नई दिल्ली (06 मई 2025): सुप्रीम कोर्ट ने पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने न्यायाधीशों की संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक कर दी है। 1 अप्रैल 2025 को पूर्ण पीठ द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार, अब देश की सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीशों की संपत्ति के विवरण सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं। जिन न्यायाधीशों की संपत्ति की जानकारी पहले ही प्राप्त हो चुकी है, उन्हें वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया गया है, जबकि अन्य न्यायाधीशों के विवरण उनकी वर्तमान घोषणाएं प्राप्त होते ही अपलोड किए जाएंगे।
इस नई पहल के तहत संपत्ति विवरणों के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों और स्वयं सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति की संपूर्ण प्रक्रिया भी सार्वजनिक कर दी है। इस प्रक्रिया में हाई कोर्ट कोलेजियम की भूमिका, राज्य सरकारों और केंद्र सरकार की राय, तथा सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की निर्णय प्रक्रिया शामिल है। इसके अलावा यह भी बताया गया है कि नियुक्त न्यायाधीश न्यायिक सेवा से आए हैं या बार से, उनकी सामाजिक श्रेणी (जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक या महिला), उनकी नियुक्ति की तारीख, सिफारिश की तिथि, अधिसूचना की तिथि, और क्या उनका किसी वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से पारिवारिक संबंध है या नहीं—यह सब विवरण अब सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की संपत्ति की घोषणा भी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। उनके पास ₹55.75 लाख की बैंक बैलेंस और फिक्स्ड डिपॉज़िट हैं, जबकि उनके जनरल प्रॉविडेंट फंड (GPF) में ₹1.77 करोड़ की राशि है। उनके पास LIC की एक पॉलिसी है, जिसकी वार्षिक प्रीमियम ₹29,625 से कम है, और शेयरों में लगभग ₹14,000 का निवेश है। इसके अलावा उन्होंने ₹23.87 लाख की अतिरिक्त बैंक और फिक्स्ड डिपॉज़िट जमा भी घोषित की है, ₹64.51 लाख का पीपीएफ खाता, और अपनी पत्नी या परिवार के साथ संयुक्त रूप से ₹1.39 करोड़ के शेयर व म्यूचुअल फंड में निवेश किया है।
चल संपत्तियों के रूप में मुख्य न्यायाधीश के पास 250 ग्राम सोना और 2 किलो चांदी है, जो अधिकतर उपहार या विरासत के रूप में प्राप्त हुई है। उन्होंने 2015 में एक मारुति स्विफ्ट कार भी खरीदी थी। इसके अलावा उनके पास 700 ग्राम अतिरिक्त सोना, 5 किलो चांदी, और कुछ हीरे, मोती व माणिक्य के आभूषण भी हैं, जो पारिवारिक धरोहर या खास अवसरों पर प्राप्त हुए हैं।
वहीं, संपत्ति के मामले में सबसे आगे रहे जस्टिस केवी विश्वनाथन, जिन्होंने ₹120.96 करोड़ से अधिक के शेयर, म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉज़िट व अन्य वित्तीय साधनों में निवेश की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त उनके पास ₹6.43 करोड़ के विरासत में प्राप्त शेयर और ₹1.31 करोड़ की अन्य घोषणाएं भी हैं। उन्होंने RBI की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत दो बार कुल USD 500,000 भी घोषित किए हैं। उनके पास लगभग 1,450 ग्राम आभूषण हैं, जो उपहार या विरासत के रूप में मिले हैं। साथ ही उनके पास दो टोयोटा कारें हैं—हाइब्रिड कैमरी और अल्टिस—जो 2017 में खरीदी गई थीं। यह पहल न केवल न्यायपालिका की पारदर्शिता को सशक्त बनाती है, बल्कि आम जनता को भी यह जानने का अवसर देती है कि देश के सर्वोच्च न्यायिक अधिकारी वित्तीय रूप से किस स्थिति में हैं और उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया कितनी पारदर्शी और व्यवस्थित है।
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