अपेरल पार्क में फैक्ट्रियों के निर्माण में विलंब पर प्रमुख सचिव सख्त

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (20 जून 2025): यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Authority) के सेक्टर-29 में प्रस्तावित अपेरल पार्क (Apparel Park) में फैक्ट्रियों के निर्माण में हो रही देरी पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव आलोक कुमार (Alok Kumar) ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने निर्माण कार्य शुरू न करने वाले निवेशकों (Investor) पर नाराजगी जताते हुए सख्त कार्रवाई के संकेत दिए। प्रमुख सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जो इकाइयाँ तय समय सीमा में निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं कर रही हैं, उनके भूखंडों को निरस्त कर जुर्माना लगाया जाए।

प्रमुख सचिव ने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक विकास (Industrial Development) को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अपेरल पार्क एसोसिएशन (Apparel Park Association) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को चेतावनी दी कि अगर 30 जून तक कम से कम 25 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया, तो संबंधित भूखंडधारकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर यमुना प्राधिकरण के (CEO) डॉ. अरुणवीर सिंह (Dr Arun veer Singh) सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

अपेरल पार्क: अब तक की प्रगति और चुनौतियाँ

यमुना प्राधिकरण द्वारा सेक्टर-29 में 175 एकड़ भूमि पर विकसित किए जा रहे अपेरल पार्क की औद्योगिक योजना के तहत अब तक 81 भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है। इनमें से 65 भूखंडों की चेकलिस्ट जारी कर दी गई है और 63 आवंटियों ने लीज डीड भी पूरी कर ली है।

47 भूखंडधारकों ने अपनी भूमि का कब्जा भी प्राप्त कर लिया है। नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया के तहत अब तक 14 भूखंडों के नक्शे मंज़ूर किए जा चुके हैं, जबकि 8 भूखंडों के लिए नक्शा स्वीकृति हेतु आवेदन जमा किया गया है। 15 अन्य भूखंडों के मामले प्रक्रिया में हैं।प्राधिकरण का दावा है कि वर्तमान में 18 फैक्ट्रियों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने की योजना है। हालांकि, अपेक्षित प्रगति न होने से शासन स्तर पर असंतोष बढ़ रहा है।

मेडिकल डिवाइस पार्क का भी निरीक्षण

प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने सेक्टर-28 में 350 एकड़ क्षेत्र में विकसित हो रहे मेडिकल डिवाइस पार्क (MDP) का भी निरीक्षण किया। इस परियोजना को उत्तर भारत के सबसे बड़े मेडिकल उपकरण निर्माण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।

निरीक्षण के दौरान बताया गया कि अब तक मेडिकल डिवाइस पार्क में 75 कंपनियों को औद्योगिक भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं। इनमें से लगभग 15 इकाइयों ने अपने निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया है। एमडीपी के संचालन कार्यालय को भी इसी परिसर में स्थानांतरित करने की योजना है, जिससे समन्वय और निगरानी कार्य और बेहतर ढंग से किया जा सकेगा।

सरकार की मंशा: उद्योगों को मिले गति और समर्थन

प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया कि औद्योगिक निवेश को लेकर राज्य सरकार पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। समयबद्ध निर्माण और उत्पादन शुरू करने वालों को हर संभव सहयोग दिया जाएगा, लेकिन योजनाओं को ठप करने या भूखंड कब्जा कर निष्क्रिय रहने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी। इस निरीक्षण दौरे को औद्योगिक परियोजनाओं की वास्तविक प्रगति के मूल्यांकन के रूप में देखा जा रहा है, जिससे भविष्य की रणनीतियों को सटीक रूप से तैयार किया जा सके।


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