Nikki Murder Case: निक्की के पिता की क्या मांग है?, कौन है जिम्मेदार? | टेन न्यूज की विशेष रिपोर्ट
टेन न्यूज नेटवर्क
GREATER NOIDA News (24/08/2025): सिरसा गांव में हुई विवाहिता निक्की की निर्मम हत्या ने न केवल स्थानीय जनमानस को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पूरे प्रदेश में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। इस हृदयविदारक घटना में निक्की के पति विपिन भाटी पर आरोप है कि उसने अपनी पत्नी पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर उसे आग के हवाले कर दिया। वारदात के समय निक्की का मासूम बच्चा भी वहीं मौजूद था, जिसने पुलिस को स्पष्ट रूप से बताया – “पापा ने मम्मी को जला दिया।” पुलिस के अनुसार, आरोपी विपिन मेडिकल जांच के दौरान भागने की कोशिश कर रहा था, इसी दौरान मुठभेड़ में गोली लगने से वह घायल हो गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
मैंने बेटी की शादी अपनी औकात से बढ़कर की: निक्की के पिता
निक्की के पिता भिखारी सिंह, जो पेशे से किसान हैं, अपनी बेटी की मौत के बाद टूट चुके हैं। टेन न्यूज़ की टीम ने जब उनके गांव जाकर उनसे बातचीत की तो उनकी आंखों में सिर्फ ग़म ही नहीं, बल्कि समाज की चुप्पी और व्यवस्था की उदासीनता के प्रति गुस्सा भी था।

पिता के कहा कि, 2016 में नोटबंदी के समय मैंने अपनी दोनों बेटियों की शादी एक ही घर में की थी। मैं एक साधारण किसान हूं। लेकिन बेटियों की शादी में मैंने अपनी हैसियत से कहीं ज्यादा खर्च किया। एक स्कॉर्पियो गाड़ी दी, कपड़े-लत्ते, जेवर—जो भी मेरी औकात से बन पड़ा, मैंने किया। लेकिन मुझे नहीं पता था कि ये सब कुछ भी काफी नहीं होगा उस हैवानियत को रोकने के लिए जो मेरी बेटी के साथ होने वाली थी।
निक्की की बड़ी बहन घटना के समय घर में ही मौजूद थीं। उन्होंने ही फोन कर अपने पिता को खबर दी थी कि निक्की को जला दिया गया है। भिखारी सिंह ने बताया कि वे तुरंत वहां पहुंचे लेकिन तब तक सबकुछ खत्म हो चुका था।
उन्होंने कहा कि, जब हम पहुंचे, कोई नहीं था वहां। मेरी बेटी तड़प रही थी। परिजन उसे तत्काल फॉर्टिस हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। फॉर्टिस में प्रारंभिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने बताया कि निक्की 70% तक जल चुकी है और बेहतर इलाज के लिए उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। निक्की के पिता ने बताया कि उन्होंने डॉक्टर से बात की थी, जिसने स्पष्ट कहा कि इस स्थिति में केवल सफदरजंग में ही उपचार संभव है।
निक्की की हालत गंभीर थी और उसके ससुराल पक्ष का कोई भी व्यक्ति उस वक्त अस्पताल में मौजूद नहीं था। ऐसे में परिवार ने तुरंत ऑक्सीजन सपोर्ट वाली बड़ी एंबुलेंस का इंतज़ाम किया। रास्ते में निक्की का ब्लड प्रेशर तेजी से गिरने लगा और पल्स रेट भी डाउन होने लगी। हालात को देखते हुए परिजनों ने फैसला लिया कि सफदरजंग तक ले जाना संभव नहीं होगा, इसलिए उसे पहले कैलाश हॉस्पिटल ले जाया गया।

