Operation Sindoor की सफलता में ‘लॉजिस्टिक्स’ बना गेमचेंजर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

टेन न्यूज नेटवर्क

वडोदरा (27 जुलाई 2025): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वडोदरा स्थित गति शक्ति विश्वविद्यालय (Gati Shakti Vishwavidyalaya – GSV) के दीक्षांत समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में ‘निर्बाध लॉजिस्टिक्स प्रबंधन’ को निर्णायक कारक बताया। उन्होंने कहा कि युद्ध अब केवल बंदूकों से नहीं, बल्कि समयबद्ध संसाधन प्रबंधन से जीते जाते हैं और ऑपरेशन सिंदूर इसका लाइव उदाहरण है।

रक्षा मंत्री ने कहा, “लॉजिस्टिक्स को केवल वस्तु-आवागमन की प्रक्रिया के बजाय सामरिक दृष्टि से देखना चाहिए। चाहे सीमा पर तैनात सैनिक हों या आपदा प्रबंधन कर्मी – समन्वय और संसाधनों की सही व्यवस्था के बिना सबसे मजबूत इरादे भी कमजोर पड़ जाते हैं। लॉजिस्टिक्स ही वह शक्ति है जो अराजकता को नियंत्रण में बदलती है।” उन्होंने इस अवसर पर यह भी जोड़ा कि युद्ध, आपदा या महामारी – हर परिस्थिति में लॉजिस्टिक्स श्रृंखला की मज़बूती ही किसी राष्ट्र को स्थिर और सक्षम बनाती है।

श्री सिंह ने भारत के बुनियादी ढांचे में पिछले 11 वर्षों में आए अभूतपूर्व परिवर्तन की ओर इशारा करते हुए बताया कि कैसे नीति सुधारों और मिशन-मोड परियोजनाओं के चलते लॉजिस्टिक्स लागत में कमी, सेवा वितरण में सुधार और आर्थिक उत्पादकता में वृद्धि हुई है। उन्होंने पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को “केवल योजना नहीं, बल्कि एक विजन” बताते हुए कहा कि यह एकीकृत दृष्टिकोण से रेलवे, सड़क, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जलमार्ग और जन परिवहन को जोड़ते हुए भारत की आर्थिक रीढ़ को मज़बूती दे रहा है।

रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का जिक्र करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य भारत में एक कुशल, एकीकृत और लागत-प्रभावी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क तैयार करना है। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत मौजूदा 13-14% लॉजिस्टिक्स लागत को विकसित देशों के स्तर तक लाने का लक्ष्य है, जिससे वैश्विक बाजारों में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी और सभी क्षेत्रों में दक्षता में सुधार होगा।

उन्होंने जीएसवी की भूमिका को “सिर्फ एक शैक्षणिक संस्थान नहीं बल्कि एक मिशन और विचार” बताते हुए कहा कि यह लॉजिस्टिक्स व ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में विश्वस्तरीय प्रतिभाओं का निर्माण कर रहा है। साथ ही, उन्होंने डिजिटलीकरण, स्वचालन, रीयल-टाइम ट्रैकिंग, AI-सक्षम पूर्वानुमान और टिकाऊ माल परिवहन प्रणालियों को आज की राष्ट्रीय ज़रूरत बताते हुए छात्रों और विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना की।

अपने प्रेरणादायी संबोधन में रक्षा मंत्री ने छात्रों से आग्रह किया कि वे सिर्फ नौकरी तक सीमित न रहें, बल्कि समस्या-समाधानकर्ता बनें और देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि कोई भी देश तब तक विकसित नहीं बन सकता जब तक उसकी वस्तुएं, सेवाएं और लोग तेज़ी से और व्यवस्थित तरीके से एक स्थान से दूसरे स्थान तक न पहुँच सकें।

गौरतलब है कि जीएसवी रेल मंत्रालय के अधीन एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 2022 में हुई थी। इस समारोह में केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, जो विश्वविद्यालय के पहले कुलाधिपति भी हैं, वडोदरा के सांसद डॉ. हेमांग जोशी और कुलपति प्रो. (डॉ.) मनोज चौधरी भी मौजूद रहे।।


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