वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे की बड़ी पहल

टेन न्यूज नेटवर्क

National News (05 December 2025): भारतीय रेलवे वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों सहित सभी यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने अनेक महत्वपूर्ण सुविधाओं को लागू किया है। रिपोर्ट के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और 45 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों को अब स्वतः रूप से निचली बर्थ आवंटित की जाएगी, भले ही टिकट बुकिंग के समय इसकी मांग न की गई हो। यह सुविधा उपलब्धता के आधार पर सभी श्रेणियों में लागू रहेगी।

इन विशेष श्रेणियों के यात्रियों वरिष्ठ नागरिकों, 45+ महिलाओं तथा गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से निचली बर्थ कोटा निर्धारित किया गया है। स्लीपर कोच में प्रति डिब्बा 6–7 निचली बर्थ, 3AC में 4–5 और 2AC में 3–4 निचली बर्थ आरक्षित रहेंगी। इसके साथ ही, यदि ट्रेन के संचालन के दौरान कोई निचली बर्थ खाली होती है तो उसे प्राथमिकता के आधार पर वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों या गर्भवती महिलाओं को आवंटित किया जाएगा।

दिव्यांगजनों के लिए रेलवे ने अतिरिक्त सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान दिया है। लगभग सभी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों, जिनमें राजधानी और शताब्दी ट्रेनें भी शामिल हैं, में दिव्यांगजनों और उनके परिचारकों के लिए आरक्षण कोटा निर्धारित किया गया है। स्लीपर और 3AC/3E में चार बर्थ (दो निचली व दो मध्य), जबकि 2S और चेयर कार में चार सीटें इस श्रेणी के लिए आरक्षित रहती हैं। इसके अलावा, अधिकांश मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में दिव्यांगजनों के लिए अलग कोच की व्यवस्था की गई है, जिनमें चौड़े प्रवेश द्वार, व्हीलचेयर पार्किंग, चौड़ी बर्थ, अतिरिक्त ग्रैब रेल और बड़े अनुकूलित शौचालय उपलब्ध होते हैं।

दृष्टिबाधित यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन के अंदर विभिन्न स्थानों पर ब्रेल साइनेज लगाए गए हैं। वहीं, आधुनिक अमृत भारत और वंदे भारत ट्रेनों को दिव्यांगजनों की ज़रूरतें ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। वंदे भारत ट्रेनों के पहले और आखिरी कोच में व्हीलचेयर स्पेस, विशेष अनुकूलित शौचालय और मॉड्यूलर रैंप जैसी सुविधाएं शामिल हैं, जिससे सीमित गतिशीलता वाले यात्रियों को चढ़ने-उतरने में आसानी हो सके।

आरक्षित कोचों में ‘प्रवेश’ और ‘निकास’ के स्पष्ट संकेत लगाए जाते हैं, जबकि सामान्य डिब्बों में किसी भी द्वार का उपयोग किया जा सकता है। यात्रियों के सुरक्षा और यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के लिए रेलवे लगातार अपने कोचों और सुविधाओं में सुधार कर रहा है।

इन सभी जानकारियों को केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में साझा किया।


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