“ईंट भट्ठे से JEE टॉपर तक का सफर”, विनीत प्रजापति की प्रेरक संघर्ष गाथा

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (06 जून 2025): “जहाँ चाह, वहाँ राह”- इस प्राचीन उक्ति को सत्य सिद्ध कर दिखाया है मध्य प्रदेश के एक छोटे से कस्बे मैहर के निवासी विनीत प्रजापति ने। अत्यंत सीमित संसाधनों और विषम परिस्थितियों के बावजूद, दृढ़ संकल्प, कठोर परिश्रम और आत्मविश्वास के बल पर विनीत ने प्रतिष्ठित संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) 2025 में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करते हुए अपने वर्ग (कैटिगरी) में 2591वीं रैंक अर्जित की है। टेन न्यूज़ से विशेष संवाद में विनीत ने अपनी सफलता की यात्रा, अध्ययन की नीति, पारिवारिक सहयोग और आत्मनिर्भरता की प्रेरणादायक कथा साझा की।

विनीत का जन्म एक सामान्य कृषक परिवार में हुआ। उनके पिता खेती के साथ-साथ आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ईंट भट्ठे में श्रम कार्य करते हैं। माता एक गृहिणी हैं और परिवार में उनके अतिरिक्त एक छोटा भाई एवं बहन भी हैं। पारिवारिक आर्थिक स्थिति अत्यंत साधारण होते हुए भी विनीत ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने रीवा शहर में रहकर अध्ययन किया तथा अपनी दिनचर्या को स्वयं संभालते हुए आत्मनिर्भरता का परिचय दिया। भोजन, स्वच्छता एवं अन्य दैनिक आवश्यकताओं की जिम्मेदारी भी उन्होंने स्वयं उठाई, जिससे परिवार पर कोई अतिरिक्त भार न पड़े।

अपनी अध्ययन नीति के विषय में विनीत ने बताया कि उन्होंने कोचिंग संस्थान में प्रतिदिन 4 से 5 घंटे का नियमित अध्ययन किया, परंतु इसके अतिरिक्त आत्मअध्ययन को लक्ष्य आधारित बनाया। उनका विश्वास है कि समय के स्थान पर विषयों के अध्यायों को लक्ष्य बनाकर अध्ययन करने से एकाग्रता बनी रहती है और परिणाम अधिक प्रभावकारी होते हैं। अध्ययन के दौरान मानसिक विचलन की बात को स्वीकार करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे क्षणों में छात्र दो-चार दिन का अवकाश लेकर नवीन ऊर्जा के साथ पुनः अध्ययन प्रारंभ करें। संतुलन और धैर्य ही दीर्घकालीन सफलता की कुंजी है।

विनीत ने PW (Physics Wallah) कोचिंग संस्थान एवं वहाँ के शिक्षकों का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें जेईई परीक्षा के विषय में प्रथम बार कक्षा 12वीं में जानकारी प्राप्त हुई, जिसके पश्चात उन्होंने PW रीवा शाखा में नामांकन लिया। वहाँ के शिक्षकों ने न केवल शैक्षणिक रूप से अपितु मानसिक रूप से भी उन्हें निरंतर संबल प्रदान किया। शिक्षकों की सरल उपलब्धता, स्पष्ट मार्गदर्शन एवं गुणवत्तापूर्ण अध्यापन प्रणाली ने उनके सपनों को साकार रूप प्रदान किया।

इस संघर्षपूर्ण यात्रा में विनीत ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि आत्मबल अटूट हो, दिशा स्पष्ट हो और मार्गदर्शक सशक्त हों, तो कोई भी संसाधनों की कमी मनुष्य को उसके लक्ष्य से विचलित नहीं कर सकती। उनका जीवन-प्रसंग उन असंख्य छात्रों हेतु प्रेरणा स्रोत है जो सीमित साधनों के होते हुए भी उच्च आकांक्षाएँ रखते हैं। विनीत ने अपने अनुभव से यही संदेश दिया है कि कठिनाइयाँ जीवन का अंग हैं, परंतु निरंतर प्रयास, सकारात्मक सोच और आत्मनिष्ठा से प्रत्येक लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

विनीत प्रजापति की यह सफलता केवल एक परीक्षा में अर्जित रैंक नहीं, अपितु यह उस संकल्प, श्रम और संघर्ष की गाथा है जो हर युवा के हृदय में नवचेतना का संचार करती है।


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