नई दिल्ली (03 दिसंबर 2024): आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दिल्ली के बस मार्शलों की बर्खास्तगी का मुद्दा राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उठाने की अनुमति मांगी है। उन्होंने इसे महिलाओं की सुरक्षा और हजारों परिवारों की आजीविका से जुड़ा गंभीर विषय बताया।
महिलाओं की सुरक्षा पर खतरा
संजय सिंह ने कहा कि बस मार्शल महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए थे। इन मार्शलों ने न केवल महिलाओं को सुरक्षित यात्रा का माहौल दिया, बल्कि कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर समाज की सेवा भी की। उनकी अचानक बर्खास्तगी ने न केवल महिलाओं की सुरक्षा पर असर डाला है, बल्कि हजारों परिवारों को बेरोजगारी के कारण आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उपराज्यपाल को भेजा गया प्रस्ताव
संजय सिंह ने बताया कि दिल्ली सरकार ने बस मार्शलों को बहाल और नियमित करने का प्रस्ताव तैयार कर उपराज्यपाल को भेजा था, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “यह केवल एक रोजगार का मुद्दा नहीं है, बल्कि महिला सुरक्षा का सवाल भी है। उपराज्यपाल कार्यालय से इस मामले में कोई ठोस कदम न उठाए जाने से 11,000 परिवारों का भविष्य अधर में लटक गया है।”
11 हजार परिवारों पर संकट
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि 11,000 बस मार्शल अचानक नौकरी से निकाल दिए गए, जिससे उनके परिवारों की आजीविका पर संकट आ गया है। संजय सिंह ने सरकार से अनुरोध किया कि वह इन परिवारों की आर्थिक स्थिति और महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द समाधान निकाले।
तत्काल कार्रवाई की मांग
संजय सिंह ने राज्यसभा के महासचिव को दिए नोटिस में इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति मांगी है और कहा कि केंद्र सरकार को इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बस मार्शलों की बहाली जरूरी है और इसके बिना महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है।
संजय सिंह ने इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की मांग की और सरकार से अनुरोध किया कि बस मार्शलों की बहाली सुनिश्चित कर महिलाओं की सुरक्षा और हजारों परिवारों की आर्थिक स्थिति को बचाया जाए।।
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