Operation Sindoor: शुभम द्विवेदी के परिवार की पहली प्रतिक्रिया, “सिंदूर मिटाने वालों को मिटा दिया गया”
टेन न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर (07 मई 2025): भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एयर स्ट्राइक की। इस कार्रवाई ने न सिर्फ दुश्मनों को चेताया बल्कि देशवासियों को एकजुट कर दिया। शुभम द्विवेदी, जिनकी जान 22 अप्रैल के हमले में गई थी, उनके परिवार के लिए ये दिन एक सच्ची श्रद्धांजलि बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना ने मिलकर जिस साहस का परिचय दिया, वह देश को गर्वित करने वाला है। देशभर में इस ऑपरेशन की सराहना हो रही है।
शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने मेरे बेटे की हत्या का बदला ले लिया।” उन्होंने इसे न्याय का दिन बताया। उनकी आंखों में आंसू थे लेकिन दिल में सुकून था। वह बोले, “जिस पल का हमें पिछले 15 दिनों से इंतजार था, वो आज आया।” पाकिस्तान पर हुए हमले को उन्होंने पूरे देश की जीत बताया। उनका मानना है कि अब आतंकियों को कोई बचा नहीं सकेगा। संजय द्विवेदी ने प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “जो कहा था, वो कर दिखाया।” उन्होंने सेना के पराक्रम को सलाम करते हुए कहा कि आज उनके बेटे की आत्मा को भी शांति मिली होगी। यह सिर्फ उनका नहीं, बल्कि हर उस परिवार का न्याय है जिसने अपनों को खोया। उन्होंने सरकार से इस अभियान को और तेज करने की अपील भी की।
शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी ने भी भावुक होते हुए कहा, “22 अप्रैल से जो आग सीने में जल रही थी, अब वो ठंडी हुई है।” उन्होंने कहा कि आतंकियों ने कहा था, ‘मोदी को बता देना’ आज मोदी ने उन्हें जवाब दे दिया है। उनके शब्दों में देशभक्ति साफ झलक रही थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “जय हिंद, जय हिंदू, जय भारत।” शुभम की पत्नी एशान्या, जिन्होंने हाल ही में अपने पति को खोया, देर रात ऑपरेशन सिंदूर की खबर सुनकर भावुक हो उठीं। उन्होंने कहा, “अब मेरे सिंदूर को मिटाने वाले आतंकी भी मिटेंगे।” उनकी आवाज में दर्द था लेकिन आत्मविश्वास भी। उन्होंने इस हमले को नारी अस्मिता और शौर्य का प्रतीक बताया।
एशान्या ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ हर उस महिला की पीड़ा का जवाब है, जिनके पति या बेटे आतंक का शिकार हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री और सेना को धन्यवाद देते हुए कहा, “आज दिल को सुकून मिला है।” उनका मानना है कि देश ने जो निर्णय लिया, वो भविष्य के लिए भी निर्णायक साबित होगा।पूरा द्विवेदी परिवार आज गर्व और ग़म के मिले-जुले भाव से भरा है। शुभम के छोटे भाई अंशु ने कहा, “भैया का बलिदान व्यर्थ नहीं गया।” उन्होंने बताया कि शुभम हमेशा देश के लिए मर-मिटने को तैयार रहते थे। अब उनका सपना देश ने पूरा कर दिखाया। परिवार ने सरकार से अपील की कि ऐसे ऑपरेशन लगातार चलाए जाएं। गांव में जैसे ही ऑपरेशन सिंदूर की खबर फैली, चारों ओर नारे गूंज उठे। “भारत माता की जय” और “जय जवान” के नारे हर गली में सुनाई देने लगे। लोगों ने दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी। शहीद को गांव का ही नहीं, देश का बेटा कहा गया। गांव वालों ने सेना के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस पूरे घटनाक्रम ने देशभर में एक बार फिर 2019 की बालाकोट स्ट्राइक की यादें ताजा कर दीं। मगर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इस बार और भी व्यक्तिगत हो गया, क्योंकि यह एक-एक शहीद के नाम पर था। यह संदेश है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा। जवाब सिर्फ शब्दों से नहीं, बंदूकों और बमों से दिया जाएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब बदला लेना जानता है। शहीद शुभम द्विवेदी की शहादत ने जिस जवाब की मांग की थी, वो अब पूरा हुआ।।
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