दिल्ली में बदलाव की आहट: एग्जिट पोल में भाजपा को बढ़त, केजरीवाल की सत्ता पर संकट
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (06 फरवरी 2025): दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजे राजधानी में एक बड़े राजनीतिक परिवर्तन की ओर संकेत कर रहे हैं। सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) इस बार कमजोर नजर आ रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार बनाने की ओर बढ़ती दिख रही है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार को इस चुनाव में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, जिससे दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ने की संभावना है।
दिल्ली में सत्ता परिवर्तन की संभावनाएं
दिल्ली की राजनीति में 1998 से 2013 तक शीला दीक्षित का दबदबा रहा, जब उन्होंने लगातार तीन बार कांग्रेस की सरकार बनाई। लेकिन 2013 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के उभरने के साथ ही दिल्ली की सियासत में एक बड़ा बदलाव आया। हालांकि, उस समय AAP को कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनानी पड़ी थी। 2015 और 2020 में अरविंद केजरीवाल ने प्रचंड बहुमत हासिल कर सरकार बनाई, लेकिन इस बार एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि पार्टी को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
भाजपा, जो 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद दिल्ली में नई ऊर्जा के साथ उभरी, लगातार अपनी पकड़ मजबूत करती गई। 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिल्ली की सभी सातों सीटें जीतीं और 2019 में भी यह प्रदर्शन दोहराया। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन के बावजूद भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया और 52 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की। इन नतीजों के बाद विधानसभा चुनाव में भी भाजपा का मनोबल बढ़ा है।
भाजपा के मजबूत जनाधार के आगे आप की चुनौती
भाजपा ने पिछले तीन लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया है, जिससे यह साफ है कि पार्टी का जनाधार दिल्ली में मजबूत बना हुआ है। हालांकि, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को आम आदमी पार्टी के सामने हार का सामना करना पड़ा था क्योंकि कांग्रेस के परंपरागत वोटर AAP की ओर शिफ्ट हो गए थे। लेकिन इस बार एग्जिट पोल के रुझानों के अनुसार, भाजपा मजबूत स्थिति में है, जबकि कांग्रेस भी वापसी की कोशिश कर रही है।
आप के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि यदि वह सरकार बनाने में विफल रहती है, तो पार्टी का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। आंदोलन से निकली यह पार्टी बीते एक दशक में कोई मजबूत सांगठनिक ढांचा खड़ा नहीं कर पाई है। ऐसे में अगर नतीजे AAP के खिलाफ जाते हैं, तो उसके कई विधायकों के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो सकती हैं।
केजरीवाल के लिए बढ़ती मुश्किलें
एग्जिट पोल के अनुसार, अरविंद केजरीवाल को अपनी परंपरागत सीट ‘नई दिल्ली’ से कड़ी चुनौती मिल रही है और वह चुनाव हार सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो यह AAP के लिए बड़ा झटका होगा। पहले ही पार्टी कई संकटों से जूझ रही है, और अगर उनके शीर्ष नेता चुनाव हारते हैं, तो पार्टी में अस्थिरता और बिखराव बढ़ सकता है।
कांग्रेस के लिए उम्मीद की किरण
लगातार तीन लोकसभा और दो विधानसभा चुनावों में शून्य पर सिमटी कांग्रेस के लिए यह चुनाव एक नई उम्मीद लेकर आया है। एग्जिट पोल के अनुसार, कांग्रेस इस बार कुछ सीटें जीत सकती है, जिससे उसके कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। हालांकि, दिल्ली की राजनीति में अपनी पुरानी स्थिति वापस पाना पार्टी के लिए अभी भी एक कठिन चुनौती बनी हुई है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल संकेत दे रहे हैं कि राज्य में एक बड़ा राजनीतिक परिवर्तन हो सकता है। भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में नजर आ रही है, जबकि आम आदमी पार्टी को अपनी सत्ता बचाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है। कांग्रेस कुछ सीटें जीतकर वापसी की कोशिश में है, लेकिन उसकी स्थिति कितनी मजबूत होगी, यह नतीजों के बाद ही स्पष्ट होगा। अब सभी की नजरें 11 फरवरी को आने वाले चुनावी परिणामों पर टिकी हैं, जो दिल्ली की राजनीति का भविष्य तय करेंगे।।
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