मोहल्ला क्लीनिक के 2000 कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (30 मई 2025): दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल के भीतर ही विवादों का सिलसिला शुरू हो गया है। ताज़ा मामला मोहल्ला क्लीनिक से जुड़ा है, जहां करीब 2000 स्वास्थ्यकर्मियों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। इनमें लगभग 1500 नर्सें, फार्मासिस्ट, मल्टी टास्किंग स्टाफ और 500 डॉक्टर शामिल हैं। दिल्ली कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर रेखा गुप्ता सरकार को घेर लिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के बजाय मौजूदा कर्मियों को हटाने की तैयारी कर रही है, जो पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है।

देवेंद्र यादव ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बीजेपी ने सत्ता में आते वक्त स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति लाने का दावा किया था, लेकिन सरकार की असल प्राथमिकता सामने आ चुकी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को हटाने की प्रक्रिया बिना किसी स्पष्ट दिशा-निर्देश या नोटिस के चुपचाप शुरू कर दी गई है, जिससे हजारों परिवारों की रोज़ी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है। उनके मुताबिक यह कदम “प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत” और मानवीय मूल्यों के विरुद्ध है।

यादव ने दावा किया कि इन कर्मचारियों को पिछले दो महीनों से वेतन नहीं दिया गया है, जिससे उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कर्मचारियों से जबरन ‘नो ड्यूज सर्टिफिकेट’ पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं, ताकि उन्हें कानूनी रूप से बाहर निकालने का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने सरकार की इस कार्यशैली को अमानवीय और असंवेदनशील करार दिया।

मोहल्ला क्लीनिक में कार्यरत कई कर्मचारी अब विभागीय दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। डर और असमंजस के इस माहौल में कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है। कांग्रेस नेता ने बताया कि कुछ समय पहले इन स्वास्थ्यकर्मियों ने खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात कर नौकरी बचाने की गुहार लगाई थी, और उन्हें आश्वस्त किया गया था कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर परियोजना में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन मौजूदा हालात उन वादों के उलट हैं।

दिल्ली कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लेकर एक आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। देवेंद्र यादव ने कहा कि यदि सरकार ने तुरंत कर्मचारियों की सेवाएं बहाल नहीं कीं और उनकी वेतन संबंधी समस्याओं को नहीं सुलझाया, तो कांग्रेस दिल्ली भर में जनआंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि यह केवल रोजगार का सवाल नहीं है, बल्कि यह जनसेवा की बुनियादी संरचना को तोड़ने का प्रयास है।

देवेंद्र यादव ने यह भी सवाल उठाया कि जब मुख्यमंत्री खुद कर्मचारियों को आश्वासन दे रही थीं, तब पीछे से उन्हें हटाने की प्रक्रिया कैसे चलाई जा रही है? उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन और कर्मचारी हितों की अनदेखी बताया। दिल्ली कांग्रेस का कहना है कि यदि सरकार ने अपनी नीयत नहीं बदली, तो जनता और विपक्ष दोनों ही सड़कों पर उतरने को तैयार हैं।


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