भारत की अर्थव्यवस्था में जोरदार उछाल, GDP ने छः तिमाहियों का रिकॉर्ड तोड़ा

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (03 December 2025): भारत की आर्थिक वृद्धि ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई–सितंबर) में शानदार प्रदर्शन किया है। देश की वास्तविक GDP (Real GDP) में 8.2% की तेजी दर्ज की गई, जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे अधिक है। यह वृद्धि न केवल पिछले वर्ष की समान तिमाही (5.6%) से बेहतर रही, बल्कि इस वर्ष की पहली तिमाही (7.8%) को भी पीछे छोड़ गई। पहली छमाही की औसत GDP वृद्धि 8% पर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री ने इस मजबूत वृद्धि को “प्रो-ग्रोथ नीतियों और मेहनतकश जनता का परिणाम” बताया है।

हालांकि, मजबूत वास्तविक वृद्धि के बीच Nominal GDP केवल 8.7% रही, जो अर्थशास्त्रियों के लिए चिंता का विषय है। कम GDP डिफ्लेटर के कारण वास्तविक व Nominal GDP के बीच का अंतर बहुत कम दिखा, जिससे संकेत मिलता है कि आर्थिक गतिविधियों की वास्तविक गति उतनी मजबूत नहीं जितनी दिखती है। विशेषज्ञों का मानना है कि कम Nominal GDP से वर्ष के लिए सरकार द्वारा तय 4.4% राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर दबाव बढ़ सकता है।

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने संकेत दिया कि Q2 के मजबूत प्रदर्शन के आधार पर पूरे वित्त वर्ष FY26 की GDP वृद्धि 7% या उससे अधिक रह सकती है। उनके अनुसार, नियंत्रित मुद्रास्फीति, सरकारी पूंजीगत खर्च में निरंतरता और आर्थिक सुधारों की गति अर्थव्यवस्था को स्थिर सहारा प्रदान कर रहे हैं।

क्षेत्रवार प्रदर्शन की बात करें तो विनिर्माण क्षेत्र ने 9.1% की छलांग लगाते हुए छह तिमाहियों का उच्चतम स्तर छू लिया। कंपनियों की बेहतर आय और पिछले वर्ष के लो बेस इफ़ेक्ट ने इसमें अहम भूमिका निभाई। सेवा क्षेत्र भी 9.2% की वृद्धि के साथ दमदार रहा, खासतौर पर वित्तीय सेवाएँ, रियल एस्टेट व प्रोफेशनल सेवाएँ उप-क्षेत्र ने 10.2% की तेज़ी दिखाई। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं ने सरकारी खर्च में कमी के बावजूद 9.7% की मजबूत वृद्धि दर्ज की। इसके विपरीत, कृषि क्षेत्र की वृद्धि 3.5% पर धीमी पड़ी, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में दबाव का संकेत देती है।

GDP के इन आंकड़ों पर विपक्ष ने कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि IMF द्वारा राष्ट्रीय खातों को ‘C’ ग्रेड दिया गया है, पूंजी निवेश में कोई सुधार नहीं दिख रहा और अत्यधिक कम GDP डिफ्लेटर का उपयोग वास्तविक महँगाई के अनुभव से मेल नहीं खाता। आलोचकों के अनुसार, निजी निवेश की सुस्ती के बीच उच्च GDP वृद्धि लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रह सकती।

कुल मिलाकर, Q2 FY26 की 8.2% GDP वृद्धि निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की मजबूती ने समग्र आर्थिक गति को सहारा दिया है, लेकिन नाममात्र GDP की कमजोर वृद्धि, निजी निवेश की कमी और ग्रामीण मांग में सुस्ती जैसी चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं। आने वाली तिमाहियों में सरकारी वित्तीय स्थिति, निजी निवेश और ग्रामीण मांग ही अर्थव्यवस्था की वास्तविक दिशा तय करेंगे।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन भारत सरकार , दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय एवं दिल्ली राजनीति ,   दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस तथा दिल्ली नगर निगम, NDMC, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।

टेन न्यूज हिंदी | Ten News English | New Delhi News | Greater Noida News | NOIDA News | Yamuna Expressway News | Jewar News | NOIDA Airport News.


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।