बकरीद पर इन जानवरों की कुर्बानी दी तो होगी कार्रवाई: दिल्ली सरकार द्वारा सख्त निर्देश जारी

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (06 जून 2025): बकरीद से पहले दिल्ली सरकार ने राजधानी में अवैध तरीके से जानवरों की कुर्बानी रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने साफ कहा है कि किसी भी सूरत में गाय, बछड़ा, ऊंट या अन्य प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी नहीं दी जा सकती। यह नियम न सिर्फ धार्मिक भावनाओं के सम्मान की दृष्टि से लागू किया गया है, बल्कि इससे जुड़ी कानूनी धाराओं को भी सख्ती से लागू किया जाएगा। बकरीद इस वर्ष 7 जून को मनाई जाएगी, और इसे लेकर प्रशासन पहले से ही सतर्क हो गया है।

एडवाइजरी के अनुसार राजधानी में कुर्बानी सिर्फ उन्हीं स्थानों पर दी जा सकेगी जो सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित हैं। सड़कों, गलियों, खुले मैदानों या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर जानवरों की बलि देना पूरी तरह अवैध घोषित किया गया है। इसके पीछे मकसद साफ है, शहर की स्वच्छता बनाए रखना, लोगों की भावनाओं का सम्मान करना और कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखना।

दिल्ली सरकार ने यह भी कहा है कि कुर्बानी के दौरान सफाई व्यवस्था सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। स्थान विशेष पर जानवर काटने के बाद अवशेषों को खुले में फेंकना, गंदगी फैलाना या आम नागरिकों को असुविधा देना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय प्रशासन, एमसीडी और पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे निगरानी रखें और सफाई को सुनिश्चित करें।

सोशल मीडिया पर भी निगरानी बढ़ाई जा रही है। सरकार ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कुर्बानी के दृश्य, फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। ऐसे कंटेंट को सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाला माना जा सकता है, और इस पर आईटी एक्ट व अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया जा सकता है। लोगों से अपील की गई है कि वे धार्मिक पर्व को जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ मनाएं।

दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने बयान जारी कर कहा कि बकरीद के मौके पर किसी भी तरह की गैरकानूनी कुर्बानी, जानवरों के साथ क्रूरता या सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “हमारी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय धरोहर की रक्षा हमारी जिम्मेदारी है, और इसमें जानवरों का कल्याण भी शामिल है। सभी नागरिकों से अपील है कि वे कानून का पालन करें।”

इस एडवाइजरी के पीछे कई कानूनी प्रावधानों का समर्थन है जैसे प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स एक्ट, 1960; स्लॉटर हाउस रूल्स, 2001; फूड सेफ्टी एक्ट, 2006 और दिल्ली एग्रीकल्चरल कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट, 1994। अधिकारियों को इन कानूनों को लागू करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। आम जनता से भी कहा गया है कि यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करता दिखे तो तुरंत स्थानीय प्रशासन या पुलिस को इसकी सूचना दें, ताकि बकरीद शांतिपूर्ण और विधिसम्मत ढंग से मनाई जा सके।


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