बार एसोसिएशन में महिला वकीलों को मिलेगा 33% आरक्षण, अधिवक्ताओं ने क्या कहा?

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (21 दिसंबर, 2024): सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने महिला वकीलों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। महिला वकीलों द्वारा दाखिल Public Interest Litigation (PIL) में बार एसोसिएशन में महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की गई थी। कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए फैसला सुनाया कि दिल्ली हाई कोर्ट और जिला अदालतों के बार एसोसिएशन में महिलाओं के लिए तीन पोस्ट आरक्षित रहेंगी। इनमें सबसे महत्वपूर्ण पोस्ट कोषाध्यक्ष (Treasurer) का होगा। इसके अलावा बार एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव पोस्ट (Executive Posts) में भी 33% पोस्ट महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

महिला वकीलों ने जताई खुशी

इस फैसले पर युवा महिला वकीलों ने खुशी जाहिर की। युवा वकील सिमरनजीत कौर ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से हमें बहुत खुशी हुई है। यह हमारे जैसे युवा वकीलों के लिए सुनहरा अवसर है। अब हम भी उन पोस्ट्स पर पहुंच पाएंगे, जहां पहले पहुंचना संभव नहीं था। सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे लिए कोषाध्यक्ष (Treasurer) का पद रिजर्व किया गया है, जो बेहद अहम है।”

महिला वकील मनस्वी नेगी ने कहा, “यह फैसला महिलाओं के लिए बड़ा गिफ्ट है। अब हमें बार एसोसिएशन की महत्वपूर्ण पोस्ट पर काम करने का हक मिलेगा। महिलाएं अपनी फैमिली जिम्मेदारियों के साथ कोर्ट में भी काम करती हैं, लेकिन अभी तक उन्हें किसी पोस्ट पर जिम्मेदारी निभाने का मौका नहीं मिलता था। यह आरक्षण हमारे लिए नई उम्मीदें लेकर आया है।”

युवा वकील अक्षिता ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा, “बार एसोसिएशन में महिलाओं के लिए कभी कोई पोस्ट आरक्षित नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले से महिला वकीलों को सम्मान दिया है। अब महिलाएं बार एसोसिएशन में अपनी भूमिका मजबूती से निभा पाएंगी।”

केस की पैरवी करने वाले वकील ने क्या कहा?

इस मामले की पैरवी करने वाले वकील रौनक करणपुरिया ने इस फैसले को महिला वकीलों के लिए बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह फैसला महिला वकीलों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह उन्हें आगे बढ़ने और अपनी काबिलियत साबित करने का मौका देगा। लंबे समय तक प्रैक्टिस करने के बाद महिलाओं को यह अचीवमेंट मिलेगी, जो उनके प्रोफेशनल और पर्सनल जीवन दोनों के लिए इंस्पायरिंग होगी।”

महिला वकीलों के लिए नए रास्ते खुलेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बार एसोसिएशन में महिलाओं को पूरा सम्मान मिलना चाहिए। यह आरक्षण सुनिश्चित करेगा कि महिलाएं भी लीगल फील्ड में बराबरी से हिस्सा ले सकें। इस कदम से महिला वकीलों को न केवल नई जिम्मेदारियां निभाने का अवसर मिलेगा, बल्कि उन्हें समाज में अपनी अहमियत साबित करने का प्लेटफॉर्म भी मिलेगा।

यह फैसला भारतीय न्याय प्रणाली में जेंडर इक्वलिटी की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे महिला वकीलों को नई पहचान और सम्मान मिलेगा, और वे भी बार एसोसिएशन में लीडरशिप रोल निभा पाएंगी।।


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