बिजली बिलों पर सियासी संग्राम, ‘AAP की राह पर चल पड़ी है सरकार’: देवेंद्र यादव, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (12 मई 2025): दिल्ली में बिजली दरों में पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट (PPAC) की बढ़ोतरी को लेकर सियासी तापमान गरमा गया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि “BJP भी अब आम आदमी पार्टी (AAP) की तरह बिजली कंपनियों के हित साधने में जुटी है।” यादव ने कहा कि जनता को 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा करके अब उनके सिर पर महंगाई का बोझ डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रिपल इंजन सरकार जनता से वादाखिलाफी कर रही है। बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्लीवालों की जेब काटी जा रही है। कांग्रेस का दावा है कि यह नीति सीधे-सीधे पूंजीपतियों के हित में है। पार्टी ने इसे BJP का जनविरोधी कदम बताया है।
दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) की ओर से दी गई अनुमति के बाद अब बिजली कंपनियां 13.33% से लेकर 19.22% तक PPAC वसूल सकेंगी। बीएसईएस यमुना 13.33%, बीएसईएस राजधानी 13.54% और टाटा पावर 19.22% की दर से अतिरिक्त शुल्क वसूलेगी। कांग्रेस ने इस फैसले को ‘जनता की कमर तोड़ने की योजना’ बताया है। देवेंद्र यादव ने सवाल उठाया कि जब सरकार को गर्मियों में बिजली मांग बढ़ने की जानकारी थी, तो पहले से तैयारी क्यों नहीं की गई? उन्होंने यह भी कहा कि BJP तीन महीने की अस्थायी बढ़ोतरी की आड़ में स्थायी लूट का रास्ता बना रही है। कांग्रेस ने DERC की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार बिजली कंपनियों के दबाव में काम कर रही है और आम जनता की भलाई से कोई सरोकार नहीं है।
देवेंद्र यादव ने याद दिलाया कि बिजली बिलों में पहले से ही एनर्जी चार्ज, फिक्स्ड चार्ज, सरचार्ज, ट्रांसमिशन व पेंशन चार्ज जैसे कई शुल्क लागू हैं। अब PPAC की बढ़ोतरी ने जनता पर दोहरी मार की स्थिति पैदा कर दी है। यादव ने तंज कसते हुए कहा, “BJP अब AAP की राह पर चल रही है, दोनों में फर्क करना मुश्किल हो गया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि AAP ने भी सत्ता में रहते हुए 2021 से 2024 के बीच लगातार बिजली बिलों में अतिरिक्त शुल्क बढ़ाए। कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि DERC की शह पर बिजली कंपनियों पर 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ा, जिसे अब जनता से वसूला जा रहा है। उन्होंने पूछा कि BJP ने सत्ता में आने के बाद इस मामले की CAG से जांच क्यों नहीं कराई?
यादव ने AAP पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि “घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें।” उन्होंने बताया कि 2021 में AAP ने पेंशन चार्ज को 5% से 7% किया, जबकि 2022 से 2024 के बीच PPAC दरों को 10% तक बढ़ा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियों की आपसी नूरा कुश्ती का खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ रहा है। कांग्रेस ने मांग की कि बिजली कंपनियों के खातों की पारदर्शी जांच करवाई जाए और DERC की स्वायत्तता की समीक्षा हो। पार्टी का कहना है कि जब बिजली निजी कंपनियों के हाथ में दी जाती है, तब नियमन और पारदर्शिता की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। यादव ने कहा कि AAP और BJP दोनों ही पूंजीपतियों के साथ खड़े हैं, जबकि कांग्रेस जनता के साथ है।
BJP की 100 दिन की विकास योजना पर भी कांग्रेस ने जमकर सवाल उठाए। यादव ने कहा कि “हर 15-20 दिन में महंगाई का एक नया झटका दिया जा रहा है।” गैस सिलेंडर, दूध, पेट्रोल-डीजल, सब्जियां, दाल और मसाले तक महंगे किए जा चुके हैं। उन्होंने BJP पर “पूंजीपति संरक्षण” का आरोप लगाते हुए कहा कि ये जनहित नहीं, धनहित की नीतियां हैं। दिल्ली कांग्रेस ने राजधानी की जनता से अपील की है कि वे BJP और AAP की कथनी और करनी को पहचानें। पार्टी ने लोगों से कांग्रेस के साथ जुड़कर जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है। कांग्रेस का दावा है कि वह दिल्ली को फिर से राहत, पारदर्शिता और जवाबदेही वाली सरकार दे सकती है। आने वाले नगर निगम और विधानसभा चुनावों में इस मुद्दे को पार्टी प्रमुखता से उठाने की तैयारी में है।
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