ग्रेटर नोएडा में ज़हरीले मोमोज से एक ही परिवार के चार सदस्य फूड पॉइज़निंग का शिकार
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (30 मई 2025): शहर के प्रमुख व्यावसायिक केंद्र अल्फा-1 कमर्शियल बेल्ट में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक ही परिवार के चार सदस्य कथित तौर पर मोमोज खाने के बाद गंभीर रूप से बीमार पड़ गए। फूड पॉइज़निंग की इस घटना ने न केवल शहर के खानपान सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि फूड सेफ्टी विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर XU-2 में रहने वाले कसाना परिवार के सदस्य मुनीता कसाना, विनय कसाना, पारूल कसाना और दीपिका कसाना रविवार की शाम बाजार में घूमने निकले थे। शाम लगभग सात बजे उन्होंने अल्फा-1 मार्केट स्थित एक ठेले से मोमोज खरीदे और वहीं खा लिए। कुछ ही समय में सभी को पेट दर्द, उल्टी, दस्त और बुखार जैसे गंभीर लक्षण दिखाई देने लगे। परिजन तुरंत उन्हें कैलाश अस्पताल, ग्रेटर नोएडा लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि यह एक गंभीर फूड पॉइज़निंग का मामला है और चारों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
डॉक्टरों की जांच में चौंकाने वाला खुलासा: खाने में मिला विषैला रसायन
अस्पताल में प्राथमिक जांच के बाद डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि मोमोज में ऐसा रासायनिक पदार्थ मौजूद था जो आमतौर पर खाने-पीने की चीज़ों में नहीं पाया जाता। कैलाश अस्पताल के मेडिकल अफसर डॉ. आर के चौहान ने बताया, यह क्लासिकल फूड बॉर्न इलनेस का मामला है, जहां अस्वच्छता, बैक्टीरियल संक्रमण और विषैले केमिकल्स की भूमिका प्रमुख होती है। यदि उपचार में थोड़ी भी देरी होती, तो यह जानलेवा साबित हो सकता था।
डॉक्टरों को संदेह है कि या तो मोमोज को बनाने में खराब तेल या सड़ी-गली सब्जियों का इस्तेमाल किया गया, या फिर वह लंबे समय तक खुले में रखे जाने से संक्रमित हो गए। साथ ही, चटनी में मिलाए गए रंग या रसायन को भी घटना का संभावित कारण माना जा रहा है।
शिकायत दर्ज, कार्रवाई की मांग तेज
घटना के बाद पीड़ित परिवार ने जिला फूड इंस्पेक्टर, गौतम बुद्ध नगर को लिखित शिकायत सौंपी है। शिकायत में परिवार ने मांग की है कि संबंधित मोमोज विक्रेता के ठेले पर तत्काल छापा डाला जाए और फूड आइटम्स के नमूने लेकर लैब में परीक्षण कराया जाए।
दोषी पाए जाने पर दुकान को सील कर, दुकानदार के खिलाफ FIR दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। परिवार ने अपनी शिकायत के साथ अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट्स, इलाज का बिल, और मौके पर खींचे गए फोटो एवं वीडियो फुटेज भी संलग्न किए हैं।
स्थानीय प्रशासन और फूड सेफ्टी विभाग पर उठे सवाल
इस घटना ने ग्रेटर नोएडा के खानपान व्यवस्था की पोल खोल दी है। स्थानीय लोगों और RWA प्रतिनिधियों का कहना है कि शहर के प्रमुख मार्केट क्षेत्रों जैसे अल्फा-1, परी चौक और जगत फार्म में खुले में बिकने वाले खाने की गुणवत्ता अक्सर सवालों के घेरे में रही है।
ग्रेटर नोएडा RWA महासंघ के अध्यक्ष देवेंद्र टाइगर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हम कई बार प्रशासन से मांग कर चुके हैं कि इन सभी ठेलों, फूड वैन और स्ट्रीट फूड विक्रेताओं की लाइसेंसिंग और स्वच्छता की जांच की जाए, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
आर्य नगर RWA महासचिव वीरेश भाटी ने भी घटना पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि खाद्य विभाग को हर सप्ताह रैंडम टेस्टिंग करनी चाहिए और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।।
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