भारतीय सेना के प्रहार से आतंकिस्तान तबाह! | प्रेस कॉन्फ्रेंस में आधिकारिक पुष्टि

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (09 मई 2025): बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर जबरदस्त सैन्य टकराव देखने को मिला। यह संघर्ष भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त कार्रवाई के रूप में सामने आया, वहीं आज भी भारत ने हमला किया जिसमें कराची बंदरगाह को लक्ष्य बनाकर INS विक्रांत से हमला किया गया। यह भारतीय नौसैनिक रणनीति का एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान के 12 ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाने शामिल हैं। इस बीच, पाकिस्तान सेना नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रही है। भारतीय सेना ने इसका सख्त जवाब देते हुए कुपवाड़ा, बारामूला, उरी और पूंछ में पाकिस्तान की भारी गोलाबारी का करारा प्रतिकार किया। पाकिस्तान द्वारा 16 मौतों में से महिलाओं और पांच बच्चों की मौत की खबरें भी सामने आ रही हैं, जिसे भारत एक सुनियोजित युद्ध अपराध के रूप में देख रहा है।

इन घटनाओं के मद्देनज़र भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, जिसका नेतृत्व कर्नल सोफिया कुरैशी, ब्योमिका सिंह ने किया। इस दौरान भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री भी मौजूद रहे। करनल सोफिया कुरैशी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की ओर से अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, फलोदी, उत्तरलाई और भुज जैसे शहरों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले का प्रयास किया गया। हालांकि, भारतीय इंटीग्रेटेड काउंटर एयर डिफेंस सिस्टम और वायु रक्षा प्रणालियों ने इन सभी खतरों को निष्क्रिय कर दिया। आज सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में स्थित वायु रक्षा राडार और मिसाइल प्रणालियों पर जवाबी हमला किया। इस सर्जिकल कार्रवाई में लाहौर स्थित एक प्रमुख रक्षा प्रणाली को नष्ट किया गया। यह हमला न केवल रणनीतिक था, बल्कि इसमें भारत की तकनीकी श्रेष्ठता भी प्रदर्शित हुई।

विक्रम मिस्त्री ने बताया कि इस संघर्ष के बीच एक और महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) नामक आतंकी समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पहले ही TRF को संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव रखा है। अब यह स्पष्ट हो रहा है कि इस आतंकी संगठन के पीछे पाकिस्तान की भूमिका रही है, जिसे अब वह छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है।

भारत ने यह भी आरोप लगाया है कि पाकिस्तान जानबूझकर झूठी सूचनाएं और भ्रामक प्रचार फैला रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह किया जा सके। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और उसके वरिष्ठ मंत्री बार-बार सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं फैलाकर अपनी असलियत छिपाने का प्रयास कर रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है, 1947 से लेकर आज तक पाकिस्तान इसी तरह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धोखा देता आया है।

एक ओर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग कर रहा है, दूसरी ओर भारत ने उसके ट्रैक रिकॉर्ड पर सवाल उठाए हैं। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान के पास अंतरराष्ट्रीय जांचों में सहयोग का कोई स्पष्ट इतिहास नहीं है। इसके उलट उसने आतंकी संगठनों को संरक्षण देने का काम किया है।

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब पाकिस्तान की आक्रामक रणनीति का पुरजोर जवाब देने की स्थिति में है। चाहे वो सीमावर्ती क्षेत्रों पर गोलीबारी हो या आतंकी संगठन TRF की भूमिका—भारत हर मोर्चे पर स्पष्टता, ताकत और रणनीति से जवाब दे रहा है। पाकिस्तान की छटपटाहट उसकी असफल कूटनीति और विफल सैन्य योजनाओं को उजागर कर रही है।


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