कैलाश हॉस्पिटल पहुंचने पर वहां मौजूद डॉक्टर ने भी यही सलाह दी कि इलाज केवल सफदरजंग में ही हो सकता है। इसके बाद परिजन उसे लेकर तुरंत सफदरजंग हॉस्पिटल के लिए रवाना हुए। लेकिन जैसे ही एंबुलेंस डीएनडी फ्लाईओवर पर पहुंची, निक्की की हालत और बिगड़ गई। बीपी बहुत तेजी से गिरने लगा और परिजनों को आशंका होने लगी कि शायद अब बेटी नहीं बचेगी। निक्की सफदरजंग हॉस्पिटल के गेट तक पहुंच भी नहीं पाई और रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
भिखारी सिंह ने भावुक होते हुए बताया कि निक्की आत्मनिर्भर बनना चाहती थी। उन्होंने बेटी के लिए डेढ़ लाख रुपये खर्च कर ब्यूटी पार्लर खुलवाया था, लेकिन ससुराल पक्ष को यह मंजूर नहीं था।
मेरी बेटी खुद कमा रही थी, बच्चों को पढ़ा रही थी। उस दरिंदे को यह तक नहीं पता था कि बच्चा कहां ट्यूशन पढ़ता है। सास ने निक्की के ऊपर पेट्रोल छिड़का और पति ने लाइटर से आग लगा दी। बच्चों ने खुद कासना थाने में बयान दिया है। जो बच्चा मां से प्यार करता था, वो खुद कह रहा है कि मम्मी को दादी और पापा ने जलाया, उन्होंने बताया कि बच्चों के अनुसार, दादी ने तेल डाला और पिता ने आग लगाई। घटना के वक्त निक्की की बड़ी बहन नीचे के कमरे में थीं, लेकिन बच्चा ऊपर मौजूद था और उसने पूरे घटनाक्रम को अपनी आंखों से देखा। एक बच्चा अपनी मां को जलते हुए देखे तो उसकी ज़िंदगी में क्या बचेगा? वो कैसे भूल पाएगा कि उसके सामने उसकी मां की हत्या हुई।

समाज ने हमें समझाया था कि सब ठीक हो जाएगा, लेकिन नहीं हुआ
निक्की के पिता ने बताया कि जब उनकी बेटियों को बार-बार प्रताड़ित किया गया, तो वे उन्हें वापस अपने घर ले आए थे। लेकिन समाज के दबाव में दो महीने बाद फिर से बेटियों को ससुराल भेजना पड़ा।
पिता ने कहा, हम अपनी बेटियों को गाड़ी में बिठाकर शांतिपूर्वक घर वापस ले आए थे। लेकिन समाज के लोगों ने समझाया कि अब ऐसा कुछ नहीं होगा, और लड़के के बाप ने माफी भी मांगी। समाज ने कहा कि अब ये बेटियां हमारी भी ज़िम्मेदारी हैं। बेटी की शादी के बाद हमारी ज़िम्मेदारी फेरों तक की थी, उसके बाद उसका अच्छा-बुरा देखने का हक ससुराल वालों का था।
निक्की के पिता ने व्यथित स्वर में देश के नेताओं और समाज से सवाल पूछते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं। लेकिन क्या किसी गरीब को उसकी बेटी बचती दिख रही है? मेरी बेटी पढ़ी-लिखी थी, काम कर रही थी, अपने पैरों पर खड़ी थी। फिर भी दहेज के लालच ने उसकी जान ले ली, निक्की के पिता

निक्की की मौत सिर्फ एक हत्या नहीं, समाज के लिए एक चेतावनी है
निक्की की हत्या ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारा समाज दहेज जैसी कुप्रथाओं से उबर पाया है? या अब भी बेटियों को बोझ और दहेज को हक़ समझा जाता है? निक्की के पिता ने सरकार ओर प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि, प्रशासन अपना काम कर रही है लेकिन मैं कोर्ट, सरकार और समाज से यही मांग करता हूं कि ऐसे दरिंदों को फांसी होनी चाहिए। इनका बहिष्कार होना चाहिए ताकि कोई और बाप मेरी तरह अपनी बेटी को खोकर न रोए।
यह कहानी सिर्फ निक्की की नहीं है, यह हर उस बेटी की कहानी है जो अपने सपनों के साथ दहेज की आग में जिंदा जला दी जाती है।।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन भारत सरकार , दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय एवं दिल्ली राजनीति , दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस तथा दिल्ली नगर निगम, NDMC, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
टेन न्यूज हिंदी | Ten News English | New Delhi News | Greater Noida News | NOIDA News | Yamuna Expressway News | Jewar News | NOIDA Airport News.
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।