नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन से ठीक पहले जेवर के ग्रामीणों ने क्या मांग कर दी
टेन न्यूज नेटवर्क
Noida International Airport News (30/11/2025): नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) के उद्घाटन से पहले जेवर के किसानों और ग्रामीण युवाओं में रोष बढ़ता जा रहा है। किशोरपुर गांव में ग्रामीणों ने बैठक कर आरोप लगाया कि एयरपोर्ट निर्माण के समय सरकार ने विस्थापित परिवारों के 18 वर्ष से ऊपर के हर सदस्य को नौकरी देने या 5 लाख रुपये मुआवज़ा देने का वादा किया था, लेकिन सात साल में न नौकरी मिली और न ही सुनवाई हुई। ग्रामीण युवाओं का कहना है कि ट्रेनिंग तक का वादा पूरा नहीं किया गया, जबकि नौकरी के नाम पर उन्हें असुरक्षित निजी रोजगार दिया जा रहा है।

प्रभावित गांवों के युवाओं ने टेन न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में बताया कि सरकार ने 11 सितंबर और फिर 2 दिसंबर को रोजगार मेले के माध्यम से इंटरव्यू बुलाए, लेकिन वहां साफ कर दिया गया कि नौकरी किसी प्राइवेट कंस्ट्रक्शन कंपनी में होगी, जिसकी कोई सिक्योरिटी नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर वे 30,000 रुपये की नौकरी स्वीकार भी करें तो 6 महीने या 1 साल बाद निकाल दिए जाने पर उनका 5 लाख रुपये का मुआवज़ा और समय दोनों बर्बाद हो जाएंगे। उनका आरोप है कि यह किसानों के बच्चों के साथ धोखा है और सरकार को स्थाई नौकरी की गारंटी देनी ही होगी।
किशोरपुर में ग्रामीण युवाओं की बैठक में सौरभ कुमार शर्मा ने टेन न्यूज से खास बातचीत में बताया कि एयरपोर्ट का प्रस्ताव आने पर उनकी जमीन ली गई थी और उस समय प्रत्येक विस्थापित परिवार के सदस्य को स्थाई रोजगार देने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन सात साल में न कोई ट्रेनिंग कराई गई और न नौकरी का कोई स्पष्ट रास्ता दिखा। उन्होंने कहा कि “अगर हमारे यहां के बच्चे प्रशिक्षित नहीं थे, तो ट्रेनिंग करवाने का वादा किया गया था, लेकिन आज तक किसी को प्रशिक्षित नहीं किया गया।”
ग्रामीणों ने रोजगार मेले पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पहले 11 सितंबर और फिर 2 दिसंबर को इंटरव्यू बुलाया गया, जहां स्पष्ट कर दिया गया कि यह सरकारी नहीं बल्कि प्राइवेट कंपनी की जॉब है, जिसमें किसी भी तरह की जॉब सिक्योरिटी नहीं है। युवाओं का कहना है कि अगर उन्हें 5 लाख रुपये के बदले निजी नौकरी दी जा रही है, और उसी नौकरी में 6 महीने बाद निकाल दिया गया, तो उनकी जमीन भी गई, मुआवज़ा भी डूब जाएगा और सालों का समय भी बर्बाद हो जाएगा।

बैठक में मौजूद अन्य किसानों ने कहा कि पहले चरण में जिन गांवों की जमीन गई थी, वहां के सैकड़ों युवा आज सड़क पर बैठकर न्याय मांग रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन, स्थानीय विधायक, सांसद किसी ने भी उनकी बातें नहीं सुनीं। यहां तक कि सीओ ऑफिस तक शिकायत लेकर जाने पर किसानों के बच्चों के साथ बदसलूकी की गई और उन्हें वापस लौटा दिया गया। किसानों ने कहा, “हमने अपनी मातृभूमि देकर एयरपोर्ट का रास्ता बनाया, और आज हमें ही नौकरी से दूर किया जा रहा है।”
ग्रामीणों ने मांग की है कि एयरपोर्ट में मिलने वाली नौकरी पूरी तरह स्थाई और सुरक्षित हो, जिसकी गारंटी राज्य सरकार और केंद्र सरकार दे। बिना जॉब सिक्योरिटी के वे किसी भी निजी नौकरी को स्वीकार नहीं करेंगे। किसानों का कहना है कि यह रोजगार का नहीं, बल्कि उनके सम्मान और भविष्य का प्रश्न है, और वे अपने हक के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।।
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