दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगेगा कृत्रिम बारिश से ब्रेक, मई-जून में क्लाउड सीडिंग ट्रायल

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (08 मई 2025): दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब तकनीकी उपायों की ओर रुख किया जा रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को हुई दिल्ली कैबिनेट की बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जिसमें क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश के पांच परीक्षणों को मंजूरी दी गई। इस परियोजना के तहत राजधानी और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण कम करने के लिए आकाश से बारिश कराई जाएगी। इसके लिए सरकार ने 3.21 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति दी है, जिससे यह संकेत मिलता है कि दिल्ली सरकार इस तकनीक को गंभीरता से आज़माने के मूड में है।

मई और जून के महीनों में पहला ट्रायल किए जाने की योजना है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि प्रत्येक ट्रायल पर लगभग 55 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि 66 लाख रुपये की राशि एकमुश्त उपकरण स्थापना, विमान की कैलिब्रेशन, रसायन भंडारण और लॉजिस्टिक व्यवस्थाओं पर खर्च की जाएगी। इस तकनीकी परियोजना की पूरी ज़िम्मेदारी आईआईटी कानपुर को सौंपी गई है, जो इसके वैज्ञानिक मूल्यांकन, मॉडलिंग, क्लाउड सीडिंग के लिए जरूरी विमान संचालन और रसायनों के छिड़काव जैसे कार्यों की निगरानी करेगा।

पर्यावरण मंत्री सिरसा ने जानकारी दी कि इन परीक्षणों से पहले सरकार को 13 अलग-अलग मंत्रालयों और एजेंसियों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) लेना होगा। इसमें नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA), रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) सहित कई अन्य संस्थाएं शामिल हैं। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार इन ट्रायल्स को जल्द से जल्द शुरू करने को लेकर प्रतिबद्ध है और खासकर प्रदूषण के गंभीर स्तर वाले समय में क्लाउड सीडिंग को एक आकस्मिक और वैकल्पिक उपाय के रूप में देख रही है।

परियोजना के सफल परीक्षणों के बाद वैज्ञानिक यह मूल्यांकन करेंगे कि क्लाउड सीडिंग तकनीक वर्षा कराने और प्रदूषण कम करने में कितनी प्रभावी है और इसका पर्यावरण पर क्या असर पड़ता है। हालांकि विशेषज्ञों की राय इस पर बंटी हुई है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि कृत्रिम बारिश प्रदूषण नियंत्रण का कोई दीर्घकालिक समाधान नहीं है और इसका असर सीमित अवधि तक ही रहता है। इसके बावजूद, दिल्ली सरकार का यह कदम वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए एक नई दिशा प्रदान कर सकता है।

यह पहली बार है जब दिल्ली जैसे महानगर में बड़े स्तर पर क्लाउड सीडिंग को लेकर गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। यदि यह ट्रायल सफल रहा, तो यह भविष्य में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक वैकल्पिक मॉडल बन सकता है, जिसे देश के अन्य प्रदूषणग्रस्त शहरों में भी अपनाया जा सकेगा। क्या यह तकनीक वाकई राहत दिला पाएगी, यह आने वाले समय और वैज्ञानिक आकलन ही तय करेंगे।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।