टेन न्यूज़ नेटवर्क के संस्थापक गजानन माली ने 13 साल पहले की थी विकसित भारत की संकल्पना
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (19 मई 2025): टेन न्यूज नेटवर्क के संस्थापक और पूर्व अनुसंधान अधिकारी, भारत सरकार गजानन माली ने आज से 13 साल पहले एक RWA के 26 जनवरी के समारोह संबोधन में विकसित भारत की परिकल्पना प्रस्तुत की थी। यह अवसर था गणतंत्र दिवस का, जब 26 जनवरी को ग्रेटर नोएडा स्थित गुलमोहर एस्टेट में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देश के भविष्य की दिशा पर अपनी गहन और दूरदर्शी सोच साझा की थी। इस अवसर पर उन्होंने जो विचार प्रस्तुत किए, वे आज भी भारत के विकास के मार्गदर्शन के लिए प्रासंगिक है।
उनकी बातों में राष्ट्र निर्माण, नागरिक सहभागिता और संविधान की शक्ति की स्पष्ट झलक दिखाई देती है।
गजानन माली ने अपने भाषण की शुरुआत 26 जनवरी के महत्व को रेखांकित करते हुए की। उन्होंने कहा कि यह दिन भारत के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिन एक ऐसे गणराज्य की स्थापना का प्रतीक है जो न्याय और समानता के सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हम सब उन बलिदानों के ऋणी हैं जिन्होंने आजादी दिलाने के लिए संघर्ष किया। साथ ही उन्होंने राष्ट्र निर्माण में लगे उन नेताओं और नागरिकों की भी प्रशंसा की, जिन्होंने संविधान की नींव रखी और एक लोकतांत्रिक भारत की रचना की।
अपने संबोधन में श्री माली ने भारत की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं का गौरवगान किया। उन्होंने कहा कि भारत एक प्राचीन सभ्यता वाला देश है और हमें एक समृद्ध मूल्य प्रणाली विरासत में मिली है। अब समय आ गया है कि हम इन मूल्यों के आधार पर एक सशक्त और विकसित राष्ट्र की संरचना करें। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि एक मजबूत अर्थव्यवस्था ही किसी देश को विकासशील से विकसित बना सकती है। इसके लिए हर नागरिक को अपनी व्यक्तिगत प्रगति के साथ-साथ अपने गांव, शहर और देश के विकास में भी योगदान देना होगा।
गजानन माली ने स्पष्ट किया कि भारत को विकसित बनाने की जिम्मेदारी केवल केंद्र या राज्य सरकारों की नहीं, बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक की है। उन्होंने कहा कि चाहे हम किसान हों, उद्यमी हों या कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी, हमें हर क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने का प्रयास करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को विकसित देशों की श्रेणी में लाने के लिए हमें राष्ट्रहित में सोचते हुए अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए। यह कार्य किसी एक व्यक्ति या संस्था का नहीं, बल्कि पूरे देश का है।
अपने भाषण में माली ने भारतीय संविधान की विशेषताओं को भी विस्तार से रेखांकित किया। उन्होंने इसे एक सजीव तथा ऊर्जावान दस्तावेज बताया जो समय की जरूरतों के अनुसार लचीलापन दिखाने में सक्षम है। उन्होंने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के उस ऐतिहासिक वक्तव्य को याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सामाजिक एवं आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति केवल संवैधानिक तरीकों से ही की जानी चाहिए। माली ने यह भी स्वीकार किया कि हमारी संस्थाएं त्रुटिहीन नहीं हैं, फिर भी उन्होंने अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है।
अंत में गजानन माली ने देश के सभी स्तंभों सरकार, संसद, न्यायपालिका, और मीडिया की सामूहिक भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि जब ये सभी एक लक्ष्य के लिए मिलकर प्रयास करते हैं, तो एक सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है। उन्होंने अपने भाषण का समापन एक प्रेरणादायक कविता की पंक्ति “इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन” के साथ किया और भारत को गौरव के शिखर तक पहुंचाने का संकल्प लिया। उनका यह दृष्टिकोण आज भी प्रासंगिक है और देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते करते हुवे उन्होंने ‘विकसित भारत-2047’ का खाका खींचा था । तब से पूरे देश में यात्राओं , सम्मेलनों का आयोजन हो रहा है और देशवासियों को जागरूक करने का प्रयास हो रहा है ।
टेन न्यूज नेटवर्क “विकसित भारत” के विभिन्न पहलुओं पर चर्चाओं का आयोजन टेन न्यूज नेशनल यूट्यूब चैनल से करने का संकल्प लिया । आप का सुझाव , सहयोग एवं योगदान news@tennews.in पर आमंत्रित है ।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।