लखनऊ (20 जून 2025): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विकास की रफ्तार अब एक्सप्रेसवे के जरिए नई ऊंचाइयों को छू रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा लोकार्पित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Link Expressway) ने न सिर्फ पूर्वांचल को राजधानी लखनऊ और दिल्ली से जोड़ा है, बल्कि भारत-नेपाल (Bharat -Nepal) संबंधों को भी नई गति देने का रास्ता खोला है। यह 91 किलोमीटर लंबा फोरलेन एक्सप्रेसवे गोरखपुर से आज़मगढ़ तक फैला है और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से मात्र 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके माध्यम से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़कर दिल्ली तक की यात्रा तेज़, सुरक्षित और सुगम बन जाएगी।
इस एक्सप्रेसवे से सोनौली बॉर्डर के रास्ते नेपाल से आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों और इलाज के लिए भारत पहुंचने वाले मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। लुंबिनी, काठमांडू और पोखरा जैसे धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों से गोरखपुर के जरिए दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों तक सड़क मार्ग से पहुंचना अब कहीं अधिक आसान और तेज हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मार्ग धार्मिक पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक वरदान साबित हो सकता है।
सिर्फ नागरिक सुविधा नहीं, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे सामरिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है। नेपाल सीमा के इतने निकट स्थित यह मार्ग सेना और आवश्यक आपूर्ति को आपात स्थिति में त्वरित गति से पहुंचाने की क्षमता रखता है। भविष्य में प्रस्तावित गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के साथ मिलकर यह मार्ग उत्तर-पूर्व भारत और हिमालयी क्षेत्रों को जोड़ने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है, जिससे भारत की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।
वाणिज्य और व्यापार के क्षेत्र में भी यह परियोजना क्रांतिकारी साबित हो सकती है। नेपाल, जो अपने अधिकांश आयात के लिए भारत पर निर्भर करता है, अब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के ज़रिए तेज़ और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कर सकेगा। इससे सीमा-पार व्यापारिक गतिविधियों को नई ऊर्जा मिलेगी। साथ ही, गोरखपुर, आज़मगढ़, देवरिया और मऊ जैसे जिलों के स्थानीय उत्पाद बड़े बाज़ारों तक आसानी से पहुंच सकेंगे, जिससे कृषि, कुटीर उद्योग और स्थानीय रोजगार को सीधा लाभ मिलेगा।
गौरतलब है कि यह उत्तर प्रदेश का सातवां ऑपरेशनल एक्सप्रेसवे है, जो इस बात का संकेत है कि योगी सरकार प्रदेश को ‘एक्सप्रेसवे प्रदेश’ में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। एक ओर यह मार्ग क्षेत्रीय विकास का इंजन बनेगा, वहीं दूसरी ओर यह युवाओं के लिए रोजगार, व्यापारियों के लिए अवसर और पर्यटकों के लिए सुविधा का प्रतीक बनेगा।
भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध—राम-जानकी का बंधन, बुद्ध की पावन स्थली और साझा धार्मिक विरासत—अब इस एक्सप्रेसवे के ज़रिए सामाजिक और आर्थिक विकास के नए अध्याय में बदल रहे हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क नहीं, बल्कि दो देशों की साझी विरासत, विश्वास और भविष्य की आशाओं को जोड़ने वाला एक सशक्त सेतु है।
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