Nikki Murder/Suicide Case: पति के समर्थन में उतरी सिरसा गांव की महिलाओं ने क्या मांग कर दी?
टेन न्यूज नेटवर्क
GREATER NOIDA News (27/08/2025): ग्रेटर नोएडा के चर्चित निक्की मर्डर/सुसाइड केस में अब एक नया और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। जहां एक ओर मृतका निक्की के परिजन, विशेष रूप से उसकी बहन कंचन, पति विपिन भाटी पर पेट्रोल डालकर जलाने और दहेज प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगा रहे हैं, वहीं अब सिरसा गांव की महिलाएं और स्थानीय लोग विपिन के समर्थन में सामने आ गए हैं। इन महिलाओं ने विपिन को निर्दोष बताया है और पूरे मामले की CBI जांच की मांग की है।
निक्की, एक आत्मनिर्भर, महत्वाकांक्षी और सोशल मीडिया पर सक्रिय युवती थी। वह अपनी बहन कंचन के साथ मिलकर बुटिक और ब्यूटी पार्लर चलाती थी। सोशल मीडिया पर वह इंस्टाग्राम रील्स के ज़रिए भी काफी प्रसिद्ध थी। कुछ महीने पहले निक्की की शादी विपिन भाटी से हुई थी। परिजनों का आरोप है कि निक्की की यह आज़ादी उसके पति विपिन को रास नहीं आ रही थी। कथित तौर पर, एक दिन जब निक्की ऊपर के कमरे में कपड़े प्रेस कर रही थी, तभी वह आग की लपटों में घिरी हुई नीचे भागती नजर आई। उसी समय उसके पति विपिन को सीढ़ियों पर खड़ा देखा गया। परिजनों ने दावा किया कि विपिन ने ही पेट्रोल डालकर निक्की को जलाया।

क्या कहती हैं सिरसा गांव की महिलाएं और ग्रामीण?
टेन न्यूज की टीम जब सिरसा गांव में ग्राउंड जीरो पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया, तो वहां मौजूद स्थानीय महिलाओं ने विपिन भाटी का खुलकर समर्थन किया और उस पर लगे सभी आरोपों को झूठा व बेबुनियाद बताया। महिलाओं के प्रमुख बयान, घटना के समय विपिन घर पर मौजूद ही नहीं था।विपिन के खिलाफ जो मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है, वह 6 महीने पुराना है। अगर सब कुछ इतना बुरा था, तो निक्की और कंचन सोशल मीडिया पर इतनी खुश कैसे दिख रही थीं?
आगे उन्होंने कहा, कंचन खुद उस समय निक्की के साथ कमरे में थी, और वही असली चश्मदीद है। लेकिन वह अधूरी जानकारी और एडिटेड वीडियो के ज़रिए विपिन और उसके परिवार को फंसा रही है। हमने विपिन को बचपन से देखा है। वह शांत स्वभाव का लड़का है। वह ऐसा अमानवीय कृत्य कर ही नहीं सकता।
CCTV फुटेज और सोशल मीडिया क्लिप्स के दावे
स्थानीय महिलाओं के अनुसार, वायरल हो रहे कुछ CCTV फुटेज में विपिन घटनास्थल पर मौजूद नहीं दिखाई देता। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मोबाइल लोकेशन, CCTV फुटेज, और अस्पताल की रिकॉर्डिंग जैसी डिजिटल फॉरेंसिक जांच के आधार पर निष्पक्ष जांच की जाए।
सिरसा गांव के ग्रामीणों और महिलाओं ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि, मामला संवेदनशील और भावनात्मक है, लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। जब तक वैज्ञानिक तरीके से हर पक्ष की जांच नहीं होती, तब तक किसी को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा गांव में लोगों को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। विपिन के बड़े ताऊ के बेटे देवेंद्र को भी कथित रूप से पीटा गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन निक्की के परिजनों के दबाव में काम कर रहा है।
सास-ससुर को क्यों सजा?
स्थानीय महिलाओं ने यह सवाल भी उठाया कि अगर मान लिया जाए कि मारपीट में विपिन की भूमिका रही है, तो उसके बुजुर्ग माता-पिता को क्यों जेल भेजा गया? सास-ससुर का इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है। उल्टा वही लोग निक्की को अस्पताल लेकर गए थे। फिर पूरे परिवार को जेल भेजना न्यायसंगत नहीं है।
कंचन का मोबाइल फोन जांच की कुंजी?
महिलाओं का यह भी दावा है कि पूरे मामले की असली सच्चाई निक्की की बहन कंचन के मोबाइल फोन में छुपी हुई है। वे आरोप लगा रही हैं कि, कंचन अधूरी और एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर रही है। अगर पुलिस सिर्फ उसका फोन जब्त कर जांच करे, तो पूरा सच सामने आ सकता है।

महिलाओं का कहना है कि यदि कंचन को अपनी बहन की इतनी ही चिंता थी, तो वह उसके अंतिम संस्कार के समय अपने ससुराल जाकर सामान क्यों समेट रही थी। उनकी बात के अनुसार, कंचन की सास ने भी उसे ऐसा करने से रोका था, लेकिन वह नहीं मानी और सामान लेकर चली गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि कंचन अस्पताल में भर्ती होने की बात कह रही है, जबकि दो दिन पहले वह अपने ससुराल आई थी, ताला तुड़वाकर घर से सामान निकाल कर ले गई। महिलाओं की मांग है कि पुलिस को सबसे पहले कंचन से पूछताछ करनी चाहिए।
सरकार और प्रशासन से अपील
ग्रामीणों और महिलाओं की प्रशासन से गुहार है कि, मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाए। दोनों पक्षों की बातों को समान रूप से सुना जाए।सोशल मीडिया पर वायरल हो रही क्लिप्स की फॉरेंसिक जांच की जाए। मामले को CBI को सौंपा जाए ताकि राजनीतिक और सामाजिक दबाव से मुक्त होकर जांच हो सके।
निक्की मर्डर केस अब दो धाराओं में बंटता दिखाई दे रहा है, निक्की के परिजनों का आरोप, जिसमें दहेज प्रताड़ना, हत्या और मारपीट शामिल है। सिरसा गांव के ग्रामीणों का दावा, जिसमें वे विपिन को निर्दोष बता रहे हैं और CBI जांच की मांग कर रहे हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि जांच सिर्फ भावनाओं और आरोपों पर नहीं, बल्कि डिजिटल साक्ष्यों, प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही और फॉरेंसिक रिपोर्ट्स के आधार पर की जाए। तभी इस अत्यंत संवेदनशील मामले में सच सामने आ सकेगा और पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सकेगा।।
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