नोएडा में लगेगा अत्याधुनिक ‘इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट’ | Noida Authority
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (6 जून 2025): शहर में पहली बार एक ऐसा अत्याधुनिक प्लांट लगाया जा रहा है, जहां रोजाना निकलने वाले कचरे से न सिर्फ बिजली और खाद बनाई जाएगी, बल्कि उससे साफ पानी भी तैयार होगा। इस ‘इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट’ (Integrated Solid Waste Management Plant) में गीले और सूखे दोनों प्रकार के कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटारा किया जाएगा। इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 300 टन (TPD) कचरा निपटाने की होगी, जिसे नोएडा के अस्तौली क्षेत्र में पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) (Public Private Partnership Model) मॉडल पर स्थापित किया जाएगा।
गोवा (Goa) में चल रहे प्लांट से ली गई प्रेरणा
इस प्रोजेक्ट का मॉडल गोवा में पहले से सफलतापूर्वक संचालित एक यूनिट पर आधारित है। हाल ही में नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) के अधिकारियों की एक टीम ने गोवा में इस प्लांट का दौरा किया था और उसकी कार्यप्रणाली का विस्तृत अध्ययन किया। अधिकारियों ने इस प्लांट के संचालन, आउटपुट (Output) और प्रोसेसिंग (Processing) को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी तैयार किया है, जिसे आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
गोवा स्थित प्लांट में प्रतिदिन करीब 250 मैट्रिक टन कचरे का निपटारा किया जाता है। यहां रेस्टोरेंट्स (Restaurants) और घरों से निकलने वाले गीले कचरे से मीथेन युक्त बायोगैस तैयार की जाती है, जिसका उपयोग बिजली उत्पादन में किया जाता है। साथ ही सूखे कचरे को रीसाइक्लिंग (Recycling) के लिए अलग किया जाता है, जिससे पर्यावरण के अनुकूल समाधान मिलते हैं। इसके अलावा, इस प्लांट से रोजाना 7 से 8 टन कंपोस्ट (Compost) और लगभग 2 टन साफ पानी भी तैयार किया जाता है।
लिचेड से बनेगा पुन: प्रयोग योग्य पानी
कचरे से निकलने वाला लिचेड — यानी गंदा पानी — इस टेक्नोलॉजी (Technology) के माध्यम से ट्रीट किया जाता है। इसके लिए प्लांट के साथ ही एक एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) (Sewage Treatment Plant) भी बनाया जाएगा। ट्रीटमेंट के बाद मिलने वाला साफ पानी कार वॉशिंग (Car Washing), निर्माण कार्यों और सिंचाई जैसे कार्यों में उपयोग किया जाएगा। अनुमान है कि हर 100 टन कचरे से रोजाना लगभग 2 टन पानी निकाला जा सकता है।
कंपनी बेचेगी उत्पाद, खर्च खुद उठाएगी
पीपीपी मॉडल (PPP Model) के तहत निर्माण होने वाले इस प्लांट में कंपनी स्वयं इसकी स्थापना व संचालन करेगी। बदले में वह उत्पन्न होने वाली बिजली, खाद और साफ पानी को बेचकर राजस्व अर्जित करेगी। निर्धारित अवधि के बाद यह प्लांट नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) को सौंप दिया जाएगा। इसके लिए जल्द ही आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) (Request For Proposal) जारी की जाएगी।
1200 टन प्रतिदिन कचरा निकलता है नोएडा से
वर्तमान में नोएडा शहर से प्रतिदिन करीब 1200 टन कचरा निकलता है। सेक्टर-145 में इस कचरे के निपटारे के लिए पहले से एक वैज्ञानिक पद्धति अपनाई जा रही है। नए प्लांट के शुरू होने से अतिरिक्त और नियमित कचरे के प्रभावी प्रबंधन में मदद मिलेगी। इसके अलावा, 5 लाख टन पुराने कचरे के निपटारे के लिए एक नई एजेंसी के चयन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
पर्यावरण संरक्षण के साथ मिलेगा स्थायी समाधान
इस प्लांट की सबसे खास बात यह है कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। कचरे से मिलने वाले बायो-प्रोडक्ट्स (Bio Products) का उपयोग न सिर्फ आर्थिक दृष्टिकोण से लाभकारी है, बल्कि यह शहर को स्वच्छ और हरित बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
संभावित लाभ:
बिजली उत्पादन (Power Generation)
जैविक खाद (Compost)
पुनः प्रयोग योग्य पानी
सूखे कचरे का रीसाइक्लिंग (Dry Waste Recycling)
लैंडफिल (Landfill) में जाने वाले कचरे में भारी कमी
पर्यावरणीय प्रदूषण (Environment Pollution) में गिरावट
नोएडा प्राधिकरण इस महत्वाकांक्षी परियोजना को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए तेजी से कार्य कर रहा है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो आने वाले समय में नोएडा देश के अग्रणी स्वच्छ और सतत विकास वाले शहरों में गिना जाएगा।।
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