरिक संघर्ष और तानाशाही के खिलाफ राहुल गांधी ही एकमात्र आवाज हैं। डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद बीजेपी दिल्ली में सरकार नहीं बना पाई है। मुझे खुशी है कि राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मेरा साथ दिया, जिससे मेरा मनोबल बढ़ा और मुझे यकीन है कि हमारा चुनाव प्रचार सफल रहेगा।”
आम आदमी पार्टी और बीजेपी से दूरी
लांबा ने यह भी स्पष्ट किया कि वह न तो आम आदमी पार्टी के साथ हैं और न ही बीजेपी के साथ। आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों ने दिल्ली को बर्बाद किया है, और मैं किसी भी हालत में इन दोनों में से किसी के साथ नहीं जा सकती, उन्होंने कहा।
महिला मतदाताओं पर विशेष ध्यान
लांबा ने महिला मतदाताओं पर विशेष ध्यान देने की बात की और कहा, मेरे पास सीमित समय था, लेकिन जितना भी समय मुझे कालकाजी में मिला, मैंने 80,000 महिला मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाई। मुझे लगता है कि इस चुनाव में महिलाओं का प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण रहेगा और कांग्रेस को इस चुनाव में जीत मिलेगी।
भविष्य की उम्मीदें
लांबा ने कहा कि वह इस चुनाव के नतीजों को लेकर आत्मविश्वास से भरी हुई हैं। कांग्रेस ने मजबूती से चुनाव लड़ा है, और मैं पूरी तरह से यकीन करती हूं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी की हार होगी। अलका लांबा की इस रणनीतिक और मुद्दों पर आधारित चुनावी लड़ाई को अब दिल्ली के लोग किस रूप में स्वीकार करेंगे, यह देखने वाली बात होगी।
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