दिल्ली में बड़ा प्रशासनिक बदलाव: अब 11 नहीं 13 जिले, एक क्लिक में जानें पूरी डिटेल्स
टेन न्यूज़ नेटवर्क
New Delhi News (23 November 2025): राजधानी दिल्ली में प्रशासनिक व्यवस्था को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। दिल्ली सरकार अब 11 जिलों की जगह कुल 13 जिले बनाने जा रही है। इसके साथ ही 7 जिलों के नाम बदलेंगे और कई जिलों की सीमाओं का नया परिसीमन किया जाएगा। प्रस्ताव को कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और जल्द ही इसे उपराज्यपाल के पास अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। सरकार का दावा है कि नया ढांचा नागरिक सेवाओं को और तेज, सुलभ और व्यवस्थित बनाएगा।
निगम जोन के अनुरूप जिलों का नया वितरण
दिल्ली में जिलों का परिसीमन निगम के जोन के आधार पर किया गया है, जिससे अधिकांश जिलों के नाम भी इन्हीं जोन के अनुरूप रखे गए हैं। यह इसलिए किया गया है ताकि नागरिकों को अलग-अलग विभागों के दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ें और प्रशासनिक सीमाओं में एकरूपता लाई जा सके। सरकार की योजना है कि प्रत्येक जिले में एक मिनी सचिवालय बनाया जाए, जहां कानून-व्यवस्था को छोड़कर शेष सभी नागरिक सेवाओं का समाधान एक ही परिसर में मिल सके।
नए प्रस्तावित जिले और सब-डिवीज़न की पूरी सूची
सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली में अब कुल 39 सब-डिविजन होंगे। प्रस्तावित जिलों में शामिल हैं
पुरानी दिल्ली (सदर बाजार, चांदनी चौक), मध्य (डिफेंस कॉलोनी, कालकाजी), नई दिल्ली (दिल्ली कैंट, नई दिल्ली), सिविल लाइंस (अलीपुर, आदर्श नगर, बादली), करोल बाग (मोती नगर, करोल बाग), केशव पुरम (शालीमार बाग, शकूर बस्ती, मॉडल टाउन), नरेला (मुंडका, नरेला, बवाना), नजफगढ़ (कापसहेड़ा, द्वारका, नजफगढ़, बिजवासन-वसंत विहार),
रोहिणी (किराड़ी, मंगोलपुरी, रोहिणी),
शाहदरा दक्षिण (गांधी नगर, विश्वास नगर, कोंडली), शाहदरा उत्तर (करावल नगर, सीमापुरी, सीलमपुर, शाहदरा), दक्षिण (महरौली, मालवीय नगर, देवली, आरके पुरम), पश्चिम (विकासपुरी, जनकपुरी, मादीपुर)।
यमुना पार में बड़े बदलाव: पूर्वी और उत्तर-पूर्वी जिले समाप्त
यमुना पार क्षेत्रों में बड़ा बदलाव किया गया है। यहां अब पूर्वी और उत्तर-पूर्वी जिले नहीं होंगे। उनकी जगह ‘शाहदरा दक्षिण’ और ‘शाहदरा उत्तर’ जिले बनाए जाएंगे। इसमें उन इलाकों को शामिल किया जाएगा जो पहले दोनों अलग-अलग जिलों के अंतर्गत आते थे। सरकार का मानना है कि इस बदलाव से भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में प्रशासनिक बोझ कम होगा और कामकाज में तेजी आएगी।
दक्षिण-पश्चिम और उत्तरी जिला भी नए स्वरूप में
उत्तरी जिले को अब दो भागों में बांटा गया है, सिविल लाइंस और पुरानी दिल्ली। वहीं दक्षिण-पश्चिम जिले को भी पुनर्गठित किया गया है, जिसके अधिकांश क्षेत्र अब नए नजफगढ़ जिले में शामिल होंगे। इससे दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र के कार्यालयों पर दबाव कम होगा और नागरिकों को अपने काम के लिए दूर-दराज जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मिनी सचिवालय का कॉन्सेप्ट: हर जिले में एक ही छत के नीचे सभी सेवाएं
दिल्ली सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि हर जिले में एक मिनी सचिवालय विकसित किया जाए, जहां नागरिकों को राजस्व, प्रमाणपत्र, व्यापार लाइसेंस, जन्म-मृत्यु पंजीकरण जैसे कार्यों के लिए अलग-अलग कार्यालयों में भटकना न पड़े। कई बार विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं, जिससे शिकायतकर्ता को परेशान होना पड़ता है। इस नई व्यवस्था से प्रक्रिया सरल होगी और सरकारी कार्यवाही में पारदर्शिता बढ़ेगी।
लाखों लोगों को सीधा लाभ, प्रशासनिक दक्षता बढ़ने की उम्मीद
नए परिसीमन और जिलों की संख्या बढ़ने से दिल्ली के लाखों निवासियों को सीधा फायदा होगा। प्रशासनिक दूरी कम होगी, भीड़भाड़ वाले कार्यालयों पर दबाव घटेगा और सेवाएं तेज़ी से उपलब्ध होंगी। सरकार का कहना है कि यह कदम दिल्ली को आधुनिक प्रशासनिक मॉडल की ओर ले जाएगा। जैसे ही उपराज्यपाल की स्वीकृति मिलेगी, राजधानी में नए जिलों और सब-डिविजन का गठन औपचारिक रूप से शुरू कर दिया जाएगा।।
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