ट्रेड लाइसेंस अब सीधे संपत्ति कर से जुड़ा, व्यापारियों को मिली बड़ी राहत

टेन न्यूज नेटवर्क

New Delhi News (03 December 2025): दिल्ली नगर निगम (MCD) ने राजधानी के लाखों व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए एक ऐतिहासिक सुधार लागू किया है। अब जनरल ट्रेड लाइसेंस सीधे संपत्ति कर भुगतान प्रणाली में शामिल होगा, जिससे अलग आवेदन प्रक्रिया की जरूरत पूरी तरह खत्म हो जाएगी। निगम के अनुसार यह नया मॉडल पारदर्शी, आधुनिक और विश्वास-आधारित व्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम है। व्यापारियों को अब किसी फॉर्म, दस्तावेज़ या बार-बार निरीक्षण जैसी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। लाइसेंस शुल्क संपत्ति कर के साथ ही शामिल होगा और उसी की रसीद वैध लाइसेंस मानी जाएगी।

डीएमसी एक्ट में संशोधन, झंझट खत्म

MCD ने डीएमसी एक्ट की धारा 417 में बदलाव करते हुए ट्रेड लाइसेंस को संपत्ति कर से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है। पहले लाइसेंस के लिए अलग से आवेदन, सत्यापन, निरीक्षण और दस्तावेज़ जमा करने पड़ते थे, जिससे समय और धन दोनों खर्च होते थे। नई व्यवस्था में संपत्ति कर की रसीद पर अनुमोदन अंकित होगा, जिसे ही जनरल ट्रेड लाइसेंस का दर्जा मिलेगा। हालांकि, यह तभी मान्य होगा जब व्यापारिक प्रतिष्ठान प्रदूषण नियंत्रण, अग्नि सुरक्षा और अन्य कानूनी मानकों का पालन करेंगे। यह मॉडल प्रक्रिया को सरल बनाकर आत्म-घोषणा आधारित प्रणाली को मजबूत करेगा।

महापौर ने बताया नागरिक-केंद्रित कदम

दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे ‘ऐतिहासिक’ और ‘व्यापारी हितैषी’ कदम बताया। उनके मुताबिक निगम ईमानदार करदाताओं को राहत देने और अनावश्यक प्रक्रियाओं को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। महापौर ने कहा कि लाइसेंसिंग को संपत्ति कर से जोड़ने से न केवल समय बचेगा बल्कि संभावित उत्पीड़न और भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुरक्षा मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, और नया सिस्टम शासन को अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाएगा।

लाइसेंस शुल्क अब होगा संपत्ति कर का 15%

नई व्यवस्था के तहत लाइसेंस शुल्क अब संबंधित संपत्ति पर लागू वार्षिक संपत्ति कर का 15 प्रतिशत होगा। पहले लाइसेंस शुल्क तय करने के लिए दुकान का क्षेत्रफल, व्यापार का प्रकार, स्थानीयता की श्रेणी और अन्य कई मानकों का उपयोग किया जाता था, जिससे जटिलता बढ़ती थी। MCD का कहना है कि नया फार्मूला अधिक सरल, समान और न्यायसंगत है, जिससे छोटे दुकानदारों को विशेष राहत मिलेगी। निगम के विश्लेषण से यह भी स्पष्ट हुआ है कि यह मॉडल राजस्व के लिहाज से संतुलित है और सभी श्रेणियों के व्यापारियों के लिए पारदर्शी व्यवस्था प्रदान करेगा।

निरीक्षणों में कमी, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण

इस बड़े सुधार से लाइसेंस निर्धारण में फील्ड निरीक्षणों की जरूरत काफी कम हो जाएगी, क्योंकि अब शुल्क तय करने में जटिल मापदंडों की आवश्यकता नहीं बचेगी। MCD को उम्मीद है कि इससे अनावश्यक हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार की आशंकाओं पर लगाम लगेगी। आत्म-घोषणा आधारित व्यवस्था लागू होने से व्यापारी और विभाग दोनों को समय की बचत, सुविधा और पारदर्शिता का लाभ मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव निगम के प्रशासनिक तंत्र को अधिक कुशल बनाएगा और दिल्ली के व्यावसायिक माहौल को नई गति देगा।।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन भारत सरकार , दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय एवं दिल्ली राजनीति ,   दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस तथा दिल्ली नगर निगम, NDMC, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।

टेन न्यूज हिंदी | Ten News English | New Delhi News | Greater Noida News | NOIDA News | Yamuna Expressway News | Jewar News | NOIDA Airport News.


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।