इन्वर्टर में छिपाकर गांजा तस्करी: थाना फेस-2 और स्वॉट टीम ने चार तस्करों को दबोचा
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (30 जून 2025): थाना फेस-2 पुलिस और स्वॉट-2 टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गांजा तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने चार तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 108 किलो उच्च गुणवत्ता वाला गांजा (High Quality Hemp) बरामद किया है, जिसकी अंतर्राज्यीय बाजार (Interstate Market) में कीमत लगभग 30 लाख रुपये बताई जा रही है।
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि इन तस्करों की गिरफ्तारी सेक्टर-88 स्थित निम्मी विहार के सामने बड़े पार्क के पास से की गई। पकड़े गए आरोपियों के नाम अब्दुल्ला, सोवाना, शाबान हसन और समीर हैं। अब्दुल्ला इस गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार आरोपी उड़ीसा से गांजा मंगवाते थे और उसे इन्वर्टर (Inverter) की बॉडी में पैक कर रेलवे के जरिए उत्तर भारत में लाते थे। गांजे को इस तरह से पॉलिथीन (Polythene) में पैक किया जाता था कि उससे कोई गंध बाहर न आ सके। फिर उस पैक को इन्वर्टर की खाली बॉडी में फिट कर दिया जाता था। ताकि यदि रास्ते में किसी ने पूछताछ की तो इन्वर्टर बताकर आसानी से बच निकलें। इनके पास से इन्वर्टर की बिल भी बरामद की गई है जिससे इनकी बात पर शक न हो।
हर एक इन्वर्टर की बॉडी में लगभग छह किलो गांजा छिपाया जाता था। यह गांजा ये लोग उड़ीसा (Orissa) से एक व्यक्ति “आयुष” से खरीदते थे, जिसके बारे में भी पुलिस अब और जानकारी जुटा रही है। गिरोह के सभी सदस्य मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं।
गिरोह के सदस्य आमतौर पर दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) के आसपास के उन रेलवे स्टेशनों पर उतरते थे, जहां जांच की व्यवस्था नहीं होती। वहां से ये लोकल वाहनों (Local Vehicles) के जरिए गंतव्य तक पहुंचते और फिर गांजा कॉलेज (College), पीजी (PG) और युवाओं की अधिक मौजूदगी वाले क्षेत्रों में सप्लाई करते थे। पुलिस को शक है कि इनके नेटवर्क में स्थानीय एजेंट भी शामिल हैं जो गांजे को खुदरा तौर पर बेचते हैं।
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वे आपसी बातचीत के लिए केवल व्हाट्सएप कॉल (Whatsapp Call) का इस्तेमाल करते थे, ताकि पुलिस उन्हें ट्रेस न कर सके। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह पहले भी कई बार गांजे की खेप दिल्ली-एनसीआर में ला चुका है। अब यह पता लगाया जा रहा है कि उन्होंने किन-किन इलाकों में और किन लोगों को यह मादक पदार्थ बेचा।
पुलिस गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों की तलाश में जुटी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनका नेटवर्क कितनी दूर तक फैला हुआ है। डीसीपी (DCP) ने बताया कि इससे पहले भी रेलवे के जरिए मादक पदार्थों (Drugs) की तस्करी करने वाले एक गिरोह को पकड़ा गया था, उन्हीं की सूचना पर यह कार्रवाई की गई।
इस गिरफ्तारी से पुलिस ने न केवल एक अंतरराज्यीय गांजा तस्करी गिरोह को बेनकाब किया है, बल्कि गांजा तस्करी के एक बेहद शातिर तरीके को भी उजागर किया है। पुलिस की सतर्कता से यह बड़ा नेटवर्क टूट सकता है और आने वाले समय में मादक पदार्थों की सप्लाई पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
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