स्वस्थ भारत की दिशा में सशक्त पहल: कैलाश इंस्टीट्यूट बना स्वास्थ्य शिक्षा का सशक्त केंद्र | Sandeep Goel, Executive Director

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (19 जून 2025): स्वस्थ और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में नर्सिंग (Nursing), फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) और पैरामेडिकल (ParaMedical) जैसे क्षेत्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन्हीं क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रशिक्षण देने वाला संस्थान, कैलाश इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज, (Kailash Institute of Nursing and ParaMedical Science) आज देशभर में एक अग्रणी स्थान रखता है।

TEN NEWS NETWORK ने इस संस्थान के कार्यकारी निदेशक (Sandeep Goel) संदीप गोयल से विशेष बातचीत की, जिसमें उन्होंने संस्थान की स्थापना (Establishment), उपलब्धियों (Achievement) , चुनौतियों (Challenges) और भविष्य की योजनाओं (Future Plans) पर विस्तार से प्रकाश डाला।

संस्थान की स्थापना और उद्देश्य

संदीप गोयल ने बताया कि कैलाश इंस्टीट्यूट की स्थापना वर्ष 2004 में हुई थी। संस्थापक चेयरमैन एस.के. गोयल (S.K Goyal)एवं डॉ. महेश शर्मा (Dr. Mahesh Sharma) के मार्गदर्शन में यह संस्थान समाज को समर्पित भाव से उत्कृष्ट स्वास्थ्यकर्मी तैयार करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। खास तौर पर मध्यमवर्गीय (MiddleClass) और ग्रामीण पृष्ठभूमि की छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना इसकी प्राथमिकता रही है।

21 वर्षों की उल्लेखनीय यात्रा और उपलब्धियां

संस्थान की अब तक की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए श्री गोयल ने बताया कि पिछले दो दशकों में कैलाश इंस्टीट्यूट ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। आज यह संस्थान नर्सिंग, फिजियोथेरेपी और पैरामेडिकल साइंसेज के क्षेत्र में अग्रणी है।

उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU) द्वारा प्रदत्त 24 गोल्ड मेडल्स में से 19 मेडल्स केवल कैलाश इंस्टिट्यूट के छात्रों को प्राप्त हुए हैं। यह संस्थान की अकादमिक उत्कृष्टता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘मिशन निरामय’ के तहत सभी स्वास्थ्य शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें कैलाश इंस्टीट्यूट को 580 में से 553.5 स्कोर प्राप्त हुए — जो राज्यभर में सर्वाधिक हैं। इस उपलब्धि के लिए संस्थान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। संस्थान को गवर्नर हाउस से भी उत्कृष्ट सेवा के लिए मान्यता प्राप्त हो चुकी है।

शुरुआती चुनौतियां और उनका समाधान

संस्थान की स्थापना के आरंभिक वर्षों में कई सामाजिक और मानसिक बाधाओं का सामना करना पड़ा। संदीप गोयल ने बताया कि लोगों में यह धारणा थी कि प्राइवेट संस्थान (Private Institute) केवल पैसे लेकर डिग्री (Degree) प्रदान करते हैं। इस मानसिकता (Mentality) को बदलना सबसे बड़ी चुनौती रही। लेकिन कैलाश इंस्टिट्यूट ने गुणवत्ता (Quality), अनुशासन (Discipline) और व्यावसायिक नैतिकता के बल पर यह विश्वास हासिल किया। आज, अस्पतालों में कार्यरत अनुभवी प्रोफेशनल्स (Experienced Professionals) अपने परिजनों का नामांकन (Admission) इसी संस्थान में कराना पसंद करते हैं।

पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण प्रणाली

संस्थान में वर्तमान में निम्नलिखित पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं:

नर्सिंग के क्षेत्र में:

एएनएम (ANM)

जीएनएम (GNM)

बी.एससी नर्सिंग (BSC Nursing)

पोस्ट बेसिक बी.एससी नर्सिंग (Post Basic BSC Nursing)

एम.एससी नर्सिंग (MSC Nursing)

फिजियोथेरेपी में:

बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT)

मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी (MPT)

पैरामेडिकल कोर्सेज:

बीएससी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी (BSC Medical lab Technology)

बीएससी रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग टेक्नोलॉजी

डिप्लोमा कोर्सेस: ओटी टेक्नीशियन, आईसीयू टेक्नीशियन, डायलिसिस, फिजियोथैरेपी, सिटीस्कैन टेक्नीशियन आदि।

संदीप गोयल ने बताया कि संस्थान में थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया जाता है। इसके लिए अत्याधुनिक 11 से अधिक प्रयोगशालाएं उपलब्ध हैं, जिसमें नवीनतम उपकरण लगे हुए हैं। इसके अतिरिक्त छात्रों को कैलाश हॉस्पिटल और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में भी रियल-टाइम क्लीनिकल अनुभव प्रदान किया जाता है।

प्लेसमेंट और करियर सपोर्ट

संस्थान के छात्रों को रोजगार प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं आती क्योंकि हेल्थकेयर क्षेत्र (HealthCare Department) में मांग निरंतर बनी रहती है। छात्रों को सरकारी नौकरियों की कोचिंग, विदेशी प्लेसमेंट की तैयारी (जैसे जर्मनी) (Germany) और करियर गाइडेंस (Career Guidance) प्रदान किया जाता है। संस्थान की प्लेसमेंट टीम छात्रों को न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर (International level) पर भी अवसर दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

‘विकसित भारत’ और ‘स्वस्थ भारत’ अभियान में योगदान

संदीप गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित विकसित भारत 2047 और स्वस्थ भारत मिशन के तहत संस्थान अपना संपूर्ण योगदान दे रहा है। संस्थान का उद्देश्य केवल डिग्रीधारी स्वास्थ्यकर्मी तैयार करना नहीं, बल्कि ऐसे प्रोफेशनल तैयार करना है जो कुशल, संवेदनशील और सेवा भाव से ओतप्रोत हों।

भविष्य की योजनाएं और नवाचार

संस्थान आगामी समय में कुछ और अत्यधिक मांग वाले पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहा है, जैसे कि बीएससी ऑप्टोमेट्री, नवीन डिग्री कोर्सेज, और अन्य तकनीकी पाठ्यक्रम। NEP 2020 के अनुरूप अधिक से अधिक डिग्री कोर्सेज पर फोकस किया जा रहा है। साथ ही सीटों की संख्या बढ़ाने की भी योजना है।

छात्रों और अभिभावकों के लिए संदेश

संदीप गोयल ने कहा कि छात्रों को केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि ज्ञान (Knowledge) और कौशल अर्जन (Skills) को प्राथमिकता देनी चाहिए। अनुशासन (Discipline) में रहकर और पूरी निष्ठा से अध्ययन करना ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल फोन का सीमित प्रयोग और समर्पित अध्ययन ही उन्हें सच्चा स्वास्थ्य योद्धा बनाएगा।

कैलाश इंस्टिट्यूट, स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरणास्पद उदाहरण (Inspirational Example) बन चुका है। इसकी सुदृढ़ शैक्षणिक प्रणाली, अनुशासित वातावरण, व्यावसायिक नैतिकता और समर्पित टीम के कारण यह संस्थान हजारों युवाओं के भविष्य को दिशा दे रहा है। निःसंदेह, यह संस्थान स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।


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