नोएडा सेक्टर-80 में अडानी को खुद बनाना होगा डेटा सेंटर : नोएडा प्राधिकरण

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (21 जून 2025): अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Ltd) को सेक्टर-80 में प्रस्तावित डेटा सेंटर अब अपनी मूल कंपनी के जरिए ही विकसित करना होगा। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने इस परियोजना को समूह की एक अन्य कंपनी, नोएडा डेटा सेंटर लिमिटेड (Adani-EdgeConneX की एसपीवी) को सब-लीज़ पर देने की पूर्व स्वीकृति को रद्द कर दिया है।

यह निर्णय प्राधिकरण की मार्च 2025 में हुई बोर्ड बैठक में लिया गया, जिसमें अगस्त 2024 में दी गई मंज़ूरी को पलट दिया गया। प्राधिकरण ने यह कदम सब-लीज़ के लिए मांगे गए 11 करोड़ रुपये के ट्रांसफर चार्ज को लेकर अडाणी द्वारा बार-बार मांगी गई छूट के चलते उठाया।

12 अप्रैल 2021 को अडाणी इंटरप्राइजेज को सेक्टर-80 में 10 एकड़ औद्योगिक भूखंड (Industrial Plot) 70 करोड़ रुपये में आवंटित (Allot) किया गया था। शर्तों के अनुसार, कंपनी को छह वर्षों के भीतर 50 मेगावाट क्षमता वाला हाइपर स्केल डेटा सेंटर(Data Centre) विकसित करना था।

अगस्त 2024 में नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में अडाणी और एजकॉनेक्स (EdgeConneX) द्वारा गठित संयुक्त उपक्रम (SPV) नोएडा डेटा सेंटर लिमिटेड को उक्त भूमि को सब-लीज़ पर देने की सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी गई थी। परंतु, इसके बाद जब प्राधिकरण ने इस सब-लीज़ ट्रांसफर के लिए अडाणी से 11 करोड़ रुपये के ट्रांसफर चार्ज की मांग की, तो कंपनी ने इसे माफ करने की अपील की। अडाणी ने अपने तर्क में कहा कि पूर्व में सेक्टर-62 स्थित एक संस्थागत भूखंड को प्राधिकरण ने बिना किसी शुल्क के सब-लीज़ की अनुमति दी थी।

अडाणी के इस अनुरोध पर प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि सेक्टर-80 की भूमि एक औद्योगिक श्रेणी (Industrial Category) की है, जबकि सेक्टर-62 में दी गई भूमि संस्थागत श्रेणी (Institutional Category) के अंतर्गत आती है। दोनों प्लॉट की प्रकृति, लीज़ डीड की शर्तें और आवंटन दरें अलग-अलग हैं।

यूपी के मुख्य सचिव और नोएडा प्राधिकरण के (Chairman) मनोज कुमार सिंह ने फरवरी 2025 में इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए प्राधिकरण के (CEO) लोकेश एम को पत्र लिखकर यह स्पष्ट किया कि सेक्टर-62 के मामले से समानता नहीं की जा सकती। उन्होंने इसे पोस्ट अलॉटमेंट बेनीफिट (Post Allotment Benefit) (आवंटन के बाद का लाभ) की श्रेणी में माना।

अभी तक नहीं मिला मानचित्र स्वीकृति

प्राधिकरण ने यह भी बताया कि अडाणी इंटरप्राइजेज द्वारा अभी तक इस भूखंड के लिए निर्माण योजना (Map) अनुमोदन के लिए आवेदन तक नहीं किया गया है। इससे यह भी साफ है कि परियोजना की कोई भौतिक शुरुआत अभी नहीं हुई है।

नोएडा प्राधिकरण के भूखंड आवंटन योजना के ब्रोशर में स्पष्ट उल्लेख है कि आवंटन की तारीख से पांच वर्ष के भीतर या परियोजना के चालू होने से पहले किसी भी रूप में भूमि के ट्रांसफर या सब-लीज़ की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस आधार पर प्राधिकरण ने सब-लीज़ को नियमों में छूट देने से इनकार कर दिया और परियोजना पूरी होने के बाद ही किसी प्रकार के ट्रांसफर पर विचार करने की बात कही।

इस निर्णय के बाद अडाणी इंटरप्राइजेज को अब सेक्टर-80 में प्रस्तावित डेटा सेंटर की परियोजना को अपने स्तर पर ही विकसित करना होगा, और वह इसे समूह की किसी अन्य कंपनी को स्थानांतरित नहीं कर सकती, जब तक कि परियोजना पूरी तरह से चालू न हो जाए। यह मामला नोएडा प्राधिकरण की भू-नीति और भूमि आवंटन नियमों की सख्ती और पारदर्शिता का संकेत भी देता है, जिसमें पूर्व में दी गई छूट को उदाहरण बनाकर नियमों में ढील नहीं दी जा रही।


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